ये बुलडोजर बाबा की पुलिस है जो डीआईजी के आदेश को भी दबा लेती है फाइलों में

Uttar Pradesh अपराध-अपराधी तेरी-मेरी कहानी

लव इंडिया, मुरादाबाद। ये बुलडोजर बाबा की पुलिस है जो डीआईजी के आदेश को भी फाइलों में दबा लेती है और कार्रवाई के बजाए पीड़ित को भटकाती रहती है। जी हां, हम बात कर रहे हैं मुरादाबाद मंडल की और यह कारनामा है अमरोहा पुलिस का।

पीड़ित काट रहा चक्कर

अमरोहा जिले के नौगांवा सादात थानाक्षेत्र के मोहम्मद फैजान ने पुलिस उपमहानिरीक्षक शलभ माथुर को दीपावली के बाद चौथे दिन प्रार्थनापत्र दिया और लाखों के चेक बाउंस के मामले में कोर्ट की सजा से बचने के लिए समझौता करने और फिर से दिए गए चेक को जानबूझकर रुकवा देने के मामले में मोहम्मद जाहिद पुत्र मोहम्मद शकील निवासी पाकीजा मार्केट नई बस्ती नौगांवा सादात जिला अमरोहा के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर न्याय की गुहार लगाई थी। डीआईजी शलभ माथुर ने इस मामले में कार्रवाई के लिए अमरोहा पुलिस को निर्देशित किया था लेकिन आज तक रिपोर्ट दर्ज नहीं हुई अर्थात 1 महीने के बाद भी अमरोहा पुलिस ने डीआईजी के आदेश को फाइलों में दबा कर रखा हुआ है जबकि पीड़ित इस मामले में कई बार अमरोहा सदर के पुलिस क्षेत्राधिकारी से मिल चुके हैं और वह आजकल पर डाल देते हैं।

यह है पूरा मामला

बकौल पीड़ित उन्होंने मोहम्मद जाहिद पुत्र मोहम्मद शकील निवासी, पाकीजा मार्केट, नई बस्ती नौगांवा सादात जिला अमरोहा को रुपए उधार दिए थे और इसकी अदायगी के तौर पर मोहम्मद जाहिद ने दो चेक दिए थे। यह दोनों चेक बैंक से कैंसिल हो गए थे। इसका मुकदमा मुरादाबाद की अदालत में चला और कोर्ट ने 24 मई 2022 को उपरोक्त मुकदमे का फैसला सुनाते हुए अर्थदंड के साथ ही मौहम्मद जाहिद को एक साल के कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के बाद मोहम्मद जाहिद, उनके रिश्तेदार और शुभचिंतकों अब्दुल मोबीन खान पुत्र सनाउल्ला खान निवासी- नई बस्ती, नौगावां सादात, अमरोहा व 3 अन्य ने मामले में समझौता कराया और तीन माह का समय मांगते हुए दो चेक दिला दिए। समझौते के अनुसार चेक क्लियर होने के बाद ही समझौता मान्य होता, लेकिन ज़ाहिद ने चेक को स्टॉप चेक पेमेंट करा दिया। पीड़ित ने मौहम्मद जाहिद व इनके अन्य रिश्तेदार व शुभचिंतकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए न्याय की गुहार लगाई थी।

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