डीएओ ने फसलों को हीट वेव एवं गर्म हवाओं से बचाने के लिए जारी की एडवाइजरी

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लव इंडिया, अलीगढ़। जिला कृषि अधिकारी अमित जायसवाल ने उत्तर प्रदेश राज्य आपदा प्रबन्धन प्राधिकरण द्वारा प्रदत्त निर्देशों के क्रम में जिले के सभी किसान भाईयों को सूचित किया है कि हीट वेब से बचाव प्रबंधन एवं राहत प्रदान करने के लिए प्राधिकरण द्वारा कुछ सावधानियां एवं एवं उपाय बरतने की सलाह दी गई है।

जायसवाल ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि तेज व गर्म हवा चलने की सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए शाम के समय हल्की सिंचाई करें ताकि सुबह तक खेत का पानी सूख जाये। यदि फसल में पानी भरा रहता है तो गर्म हवा चलने से पौधे हिल जायेंगे जिससे जड़े कमजोर होने की दशा में फसल सूखने लगेंगी और दाने कमजोर हो जायेगें। गर्म हवा की सम्भावनाओं को ध्यान में रखते हुए सब्जियों की नर्सरी व जायद फसलों में हल्की सिंचाई नियमित अन्तराल पर की जाए। फसलों के घने पौधे का विरलीकरण (थिनिंग) कर पौध संख्या कम रखी जाये एवं मल्चर रूप में बायो मॉस (जैव उत्पाद) का प्रयोग किया जाए। फसलों में नमी बनाये रखने के लिये मक्का, गन्ने की पुरानी पत्तियों को पौधों से अलग कर उन्हें मल्चर रूप में प्रयोग किया जाए।

उन्हांने बताया कि इस मौसम में वेल वालियों, सब्जियों एवं पछेती मटर में चूर्णिल आसिता रोग के प्रकोप की सम्भावना रहती है। यदि रोग के लक्षण अधिक दिखाई दे तो कार्बाण्डाजिम 01 ग्राम प्रति लीटर पानी की घोल की दर से छिड़काव किया जाऐ। खाद्यान्न फसलों में पोषक तत्वों (नत्रजन) का घोल बनाकर (2 प्रतिशत यूरिया) पर्णीय छिड़काव किया जाये। गर्म हवा के लिये प्रतिरोधी फसलें जैसें- उर्द, मूंग, बाजरा व सब्जियों एवं चारे वाली फसलों की खेती की जाये। किसान भाई वर्तमान समय में गर्मी की अधिकता के चलते धान की नर्सरी मई माह के अन्तिम सप्ताह से डाले उसके पूर्व नर्सरी डालने पर जमाव में कमी हो सकती है। उन्होंने किसान भाइयों को आपदा प्रबन्धन विभाग से जारी पोस्टर द्वारा निर्गत गाइडलाइन का पालन करने की अपील की है।

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