टीएमयू की हर फैकल्टी अपने में लीडर: वीसी

Uttar Pradesh टेक-नेट शिक्षा-जॉब

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद से संबद्ध टिमिट की ओर से दो दिनी लीडरशिप वर्कशॉप का समापन। छात्रों पर पॉजिटिव इम्पैक्ट जरूरीः प्रो. रघुवीर सिंह। रेस्पेक्टिव इंसान को मैनेज करना सबसे बड़ा चैलेंज। शिक्षकों के प्रति स्टुडेंट्स में होना चाहिए गहरा ट्रस्ट

लव इंडिया, मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के वीसी प्रो. रघुवीर सिंह बोले, हर रेस्पेक्टिव इंसान अपने आप में एक लीडर है, लेकिन समस्या यह है कि वह सोचता नहीं है कि वह लीडर है। प्रत्येक इंसान कहीं न कहीं, किसी न किसी रूप में किसी न किसी टाइम पर दूसरे इंसान को प्रभावित करता है। उस पर इंपैक्ट ड़ालता है। उसकी मदद करता है। कोई भी इंसान जो प्रभावित करने की स्थिति में है, तो वह अपने आप में एक लीडर है। जब हम स्पेशियली एजुकेशन इंस्टीट्यूशन की बात करें तो वास्तव में हमारी हर फैकल्टी एक लीडर है। जब वह क्लासरूम में होता है तो पूरे 60 मिनट एक लीडर के रूप में कार्य करता है। स्टुडेंट्स पर उसका प्रभाव बहुत होता है। इसीलिए हम वर्कशॉप के जरिए यह कोशिश कर रहे हैं कि इंडिविजुल मूमेंट टू मूमेंट बेस पर प्रत्येक दिन जब इंटरेक्ट करते हैं तो किन-किन बातों का ध्यान रखें? कौन-से एक्शन्स का ध्यान रखें? ताकि सुनने वालों पर या स्टुडेंट्स पर एक पॉजिटिव इंपैक्ट जाए।

तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी, मुरादाबाद से संबद्ध टिमिट की ओर से दो दिनी लीडरशिप वर्कशॉप का समापन

प्रो. सिंह तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के टिमिट में लीडरशिप वर्कशॉप के समापन मौके पर बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे।किसी भी संस्थान, चाहे वह बिजनेस, एजुकेशन या अन्य कोई और हो आज सबसे बड़ी बड़ी प्रॉब्लम लोगों को लेकर है। आप देखेंगे सभी जगह पर पीपल मैनेज पीपल। टेक्नोलॉजी को कोई भी मैनेज कर लेगा, क्योंकि टेक्नोलॉजी पेसिव है, लेकिन इंसान को मैनेज करना सबसे बड़ा चैलेंज है। हम यह सिखाने की कोशिश कर रहे हैं कि आप जब भी किसी से इंटरैक्ट करें तो यह सुनिश्चित करें कि लोग आपसे आपके व्यवहार से जुड़ पा रहे हैं। इसके लिए माइंडफुल बनें, विश्वास करने योग्य बनें, सेल्फ लेस बनें, दयालु बनें। आपके जो दूसरे साथी या सपोर्टेड हैं, उनके हार्ट को टच करें। केवल उनके दिमाग के स्तर पर बात न करें। जितना आप उनके हार्ट को टच करेंगे, वे लोग उतना ही आपका साथ देंगे। स्टुडेंट्स का शिक्षक के प्रति गहरा ट्रस्ट होना चाहिए अगर ट्रस्ट नहीं होगा तो शिक्षक भी उनका अच्छे से इम्प्रूवमेंट नहीं कर पाएगा। इसी प्रकार हमारे प्रिंसिपल्स और डायरेक्टर्स को शिक्षकों को डील करना होगा। यह एक एलाइमेंट, है हमारे सीनियर लीडर्स, टीचर्स और स्टुडेंट्स का ताकि ओवरऑल परफोर्मेंस को सुधारा जा सके।

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