ग्रह-नक्षत: ‘बृहस्पति’ की दुर्बलता बन सकती है आर्थिक स्थिति का कारण

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वैदिक ज्योतिष में सभी नवग्रहों को विशेष दर्ज़ा दिया गया है, जो प्रत्येक व्यक्ति के जीवन को प्रभावित करते हैं। कुंडली में प्रत्येक ग्रह की शुभ या अशुभ स्थिति हर व्यक्ति के जीवन को अलग तरीके से प्रभावित करती है। जहाँ सूर्य की मज़बूत स्थिति सरकारी नौकरी या उच्च पद दिलाती है, वहीं शनि की कमज़ोर स्थिति मनुष्य के जीवन पर नकारात्मक असर डालती है। इस तरह नवग्रहों के गुरु माने जाने वाले बृहस्पति ग्रह को उच्च शिक्षा, धन और ज्ञान का कारक माना गया है।

यही वजह है कि किसी भी क्षेत्र में सफलता प्राप्त करने के लिए बृहस्पति ग्रह की स्थिति महत्वपूर्ण मानी जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि अगर आपकी कुंडली में बृहस्पति कमज़ोर हो तो ये आपके जीवन में अनेक परेशानियों के साथ-साथ आर्थिक समस्याओं का भी कारण बनता है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि कमज़ोर बृहस्पति आपके आर्थिक जीवन को कैसे प्रभावित करता है और किन उपायों की मदद से आप इसे मज़बूत बना सकते हैं। इसके अलावा आप यह भी जानेंगे कि ज्योतिष में बृहस्पति ग्रह का क्या महत्व है।

ज्योतिष में बृहस्पति का महत्व
ज्योतिष के अनुसार, बृहस्पति बुद्धि, भाग्य, धन और उच्च शिक्षा प्रदान करते हैं। साथ ही जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार प्रदान करते हैं। बृहस्पति देव को गुरुवार का दिन समर्पित होता है और इनको पीला रंग अतिप्रिय है। कानून, धर्म, सोना, तिजोरी, संस्कार और मंत्र आदि इन्हीं के अधीन हैं। गुरु ही पंचतत्वों में आकाश तत्व के स्वामी हैं। स्त्रियों के विवाह की पूरी जिम्मेदारी भी बृहस्पति पर होती है यानी कि महिलाओं के विवाह के लिए बृहस्पति की स्थिति अनिवार्य रूप से देखी जाती है। वैदिक ज्योतिष में गुरु धनु और मीन राशि के स्वामी हैं। कर्क इनकी उच्च राशि है और मकर को इनकी नीच राशि माना गया है।

इन भावों में गुरु की दुर्बल स्थिति आर्थिक जीवन को करती है प्रभावित
कुंडली में बारह भाव होते हैं और प्रत्येक भाव में बृहस्पति की अच्छी या बुरी स्थिति लोगों के जीवन को सकारात्मक और नकारात्मक रूप से प्रभावित करती है। अगर इन भावों में बृहस्पति ग्रह की स्थिति मज़बूत न हो तो लोगों को आर्थिक समस्याओं का सामना करना पड़ता है।

छठे भाव: कुंडली के छठे भाव में गुरु की कमज़ोर स्थिति की वजह से व्यक्ति को दुर्बलता और गरीबी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे जातकों को अधिक खर्च करने की आदत होती है और इन्हें 34 वर्ष की आयु में भाग्य के उतार-चढ़ाव जैसी परिस्थितियों से गुज़रना पड़ सकता है।

अष्टम भाव: यदि किसी जातक की कुंडली के अष्टम भाव में बृहस्पति कमज़ोर रूप से विराजमान हों तो उसके आर्थिक मामलों को प्रभावित कर सकते हैं। आपको धन संबंधित क्षेत्रों में परेशानियों से जूझना पड़ सकता है। ऐसे में संभावना रहती है कि पैसा होने के बावजूद भी जातक ऋणी हो जाएगा। साथ ही वह गरीब और डरपोक भी हो सकता है।

