PradhanMantri Jan Arogya Yojana : आयुष्मान कार्ड होने के बाद भी जमा कराएं पांच हजार रुपए

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लव इंडिया, संभल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कमजोर और गरीब तबके के लिए प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना शुरू की और इसके तहत ऐसे लोगों को आयुष्मान कार्ड दिए गए हैं जो बेहद गरीब है और दुख की घड़ी में अपना इलाज तक नहीं करा पाते लेकिन यह एक ऐसा मामला है। जहां हॉस्पिटल प्रधानमंत्री की महत्वपूर्ण योजना को चूना ही नहीं लगा रहे हो बल्कि डबल इंजन की सरकार को भी बदनाम करने पर तुले हुए हैं। जी हां, आप गलत ना समझे बल्कि यही कड़वा सच है और इस मामले में लव इंडिया ने संबंधित हॉस्पिटल का पक्ष भी लेने का प्रयास किया लेकिन इंकार कर दिया गया।

मूलचंद का आयुष्मान कार्ड होने के बावजूद लिए गए रुपए

यह मामला है जनपद के संभल क्षेत्र हॉस्पिटल का और यह हॉस्पिटल है चंदौसी रोड पर। इस हॉस्पिटल को अभी कुछ महीने पहले ही प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत जारी आयुष्मान कार्ड धारकों का मुफ्त इलाज के लिए मंजूरी दी गई है लेकिन शुक्रवार को इसी अस्पताल का एक ऐसा मामला सामने आया है जो डबल इंजन की सरकार अर्थात मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार की कार्यशैली को प्रस्तुति लगा रहा है इतना ही नहीं मुख्यमंत्री योगी जी भ्रष्टाचार मुक्त सुविधाओं को भी चूना ही नहीं लगा रहा बल्कि सरकार को बदनाम भी कर रहा है।

शुक्रवार को गांव केशोपुर भिंडी निवासी बिजेंद्र ने आयुष्मान कार्ड और हॉस्पिटल को लेकर क्या कहा आप खुद सुनिए उसी की जुबानी

शुक्रवार को गांव केशोपुर भिंडी निवासी बिजेंद्र अपने पिता मूलचंद को गंभीर स्थिति में लेकर हॉस्पिटल पहुंचा तो संबंधित डॉक्टर ने मूलचंद को हार्ट अटैक आने की जानकारी देते हुए भर्ती करने को कहा इस पर विजेंद्र ने आयुष्मान कार्ड होने की जानकारी दी और अस्पताल के स्टाफ को दिया लेकिन उसमें भी कार्ड की औपचारिकता पूर्ण करने के बाद ₹5000 जमा करा लिए इतना ही नहीं कुछ दवाएं भी अतिरिक्त मंगाई गई इसी दौरान मूलचंद की मृत्यु हो गई तो विजेंद्र ने शव को ले जाने को कहा। आरोप है की सब देने के लिए भी अस्पताल स्टाफ ने रुपए मांगे। फिलहाल विजेंद्र में इस पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी से की है इस संबंध में लव इंडिया नेशनल ने हॉस्पिटल का पक्ष लेने का प्रयास किया लेकिन किसी ने भी कुछ नहीं कहा। फिलहाल अब देखना यह है कि इस मामले में क्या कार्रवाई होती है। साथ ही हम एक बार फिर यह बताना चाहते हैं कि इस संबंध में संबंधित हॉस्पिटल अगर कुछ कहना चाहता है और कुछ बताना चाहता है तो वह साक्ष्य के तौर पर दे सकता है और उसे हम अपने पाठकों को भी बताएंगे क्योंकि हम सच्चाई से पीछे नहीं हटते…?

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