बीमा कंपनी ने पहले लिखाई फर्जी रिपोर्ट, फंसे तो अब अदा की बीमा धनराशि

Uttar Pradesh

उमेश लव, संभल। यह खबर ऐसे लोगों के लिए अति महत्वपूर्ण है जो बीमा धारक है और ऐसे लोगों के लिए भी यह खबर पढ़ना जरूरी है जिनके परिजनों ने बीमा करा रखा है या फिर बीमा कंपनियां बीमे की रकम अदा करने में आनाकानी कर रही है। इसलिए आप शुरू से आखिर तक इस खबर को गंभीरता से पढ़ें। साथ ही अपने शुभचिंतकों और मित्रों को शेयर भी करें क्योंकि हो सकता है आप ही की तरह आपका कोई मित्र या शुभचिंतक बीमा की रकम ना मिलने से परेशान हो।

दर्ज कराई गई रिपोर्ट की फोटो कॉपी


यह मामला संभल जिले का है। बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी ने पहले जीवन बीमा पालिसी जारी की। बीमाधारक की मृत्यु होने पर नॉमिनी ने क्लेम मांगा तो बीमा कंपनी ने फ़र्ज़ी बीमा पालिसी जारी कराने की रिपोर्ट दर्ज करा दी और अब उपभोक्ता आयोग मे मामला पहुचने पर बीमा धनराशि रुपए 6 लाख भी अदा कर दी।

दर्ज कराई गई रिपोर्ट की फोटो कॉपी
देवेंद्र वार्ष्णेय में उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता


           तहसील चंदौसी के ग्राम धुतरा शेख निवासी श्री प्रकाश  पुत्र राजपाल ने दिनाँक 13/05/2017 को बिरला सन लाइफ इंश्योरेंस कंपनी  से विज़न लाइफ इनकम नामक बीमा पालिसी खरीदी थी दिनाँक 31मई 2027 को श्रीप्रकाश की हार्ट अटैक से आकस्मिक मृत्यु हो गयी चूँकि उसकी पत्नी रुकमणी नॉमिनी थी इसलिए उसने बीमा कंपनी से बीमा धनराशि देने हेतु क्लेम किया तो बीमा कंपनी के अधिकारियों ने दिनाँक 26/09/2019  बीमाधारक की पत्नी रुकमणी के विरूद्ध थाना गुन्नौर मे मुकदमा अपराध स०0445 अंतर्गत धारा 420,467,468,471 इस आशय का पंजिकृत करा दिया कि बीमाधारक की मृत्यु बीमा पालिसी खरीदने से पहले हो चुकी थी और फ़र्ज़ी तरीके से बीमा धनराशि लेने हेतु पालिसी कथित बीमाधारक की मृत्यु होने होने के बाद तथ्यों को छिपाकर खरीदी गई है। जबकि पालिसी धारक की मृत्यु पहले ही हो चुकी थी लेकिन बीमाधारक की पत्नी ने हार नही मानी और उसने उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय के माध्यम से जिला उपभोक्ता आयोग संभल मे वाद योजित किया।

बीमा कंपनी द्वारा दिया गया चेक

मामले की स्थिति को देखते बीमा कंपनी ने अपनी गलती मानते हुए जिला उपभोक्ता आयोग मे चेक के माध्यम बीमा धनराशि रुपए 6 लाख जमा कर दिए। अधिवक्ता देवेंद्र वार्ष्णेय ने बताया कि नॉमिनी के विरुद्ध फ़र्ज़ी मुकदमा दर्ज कराकर बीमा कंपनी ने अपराध किया इसके लिए अलग से कार्यवाही की जा रही है।

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