नंगे पैर 500 किमी पैदल यात्रा करके मुरादाबाद में प्रवेश किया जैन धर्म की प्रख्यात साध्वी ने

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लव इंडिया, मुरादाबाद। रविवार को मुरादाबाद में प्रातः 8 बजे मुरादाबाद में पावन चातुर्मास वर्षायोग के लिए 105 सृष्टि भूषण माताजी का ससंघ भव्य मंगल प्रवेश गाजे-बाजे के साथ लोहागढ़ जैन मंदिर होते हुए जैन धर्मशाला गंज में भव्य प्रवेश किया। प्रवेश के कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिए जैन समाज के प्रमुख लोगों ने जगह-जगह पर स्वागत द्वार, होर्डिंग, फ्लेक्स आदि से नगर के मुख्य मार्गों को सुसज्जित किया तथा जैन समाज के गणमान्य लोगों ने चरण पखार कर मंगल आरती उतारी।

अब मुरादाबाद में बहेगी जिन धर्म की गंगा

माताजी के मंगल प्रवेश एवं चतुर्मास के समाचार से पूरा जैन समाज उल्लासित था। प्रातः काल 6:00 बजे से बच्चे, युवा, माता, बहिने बुजुर्ग सभी माता जी के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते देखे गए। युवा जैन धर्म की जय-जयकार, जैन संतों का त्याग, अहिंसा परमो धर्म, सृष्टि भूषण ,विश्व यश मति माताजी के जयकारे लगाते हुए बैंड बाजों की धुन पर थिरकते हुए चल रहे थे। जैसा कि विदित ही है कि जैन साध्वी नंगे पैर पैदल ही चलती हैं। जैन साध्वी और मुनि किसी वाहन का प्रयोग नहीं करते।

आर्यिका रत्न 105 सृष्टि भूषण माताजी एवम 105 विश्व यश मति माता जी का मुरादाबाद में मंगल प्रवेश

माताजी ने मुरैना जिले अम्बाह नगर से दो माह पूर्व मुरादाबाद के लिये प्रस्थान किया। अनेक स्थानों पर रुकते-रुकाते लगभग 500 किमी पैदल नंगे पैर यात्रा करके आज मुरादाबाद में प्रवेश किया।माता जी के संघ में आर्यिका 105 विश्वयशमति माताजी का भी सानिध्य प्राप्त है। माताजी का चातुर्मास 13 नवम्बर को सम्पन्न होगा। चातुर्मास के मध्य प्रतिदिन प्रवचन, पूजा-विधान, भक्ति, वैया वृत्ति आदि कार्यक्रम होंगे। युवा पीढ़ी को धर्म की शिक्षा और अपनी संस्कृति का ज्ञान देंगी माताजी।

जैन धर्म की प्रख्यात साध्वी पूज्य सृष्टि भूषण एवं विश्व यश मति (ससंघ) माताजी का चतुर्मास मुरादाबाद में

इस अवसर पर उन्होंने माताओं का आह्वान करते हुये कहा कि बेटियों को पढ़ाई के साथ-साथ अपनी संस्कृति और शिक्षा एवं घरेलू कामकाज भी सिखाएं। और बेटियों से आह्वान किया कि वह अपने सास-स्वसुर को अपने माता-पिता की तरह समझें और उनको सम्मान दें।माता जी के स्वागत में रामपुर व अमरोहा जैन समाज के भी काफी सदस्य भारी संख्या में मौजूद रहे।

माता जी की प्रेरणा से टिमिट की स्थापना की गई

इस अवसर पर टीएमयू के संस्थापक वर्षायोग समिति के संरक्षक सुरेश जैन ने पुरानी स्मृतियों को साझा करते हुए बताया कि माता जी की प्रेरणा से टिमिट की स्थापना की गई जो आज तीर्थंकर महावीर विश्वविद्यालय के नाम से भारतवर्ष में मुरादाबाद के नाम को रोशन कर रहा है।माताजी इससे पूर्व सन 2001 में आयीं थी तभी उन्होंने सुरेश जैन द्वारा संचालित शिक्षण संस्थान स्थापित करने को कहा।

इस अवसर पर चातुर्मास कमेटी के अध्यक्ष सर्वोदय जैन, संयोजक अरविंद जैन, दिगंबर जैन समाज के अध्यक्ष अनिल जैन, उपाध्यक्ष राजीव जैन, मंत्री अरविंद जैन, उप मंत्री अशोक जैन, रामगंगा विहार जैन समाज के अध्यक्ष संदीप जैन, महावीर जयंती महोत्सव समिति के अध्यक्ष अनुज जैन, अध्यक्ष महिला जैन समाज नीलम जैन, मंत्री शिखा जैन, टी एम यू ग्रुप वाइस चेयरमैन मनीष जैन, टीएमयू से बीना जैन, रिचा जैन, वर्षायोग समिति मीडिया संयोजक नितिन जैन, लाजपत नगर जैन मंदिर के व्यवस्थापक अभिनंदन कुमार जैन, मझोला के राकेश जैन, जीलाल मोहल्ले से अविनाश जैन, गंज जैन मंदिर के विपिन जैन, सिविल लाइंस से आलोक जैन, पवन कुमार जैन, समीर जैन, विनीत जैन, प्रमोद जैन, शुभम जैन, दीपक जैन, अमन जैन, अंकित जैन, सीमा जैन, सुषमा जैन, अलका जैन, राशि जैन, ऊषा जैन सहित सभी प्रमुख जैन धर्मावलंबी उपस्थित थे।

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