अपने भक्त की रक्षा करने के लिए कोई भी अवतार धारण करते हैं भगवान: पं. कवित शास्त्री

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लव इंडिया, सम्भल। जिले ‌के मोहम्मदपुर टांडा गांव में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चतुर्थ सोपान पर गौ वत्स पंडित कवित शास्त्री जी ने प्रहलाद चरित गजेन्द्र मोक्ष समुद्र मंथन की कथा को सुनाकर वामन अवतार की कथा को सुनाते हुए कहा कि राजा बलि ने शुक्राचार्य जी के कहने पर 99 यज्ञ किये उसके बाद राजा बलि देवो को जीतकर तीनों लोकों पर अपना आधिपत्य कर लिया। देवताओं का राजपाठ छिन जाने से देवताओं की माता अदिति ने पयोव्रत का अनुष्ठान किया जिसके फलस्वरूप भादों की द्वादशी तिथि में दोपहर 12 बजे वामन भगवान प्रगट हुए। देवगुरु भगवान बृहस्पति ने उनका यज्ञोपवीत संस्कार किया और भिक्षा में अपने शिष्यों की सम्पत्ति वापिस लाने को कहा। इसके बाद वामन भगवान राजा बलि के यज्ञ में पधारे जिस पर राजा बलि नू वामन भगवान का दिव्य स्वागत किया और दान में कुछ मांगने को कहा। तब वामन भगवान ने राजा बलि से मात्र तीन पग भूमि देने का आग्रह किया। राजा बलि ने सोचा बालक ब्राह्राण के तीन पग होते ही कितने हैं।

उन्होंने सोचा कि मैं तीनों लोकों का स्वामी हूं और मेरे लिए तीन पग भूमि कोई बड़ी बात नहीं है। इस यज्ञ स्थल पर दैत्यों के गुरु शुक्राचार्य भी मौजूद थे। वे वामन अवतार के रहस्य को जान चुके थे कि ये भगवान विष्णु ब्राह्राण के वेश में आये हैं। इसके शुक्राचार्य ने राजा बलि को ऐसा वचन देने से मना कर रहे थे। लेकिन गुरु की सलाह को नजरअंदाज करते हुए राजा बलि ने वामन देव को तीन पग भूमि देने का वचन दे दिया। तब वामन देव ने अपने पहले पग से पृथ्वी और दूसरे पग से आकाश को नाप लिया। अब एक पग नापने के लिए बच गया तब राजा बलि ने कहा कि वामन देव आप तीसरा पग मेरे सिर पर रख सकते हैं। जब भगवान विष्णु जो कि वामन अवतार में उन्होंने जैसे ही तीसरा पग बलि के सिर पर रखा वह पाताल चला गया।

कहा कि भगवान ने बलि को सुतल लोक का राजा बना दिया भगवान राजा बलि के द्वारपाल बने माता लक्ष्मी ने राजा बलि को राखी बांधकर अपने पति को वापिस लेकर आईं। अगले मन्वंतर के इन्द्र आप ही होंगे ऐसा भगवान ने राजा बलि को बचन दिया। इसके गुरूजी ने संक्षेप में श्रीराम अवतार की कथा सुनाकर भगवान श्री के प्राकट्य की कथा को सुनाते सुमधुर भजनों का गायन किया। जिससे कथा में उपस्थित सभी भक्त भगवान की भक्ति में झूम उठे इस मौके पर भारी संख्या में भक्तजनों के साथ मुख्य यजमान के रूप में अनिल शर्मा, मुन्ना सिंह, भूराज सिंह, सुधीश शर्मा, सुभाष शर्मा, सुभाष चौधरी, शिवोम शर्मा, मनोज वर्मा, एवं कांग्रेस के जिलाध्यक्ष बिजय शर्मा उपस्थित रहे।

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