मोदी-योगी की तरह देश की पहली आदिवासी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के आगे-पीछे भी कोई नहीं

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देश की 15 वे राष्ट्रपति के रूप में द्रौपदी मुर्मू एक आदिवासी भारतीय महिला राजनेत्री जो उड़ीसा राज्य में १९९७ से भाजपा की सदस्यता लेने के बाद एक बीजेपी कार्यकर्ता के रूप नगर पंचायत सदस्य, ( कारपोरेटर ) विधायक, मंत्री एवं राज्यपाल के पद को सुशोभित करते हुवे राष्ट्रपति के लिए निर्वाचित हो गई हैं।

भारत के सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन भारतीय जनता पार्टी माननीय प्रधान मंत्री ने भारत के अगले राष्ट्रपति के लिये उनको अपना प्रत्याशी घोषित किया। इसके पहले 2015 से 2021 तक वे झारखण्ड की राज्यपाल थीं।

द्रौपदी मुर्मू का जन्म २० जून १९५८ को ओड़िशा के मयूरभंज जिले के बैदापोसी गांव में एक संथाल परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम बिरंचि नारायण टुडु था। उनके दादा और उनके पिता दोनों ही उनके गाँव के प्रधान रहे।

उन्होंने श्याम चरण मुर्मू से विवाह किया। उनके दो बेटे और एक बेटी हुए। दुर्भाग्यवश दोनों बेटों और उनके पति तीनों की अलग-अलग समय पर अकाल मृत्यु हो गयी। उनकी पुत्री विवाहिता हैं और भुवनेश्वर में रहतीं हैं।द्रौपदी मुर्मू ने एक अध्यापिका के रूप में अपना व्यावसायिक जीवन आरम्भ किया। उसके बाद धीरे-धीरे राजनीति में आ गयीं।

द्रौपदी मुर्मू ने साल 1997 में राइरंगपुर नगर पंचायत के पार्षद चुनाव में जीत दर्ज कर अपने राजनीतिक जीवन का आरंभ किया था।उन्होंने भाजपा के अनुसूचित जनजाति मोर्चा के उपाध्यक्ष के रूप में कार्य किया है। साथ ही वह भाजपा की आदिवासी मोर्चा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की सदस्य भी रहीं है।

द्रौपदी मुर्मू ओडिशा के मयूरभंज जिले की रायरंगपुर सीट से 2000 और 2009 में भाजपा के टिकट पर दो बार जीती और विधायक बनीं। ओडिशा में नवीन पटनायक के बीजू जनता दल और भाजपा गठबंधन की सरकार में द्रौपदी मुर्मू को 2000 और 2004 के बीच वाणिज्य, परिवहन और बाद में मत्स्य और पशु संसाधन विभाग में मंत्री बनाया गया थाद्रौपदी मुर्मू मई 2015 में झारखंड की 9वीं राज्यपाल बनाई गई थीं।

उन्होंने सैयद अहमद की जगह ली थी। झारखंड उच्च न्यायालय के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश वीरेंद्र सिंह ने द्रौपदी मुर्मू को राज्यपाल पद की शपथ दिलाई थी।झारखंड की पहली महिला राज्यपाल बनने का खिताब भी द्रौपदी मुर्मू के नाम रहा। साथ ही वह किसी भी भारतीय राज्य की राज्यपाल बनने वाली पहली आदिवासी भी हैं। द्रौपदी मुर्मू ने 24 जून 2022 में अपना नामांकन किया, उनके नामांकन में पीएम मोदी प्रस्तावक और राजनाथ सिंह अनुमोदक बने|

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