Kids Kingdom Play School: जहां खेल-खिलौनों से पढ़ाया जाएगा नन्हे मुन्ने बच्चों को

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लव इंडिया, सरायतरीन/संभल। सरायतरीन में किड्स किंगडम प्ले स्कूल का उद्घाटन समारोह भव्य रूप से आयोजित हुआ।कार्यक्रम में शहर के लोग काफी संख्या में पहुंचे।मुख्य अतिथि मुफ्ती उस्मान ने फीता काटकर प्ले स्कूल का उद्घाटन किया।

इस अवसर पर वक्ताओं ने नन्हे मुन्ने बच्चों के लिए प्ले स्कूल की विशेषताएं बताई। बच्चों को प्ले स्कूल में सिखाई जाने वाली एक्टिविटीज के बारे में बताया। मुफ्ती उस्मान ने कहा कि तालीम का बच्चों के अच्छे मुस्तकबिल के लिए बहुत एहम रोल होता है। प्ले स्कूल में नन्हें मुन्ने बच्चों को मजबूत शुरुआत मिलती है। एक बार बच्चे की बुनियाद मजबूत हो जाए तब वह तालीम के मैदान में जबरदस्त तरक्की करता है। वह बच्चे कमजोर रह जाते हैं जिनकी शुरुआती तालीम ठीक नही होती। इसलिए मां बाप को अपने बच्चो को शुरुआती तालीम पर जरूर ध्यान देना चाहिए।

प्रोफेसर डॉ अहमद ने कहा कि बच्चों को पुरानी शिक्षा नीति से नही बल्कि आधुनिक तरीके से पढ़ाने की आवश्यकता है। बच्चे प्रेम की भाषा समझते हैं। उन्हें उनकी समझ के अनुसार ही तालीम दी जाए। मीर शाह आरिफ ने कहा कि उस्ताद का रुतबा वालिदेन से अधिक होता है। स्कूल खोलना आसान होता है, लेकिन इसमें चैलेंज बहुत हैं विपरीत परिस्थितियां आती हैं। दुनिया बहुत आगे पहुंच चुकी है, इसीलिए संजीदगी से अपने बच्चों के भविष्य के बारे में सोचिए।

जल्द आ रहा है…

डॉ आबिद हुसैन हैदरी ने कहा कि अपनी औलाद को जिम्मेदारी से शिक्षा दिलाइए। हालत कैसे भी हों लेकिन तालीम हर एक बच्चे को मिलनी चाहिए। बच्चों को भी अपने मां बाप की मेहनत देखते हुए उनके सपनों को पूरा करना चाहिए। बच्चों की माताओं को अपने बच्चों को मोबाइल में न लगाकर उन्हें तालीम में मदद करनी चाहिए। तालीम इदारों की शिकायत नहीं करनी चाहिए बल्कि मां बाप को घर पर अपने बच्चों को वक्त देना चाहिए। अपनी जिम्मेदारियों से न भागें बल्कि बच्चो को योग्य बनाने को समय दें।

इस अवसर पर स्कूल के मैनेजर शाहवेज फरमूद कहा कि बच्चों को नई तकनीक से पढ़ाने की जरूरत है। बच्चे प्रेम की भाषा समझते हैं। उनका बचपन न छीने, वे आज़ाद रहना चाहते हैं। उन्हें क्लास रूम में कैद न करें। खेलें और सीखें ऐसा माहौल दें। कार्यक्रम का सफल संचालन शफीकुर्रहमान बरकाती ने किया।

शाह आलम रौनक ने कार्यक्रम की शुरुआत करते हुए अपनी शायरी से समां बांध दिया उन्होंने तालीम की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर शारिक़ जिलानी मोहसिन शेरवानी, ज़की शान, जमशेद, ज़ीशान, अरबाब नवाब, मौ अदनान, जुबैर, शाने आलम, आदि लोग सम्मिलित रहे।इस दौरान नन्हे मुन्ने बच्चों ने गाड़ियां चलाईं, स्लाइडर पर स्लाइड किया, झूला झूले, पोएम्स सुनाई।

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