कुंडली में कमज़ोर बृहस्पति के संकेत
यदि कुंडली में बृहस्पति कमजोर या फिर पापी ग्रहों से प्रभावित हो, षडबल हीन हो, नीच का हो, तो ऐसे मनुष्य को खून की कमी, बवासीर, वायु विकार, हर्निया, मस्तिष्क, विषाक्त, अण्डाश्य का बढ़ना, शरीर में दर्द, पेट में गड़बड़, नाभी संबन्धित रोग, मानसिक अशांति, कान, गाल-ब्लेडर, बदहजमी, मोतियाबिंद आदि परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है।
बृहस्पति के अशुभ होने पर जातक को अनेक प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं जैसे मधुमेह, पित्ताशय से जुड़े रोग परेशान कर सकते हैं। इसी तरह जन्म पत्रिका में गुरु के नीच, वक्री या बलहीन होने पर किसी इंसान के शरीर की चर्बी में भी बढ़ोतरी होने लगती है और इस वजह से वह मोटापे का शिकार हो सकता है।
अगर बृहस्पति ग्रह पर राहु का नकारात्मक प्रभाव हो तो इंसान को आध्यात्मिकता एवं धार्मिक कार्यों के मार्ग से दूर ले जाता है। ऐसे में धर्म और आध्यात्मिकता के नाम पर जातक दूसरों को धोखा देने से भी नहीं चूकता है।

इन सरल उपायों को करने से बृहस्पति होंगे मज़बूत
गुरु की दुर्बलता के कारण यदि आर्थिक समस्याएं चिंता का विषय बन गई हैं, तो आप अपनी कुंडली में कुछ सरल उपायों की मदद से बृहस्पति को प्रबल कर सकते हैं। आइये जानते हैं उन उपायों के बारे में।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गुरुवार के दिन जातक को ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नानादि करने के पश्चात “ॐ बृं बृहस्पतये नमः” मंत्र का जप करना चाहिए। ऐसा करने से जातक के जीवन में सुख-समृद्धि की वृद्धि होती है। इस दिन स्नान करते समय नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें क्योंकि इसे बेहद शुभ माना गया है।
मान्यताओं के अनुसार, श्री हरि भगवान विष्णु को केले का फल अतिप्रिय है। यही वजह है कि गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा-अर्चना और केले के दान को बहुत ही लाभदायक माना गया है। इस उपाय को करने से विवाह के मार्ग में आ रही बाधाएं दूर होती हैं।
कुंडली में बृहस्पति ग्रह को बलवान बनाने के लिए गुरुवार के दिन गाय को आटे की लोई में गुड़, हल्दी और चने की दाल रखकर खिलाएं।
कुंडली में बृहस्पति ग्रह को प्रबलता प्रदान करने के लिए, गुरुवार के दिन किसी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति को पीली वस्तुओं जैसे पीले वस्त्र, केला आदि का दान अपनी सामर्थ्य के अनुसार करना चाहिए।
गुरु ग्रह की वजह से जिन जातकों को अपने जीवन में धन से जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है, उन्हें बृहस्पतिवार के दिन स्नानादि करने के उपरांत केले के पेड़ की जड़ में एक गुड़ की डली तथा मुट्ठी भर भीगी हुई चने की दाल अर्पित करनी चाहिए। ऐसा करने से आर्थिक समस्याओं का समाधान होने लगता है।
गुरु ग्रह द्वारा शुभ फलों की प्राप्ति के लिए आपको गुरुवार के दिन रुबी, चना दाल, नमक, सोना, पुखराज, हल्दी, पीले चावल, पीले फूल, पीले लड्डू आदि का दान करना चाहिए।

आचार्य संदीप कृष्ण उपाध्याय (ज्योतिषाचार्य) संस्थापक: श्री खाटूश्याम ज्योतिष सेवा केंद्र

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