Shanichari Amavasya: सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती, आज जरूर करें शनि स्रोत का पाठ

आज शनिचरी अमावस्या तिथि

चैत्र मास प्रविष्टे 16, रमजान 28, हिजरी 1446 (मुस्लिम) तदनुसार अंग्रेजी तारीख 29 मार्च सन् 2025 ई०। सूर्य उत्तरायण, उत्तर गोल, बसन्त ऋतुः। राहुकाल प्रातः 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक। अमावस्या तिथि सायं 04 बजकर 28 मिनट तक उपरांत प्रतिपदा तिथि का आरंभ। उत्तराभाद्रपद नक्षत्र सायं 07 बजकर 27 मिनट तक उपरांत रेवती नक्षत्र का आरंभ। ब्रह्म योग रात्रि 10 बजकर 03 मिनट तक उपरांत ऐन्द्र योग का आरंभ। नाग करण सायं 04 बजकर 28 मिनट तक उपरांत बव करण का आरंभ। चंद्रमा दिन रात मीन राशि पर संचार करेगा। आज के व्रत त्योहार चैत्र अमावस्या, शनिचरी अमावस्या, गण्डमूल 19:23 से विक्रम संवत 2081 पूर्ण। सूर्योदय का समय 29 मार्च 2025 : सुबह में 6 बजकर 14 मिनट तक। सूर्यास्त का समय 29 मार्च 2025 : शाम में 6 बजकर 37 मिनट तक। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 4 बजकर 42 मिनट तक सुबह में 5 बजकर 28 मिनट तक। विजय मुहूर्त दोपहर 2 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। निशिथ काल मध्यरात्रि रात में 12 बजकर 2 मिनट से रात में 12 बजकर 49 मिनट तक। गोधूलि बेला शाम में 6 बजकर 36 मिनट से 6 बजकर 59 मिनट तक। सुबह में 9 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक राहुकाल रहेगा। इसी के साथ सुबह में 6 बजे से 7 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। दोपहर में 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा। अमृत काल का समय सुबह में 7 बजकर 47 मिनट से 9 बजकर 20 मिनट तक। दुर्मुहूर्त काल सुबह में 6 बजकर 15 मिनट से 7 बजकर 4 मिनट तक। पंचक काल पूरा समय रहेगा।

आज का उपाय : आज शनि स्रोत का पाठ करें

पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन शनि देवता विशेष रूप से प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति को अपने पापों से मुक्ति दिलाने का अवसर प्रदान करते हैं। जो लोग इस दिन व्रत रखते हैं और विधिपूर्वक पूजा करते हैं, उन्हें सुख, समृद्धि और शांति की प्राप्ति होती है।

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, अमावस्या का दिन चंद्रमा के लुप्त होने का दिन होता है। इस कारण मानसिक तनाव, नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का प्रभाव बढ़ सकता है। लेकिन चैत्र अमावस्या पर व्रत और साधना करने से मन मजबूत होता है और नकारात्मकता दूर होती है। शनिचरी अमावस्या पर शनि देव की पूजा की जाती है। शनिचरी अमावस्या पर शनि देव की पूजा करने पर शनि की साढ़े-साती और शनि ढैय्या से छुटकारा मिलता है और भगवान शनि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

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