डॉ. हेडगेवार के स्वप्न को साकार कर बिना भेदभाव के शिवभक्तों के चरण पखारे आरएसएस के स्वयंसेवकों ने

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लव इंडिया, मुरादाबाद । यूं तो मुरादाबाद में अनेकों वर्षों से काँवड सेवा के बहुत सारे शिविर लगते हैं इन शिविरों में भोजन-जलपान, विश्राम की बहुत अच्छी-अच्छी व्यवस्थाएं रहती हैं। शिव भक्त बृजघाट से गंगा जी का जल भर कर बरेली और आगे तक अपने क्षेत्र के मंदिरों में जाकर सोमवार को जल चढ़ाते हैं। इन शिव भक्तों की सेवा के लिए अनेक संस्थाएं आगे आती हैं और व्यवस्थाएं करती हैं।


इसी क्रम में इस वर्ष राधाकृष्ण मन्दिर, दिल्ली रोड के सम्मुख राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ ने कुछ विशेष प्रकार की सेवा व्यवस्थाएं की यह कार्य शनिवार दोपहर से रविवार शाम तक यानि 6-7 अगस्त तक चलेगा।


इस शिविर बिना किसी भेदभाव छुआ-छूत, दलित या सवर्ण, अमीर-गरीब का विचार करते हुए आगंतुक अपरिचित शिवभक्त कांवरियों को अपने शिविर में बुला करके गर्म पानी से अपने हाथों से सभी शिव भक्तों के चरण पखारे गए, विश्राम के लिए स्थान दिया गया, पैर दबाने का कार्य किया गया, आवश्यकतानुसार मरहम पट्टी, दवाइयां दर्द के स्प्रे आदि की समुचित व्यवस्था की गई और उससे शिव भक्तों को बहुत राहत मिली।

विशेष बात यह है कि चरण पखारने वाले और कोई नहीं संघ के सभी वरिष्ठ कार्यकर्ता जैसे विभाग प्रचारक वतन कुमार, क्षेत्र प्रचारक प्रमुख जगदीश शरण, प्रांत व्यवस्था प्रमुख अजय गोयल, विभाग संघचालक ओमप्रकाश शास्त्री, विभाग प्रचार प्रमुख पवन जैन, महानगर संघचालक डॉ विनीत गुप्ता, महानगर कार्यवाह सुरेंद्रपाल सिंह, कपिल नारंग, डॉ बी पी एस लोचब, डॉ दिशांतर गोयल, राहुल शर्मा, विनोद अग्रवाल, प्रिया अग्रवाल, रजनीश जाटव, प्रभात गोयल एडवोकेट, अविनाश गुप्ता, सतीश अरोड़ा, विनीत भटनागर, शुभम चंदेल, हितेश बंसल, इंग्लेश शर्मा एडवोकेट, सुरेंद्र सिंह, दिनेश गुप्ता, अरूण गौड़, डॉ काव्य सौरभ रस्तोगी आदि अनेक कार्यकर्ता सपरिवार दिन-रात वर्षा के समय भी शिविर चलता रहा इस पुनीत पवन कार्य के सहभागी बने। इस अवसर पर सभी अनुसांगिक संगठनों स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मजदूर संघ, संस्कार भारती, सेवा भारती अधिवक्ता परिषद, हिंदू जागरण मंच,अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद, ग्राहक पंचायत, विश्व हिंदू परिषद, नेशनल मेडिको आर्गेनाईजेशन, भारतीय जनता पार्टी, राष्ट्रीय शैक्षिक संघ आदि सांगठनों के कार्यकर्ता सभी प्रकार की व्यवस्थाओं में तन-मन-धन से जुटे हैं।

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