High Court : बिजली का गलत बिल बनाकर परेशान करने वालों की अब खैर नहीं

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यूपी में गलत बिजली बिल बनाने, बिल में फर्जी बकाया दिखाने और फिर मनमानी आरसी जारी कर वसूली करने वो अधिकारियों-कर्मचारियों की अब खैर नहीं है। इलाहाबाद हाईकोर्ट द्वारा दिए गए एक फैसले के बाद उत्‍तर प्रदेश पावर कारपोरेशन ने सभी जिलों के बिजली वितरण खंडों की विशेष आडिट कराने का आदेश बिजली वितरण कंपनियों को दिया है।

दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई और उपभोक्ताओं को मुआवजा कानून का लाभ देने को आदेश

प्रबंधन ने गलत बिल जारी करने और उसकी वसूली करने के दोषी कार्मिकों के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ ही विद्युत नियामक आयोग और शासन द्वारा उपभोक्ताओं के लिए बनाए गए मुआवजा कानून का लाभ देने को आदेश दिया है। हाईकोर्ट के निर्देशों के क्रम में पावर कारपोरेशन के प्रबंध निदेशक पंकज कुमार ने बिजली कंपनियों के प्रबंध निदेशकों को इस आशय का पत्र लिखा है।

आनलाइन शिकायतों का निस्तारण तथा उससे जुड़े समस्त विवरण सुरक्षित रखने का भी निर्देश

अनियमितताएं रोकने को पारदर्शी प्रणाली जनवरी 2023 तक प्रबंध निदेशक ने उपभोक्ताओं द्वारा की गई आनलाइन शिकायतों का निस्तारण तथा उससे जुड़े समस्त विवरण सुरक्षित रखने का निर्देश दिया है। उपभोक्ताओं के बिल (बीजकों) में फर्जी बकाया, गलत बिल जारी करना, आरसी तथा उसकी वसूली में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को चिन्हित कर उनके खिलाफ अप्रैल 2023 से पूर्व कार्रवाई किए जाने का निर्देश दिया है। इससे पूर्व जनवरी 2023 तक इस तरह की अनियमितताओं को रोकने के पारदर्शी प्रणाली विकसित करने को कहा है।

विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत किया

घोटाले रोकने को कहा प्रबंध निदेशक ने घोटालों को पूरी तरह रोकने को कहा है। एमडी ने रिट दायर करने वाले रामपुर के पुत्तन, झांसी के जगदीश प्रसाद, मिर्जापुर के सतीश केसरवानी, बांदा जिले के ब्रम्हदीन को क्षतिपूर्ति का भुगतान किए जाने का आदेश दिया है। विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने हाईकोर्ट के निर्णय का स्वागत किया है।

बिल के पीछे छपवाना होगा क्षतिपूर्ति के नियम

एमडी ने निर्देशित किया है कि मुआवजा (क्षतिपूर्ति) कानून को लागू करते हुए उसका व्यापक प्रचार-प्रसार हर साल जनवरी और जुलाई महीने में किया जाए। मुआवजे की जानकारी से संबंधित पंफ्लेट छपवाने के साथ ही बिजली बिल के पीछे सभी जानकारियां छपवाई जाएं। तय समय में उपभोक्ता की शिकायतों का निस्तारण नहीं होने पर क्षतिपूर्ति का भुगतान विनियमावली 2019 में दिए गए निर्देशों के मुताबिक करने को कहा है।

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