राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष ने गंभीर आरोप लगाए और राष्ट्रीय अध्यक्ष को लिखा पत्र, दिया इस्तीफा
लव इंडिया, मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश लखनऊ राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉक्टर मकसूद अहमद ने कहा कि 2015 -16 में चौधरी अजीत सिंह के आवाहन पर पूर्व प्रधानमंत्री चौधरी चरण जी के मूल्यों तथा जाट मुस्लिम एकता के साथ किसानों शोषित वंचित वर्गों के अधिकार के लिए संघर्ष हेतु राष्ट्रीय लोक दल में सम्मिलित हुआ और तन मन धन से पार्टी के लिए समपर्ति होकर कार्य करता रहा वर्ष 2016 -17 मैं चौधरी अजीत सिंह जी ने विश्वास व्यक्त करते हुए मुझे प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया जिसके उपरांत संगठन कार्यों में कड़ी मेहनत कर मजबूत करने के लिए अथक प्रयास पार्टी के बुरे दिन दौर में किया मेरे चुनाव शुरू होते ही बाहरी लोगों को टिकट दिए जाने लगा तब पार्टी के पुराने कार्यकर्ताओं ने इस पर आपत्ति व्यक्त की मैं यह जान कस्टमर आ गया कि पार्टी के प्रत्याशियों से दिल्ली कार्यालय में बैठे लोग करोड़ों की मांग कर रहे थे संगठन के दबाव में यह सब मैंने आपको सूचित किया परंतु आप द्वारा कोई कार्यवाही नहीं की गई आपके द्वारा इसे पार्टी हित में बताकर मुद्दा टाल दिया गया दिन में 2:00 बजे पार्टी में आए गजराज सिंह अजय को उसी दिन 4:00 बजे हापुड़ विधानसभा का टिकट दे दिया गया जिससे पार्टी कार्यकर्ताओं का मनोबल टूट गया हापुड़ विधानसभा में आठ करोड़ रुपिया लेकर टिकट बेचने जाने के बाद से पार्टी कार्यकर्ताओं में रोष उत्पन्न हुआ जिसकी सूचना भी मेरे द्वारा आपको दी गई प्रदेश अध्यक्ष होने के नाते हापुड़ यूनिट के कार्यकर्ताओं ने मुझसे यह प्रश्न किया गया कि 2 घंटे में गजराज सिंह ने कौन सी सेवा कर दी जिससे उन्हें टिकट दिया गया जिसका मेरे पास आज तक उत्तर नहीं है पार्टी के कार्यकर्ताओं ने मार्ट तथा सिवाल खास जैसी सीटों को छोड़ने से इंकार कर दिया आपके द्वारा सभी को आश्वासन दिया गया कि मार्ट पर पार्टी ही लड़ेगी इसी क्रम में मार्ट पर हमने उम्मीदवार भी उतारा परंतु संजय राठौर ने आप से मुलाकात की और तत्काल आपके द्वारा मार्ट पर दावेदारी वापस ले ली गई हमारे जाट भाइयों में यह संदेश गया कि आप अखिलेश के आगे कमजोर पड़ रहे हैं और सिलेंडर कर रहे हैं अपनी गिरे सीट भेज दिया जाने का जाट तत्काल आधे हो गए मेरे द्वारा आपको लगातार यह बताया गया कि जाट कॉम अत्यंत संवेदनशील है और उनमें से संदेश जा रहा है कि अखिलेश आपको तथा पार्टी को अपमानित कर रहे हैं परंतु धन संकलन के आगे पार्टी भेज दी गई है नतीजा यह कि जाट मत नाराज होकर अधिक से अधिक बीजेपी में चले गए
मेरे द्वारा मेरठ में आपको तथा श्री अखिलेश जी को चेतावनी दी गई थी कि मुबारक को जनपद आजमगढ़ रुधौली आधी सीटों पर पैसे ना दिए जाने पर टिकट काटे जा रहे हैं जिससे बहुत नुकसान हो रहा है परंतु आप दोनों के द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई मेरे द्वारा आप दोनों नेताओं को यह भी अवगत कराया गया था कि ओमप्रकाश राजभर द्वारा उचित भाषा का प्रयोग चुनाव के कारण का कारण बनता है परंतु आप दोनों के द्वारा इसकी कोई सुध नहीं ली गई थी श्री शिवपाल जी को भी मन भर के से अपमानित किया गया इससे माननीय अखिलेश जी के घमंडी होने का संदेश गया जिससे बदलाव के इच्छुक उतरवा दी मत हमसे सैटरडे गठबंधन के घटक ओं को इतना अपमानित किया गया कि वह चुनाव के सीटें वापस करने की घोषणा करने लगे। श्रीमती कृष्णा पटेल जी तथा उनकी पार्टी को खुद का अपमान किया गया जिसका नतीजा यह हुआ कि पटेल मत गठबंधन से चिपक गया साथी सहयोग कर्ताओं आपके साथ मजबूती से खड़े रहे राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह जी के निधन के उपरांत सम्मान सहित आपको राष्ट्रीय निर्वाचित किया गया। निसंदेह आप ने कड़ी मेहनत कार्यकुशलता से पार्टी अध्यक्ष के रूप में अच्छी भूमिका निभाई मेरे नेतृत्व वाले प्रदेश संगठन ने आपके हर आदेश का पालन किया और सांप्रदायिकता के विरोध सभा की स्थापना के लिए एक सिपाही के रूप में धड़क रहा। किसान आंदोलन ने पार्टी में नई जान फुकी और पार्टी कार्यकर्ताओं ने अपनी मेहनत के बल पर चुनाव में सफलता के लिए तैयार किया और आपको प्रदेश कार्यकारी ने गठबंधन के स्तंभ में सभी निर्णय लेने के लिए अधिकृत किया इसके पश्चात आप द्वारा आश्वासन दिया गया कि पार्टी की पश्चिमी पूर्व मत और बुलंद खंड में समा जनक सीटें प्राप्त होगी हम आपको लगातार सूचित करते रहे कि चुनाव निकट आ गए हैं संगठन के लोग बेचैन है। चुनाव तिथियों के ऐलान के उपरांत भी वह ऐसा असमंजस बन बना रहा जिससे पार्टी महत्वपूर्ण समय गवाया।
राष्ट्रीय लोकदल के प्रदेश अध्यक्ष डॉ मकसूद अहमद ने कहा कि बीजेपी के पुणे सत्ता में आ जाने से मुसलमानों पर जानमाल का संकट उत्पन्न हो गया है। जीता हुआ चुनाव टिकट बेचने और अखिलेश जी के घमंड में चूर होने तथा आपके सुस्त रवैया से हम हार गए दुख हद तो यह कि अभी भी कोई परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है। मेरा आपसे अनुरोध है कि आप तथा अखिलेश जी इन पत्रों का उत्तर दें ताकि पुणे यह गलतियां ना दौड़ाई जाए। यदि आप चाहे तो मुझे पार्टी से निष्कासित कर दें परंतु इन पत्रों का उत्तर दिनांक 21 मार्च को होने वाली बैठक में या उससे पहले जनता के सामने रखें तथा पार्टी तथा गढ़वा बंधन के हित में होगा। यदि आप दोनों इन पत्रों का उत्तर 31 मार्च तक नहीं देते हैं तो इस पत्र को मेरा पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से त्यागपत्र माना जाए।