अवैध अस्पतालों को लॉक-अनलॉक करने में चर्चित हुए एसीएमओ

India Uttar Pradesh Uttarakhand अपराध-अपराधी खाना-खजाना

स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी डा. संजीव बेलवाल की कार्यशैली पर उठ रहे सवाल। सील लगाकर फिर खोल दिया पाकबड़ा का अस्पताल

लव इंडिया, मुरादाबाद। स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारी झोलाछाप डाक्टरों के खिलाफ कितनी कमजोर और दिखावटी कार्यवाही करते है। इसका अंदाजा आप उन सील हुए अवैध अस्पतालों को खुला देखकर लगा सकते है। वैसे तो जिले भर में स्वास्थ्य विभाग की टीम सील कर अवैध अस्पतालों को खोलने का मैंच खेल रही है। इस आंख मिचौली के इस खेल में छोटे साहब और उनके सहयोगी काफी चर्चित भी हो चुके है। लेकिन फिर एक ताजा मामले ने स्वास्थ्य विभाग की कार्यवाही पर सवाल खड़े कर दिये है।

ये ताजा मामला पाकबड़ा में सील किये गए अंजलि क्लीनिक से जुड़ा है जिसकी जड़े सीएमओ दफ्तर से जुड़ी है। बताते चले कि एसीएमओ डा. संजीव बेलवाल ने सोमवार की दोपहर को बड़ा मंदिर पाकबड़ा के एक अवैध अस्पताल को सील किया था। इस अस्पताल की संचालिका सविता के खिलाफ स्वास्थ्य विभाग ने संबंधित थाने में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर भी दी लेकिन चंद घंटों बाद ही इस अवैध अस्पताल को पुनः खोलने की अनुमति मौखिक रुप से दी गई।

असल में सविता कोई प्रशिक्षित महिला डाक्टर नही है उनके पास सिर्फ बीएनबाईएस का फर्जी डिप्लोमा है। जिसके सहारे वह अपनी आवासीय बिल्डिंग में नार्मल डिलीवरी कराने का बड़े स्तर पर काम करती है। जिनकी नजदीकियां सीएमओ के छोटे स्टैनों अश्वनी कुमार से है। सीएमओ आफिस में अश्विन कुमार वो मुख्य चहेरा है जिसकी जड़े जिले भर के अवैध अस्पतालों के झोलाछाप डाक्टरों से सीधी जुड़ी है।

विभागीय सूत्रों से ये ज्ञात हुआ है कि सविता रुहेला का फर्जी अस्पताल फिर से चंद घंटों मे खुल जाने का श्रेय भी इन्ही स्टैनों साहब को जाता है। फोन पर सविता के पति राकेश रुहेला ने जानकारी देते हुए बताया कि थाने और स्वास्थ्य विभाग में सांठगांठ होकर खुलवा लिया गया है अब कोई समस्या नहीं है उधर टीम ने एम ए हेल्थ केयर सेंटर को भी सील किया था क्योंकि सविता ने गर्भवती महिला हीरावती को केस बिगड़ने पर यहां भर्ती कराया था।

अंजलि क्लीनिक पर नार्मल डिलीवरी कराने पर नवजात शिशु की मौत हो गई थी। जिसको ऑप्रेशन के बाद एम ए हेल्थ केयर पर मृतक निकाला गया। सील करने की दिखावटी कार्यवाही पर डा. संजीव बेलवाल ने अपना पक्ष रखने की बजाए चुप्पी साध ली क्योंकि अवैध अस्पतालों को सील करके खुलवाने में साहब की मुख्य भूमिका है। ये बात हम इसलिए प्रमाणित तौर पर लिख रहे है कि जितने भी साहब ने अपने कार्यालय में अवैध अस्पताल सील किये है उनको खोल दिया गया है।

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