मुसलमान और ईसाइयों से अधिक दोगले लोगों से खतरा है सनातन धर्म को: धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री

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लव इंडिया, मुरादाबाद। श्री राम बालाजी धाम बाबा नीम करोली आश्रम ट्रस्ट (Shri Ram Balaji Dham Baba Neem Karoli Ashram Trust ) के तत्वावधान में हो रही हनुमंत कथा (Hanumantha Katha) के तीसरे दिन पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (Pandit Shri Dhirendra Krishna Shastri) के द्वारा बताया कि हनुमान जी को मंगल मूर्ति कहा जाता है और हनुमान के स्वामी राम जी और राम जी भी मंगल भवन अमंगल हारी है। कथा व्यास जी के द्वारा कहा गया जिस बर्तन में चमचा होता है, वह पूरे बर्तन को खाली करके ही मानता है। इसलिए धर्मगुरु और राजनीतिक लोगों को चमचों से दूर रहना चाहिए।

कथा व्यास जी ने कहा कि कुछ लोग धर्म का काम धन कमाने के लिए करते हैं परंतु हम धन के लिए नहीं करते धर्म के लिए करते हैं। हमारा सिर्फ एक ही उद्देश्य है। भारत भी हिंदू राष्ट्र बन जाए और धर्म विरोधियों की ठठरी बन जाए। इस भारत देश में जितना हमको सनातन धर्म के लिए खतरा मुसलमान और ईसाइयों से नहीं है जितना सनातन धर्म के दोगले लोगों से है उतना ही खतरा उनसे है जो किसी गुरु की माला और अपने अपने को उनका चेला बता कर करते हैं खाते तो सनातन का है और जयकारा अली उल्लाह का लगते हैं।

पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री जी के द्वारा कहा गया की मेरे पागलों हम किसी धर्म के विरोधी नहीं हम किसी मजहब के विरोधी नहीं है लेकिन मेरे पागलों धर्म के लिए मैं सीना छलनी छलनी हो जाता है अगर मेरे धर्म पर घात करेगा तो मैं भी प्रतिघात करूंगा क्योंकि मैं हिंदू हूं हिंदुत्व की बात करूंगा इसलिए मेरे प्रिय आत्माओं सज्जनों इस भारत के भगवान एक है ईश्वर एक है यह बताने के चक्कर में कई ईश्वर पैदा हो गए हैं इसलिए भारतवर्ष के लोगों तुम अंधविश्वास में मत पढ़ना ।जिस प्रकार जब कोई मर जाता है तुम पूजा करने लगते हो तुम मुर्दे को के पुजते हो।

कथा व्यास जी ने बताया कवि हरिशंकर परसाई कहते हैं कि भारत के लोग किसी महानुभूति संत समाज गुरु को तब पूजा करते हैं जब वह मर जाता है जीते जी तुम आंख उठाकर नहीं देखते हो और मर जाने पर उसके जुलूस में शामिल होते हो जीते जी पानी भी नहीं पिलाती और मरने के बाद उसे गंगा जी ले जाते हो जीते जी पिता जी को नमस्कार नहीं करते और मरने के बाद अपने पिता का श्राद्ध करते हो। इसलिए भारतवर्ष के लोगों तुम्हें दुनिया के चक्कर में पढ़ने की आवश्यकता नहीं है तुम हनुमान जी की चरण भर पकड़ लो तो दुनिया का कोई तंत्र मंत्र या कोई यंत्र तुम्हारा बाल बांका नहीं कर सकता है। कथा वाचक ने कहा कि हम सनातन धर्म के लिए जिएंगे और सनातन के लिए ही मरेंगे।

कथावाचक जी के द्वारा हमारे भारतवर्ष में अनेक कथावाचकों के द्वारा माया छोड़ने के लिए प्रवचन भी माया लेकर किए जाते हैं। मुख्य यजमान विनीत कुमार गुप्ता लोहिया, बिभोर कुमार गुप्ता लोहिया, विपिन कुमार गुप्ता लोहिया, विनय कुमार गुप्ता लोहिया परिवार सहित एवं श्री राम बालाजी धाम बाबा नीव करोरी आश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा एवं सभी पदाधिकारी आरती मैं उपस्थित रहे। इस अवसर पर समस्त लोहिया परिवार (Lohia family)भी उपस्थित रहा।

कथा में श्रीमती अवधेश लोहिया श्रीमती कुमकुम गुप्ता नयन तारा गुप्ता शिखा गुप्ता भारती गुप्ता अनुभव लोहिया अनमोल लोहिया आकर्ष लोहिया विवेक शर्मा शुभम भारद्वाज राम रतन शर्मा राजेश सक्सेना गौरव अग्रवाल पंकज सैक्सेना विनोद राय परिश सक्सेना शैलेंद्र प्रकाश गुप्ता विनीत गुप्ता राकेश अग्रवाल अजय नारंग आदि रहे। कार्यक्रम का संचालन बाबा संजीव आकांक्षी के द्वारा किया गया।

पंडित श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पीठाधीश्वर बागेश्वर धाम सरकार(Pandit Shri Dhirendra Krishna Shastri Peethadhishwar Bageshwar Dham Government) मुख्य यजमान विनीत कुमार गुप्ता लोहिया जी एवं श्री राम बालाजी धाम बाबा नीव करोरी आश्रम ट्रस्ट के अध्यक्ष अनिल कुमार शर्मा जी के निज निवास पर जाकर परिवार एवं सभी परिवार के सदस्यों को आशीर्वाद प्रदान किया।

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