स्त्रियों को शिक्षित व अधिकारों के प्रति जागरुक करने में संपूर्ण जीवन व्यतीत किया महात्मा ज्योतिबा फुले ने

India Uttar Pradesh खाना-खजाना खेल-खिलाड़ी टेक-नेट तीज-त्यौहार तेरी-मेरी कहानी नारी सशक्तिकरण युवा-राजनीति शिक्षा-जॉब

लव इंडिया, मुरादाबाद। मंगलवार को गोकुलदास हिन्दू गर्ल्स कॉलेज, मुरादाबाद में आजादी के अमृत महोत्सव के अन्तर्गत बी.एड. विभाग के तत्वाधान में महात्मा ज्योतिबा फुले जी की जयंती के उपलक्ष्य में शिक्षा एवं समाज सुधार में योगदान से सम्बन्धित नारा लेखन कार्यक्रम आयोजित किया गया । इसमें बी.एड. विभाग की सभी छात्राओं ने प्रतिभाग किया ।

महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. चारु मेहरोत्रा ने महात्मा ज्योतिबा फुले जी के जीवन पर प्रकाश डालते हुए बताया कि उनका मूल उद्देश्य स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार प्रदान करना तथा समाज को कुप्रथाओं एवं अंधविश्वास के जाल से मुक्त कराना था । उन्होंने अपना सम्पूर्ण जीवन स्त्रियों को शिक्षा प्रदान कराने तथा उनके अधिकारों के प्रति जागरुक करने में व्यतीत किया । उन्होंने कन्याओं के लिए पुणे में पहली पाठशाला बनवायी थी, उन्होंने सर्वप्रथम अपनी पत्नी सावित्री बाई फुले को शिक्षित किया जो आगे चलकर देश की प्रथम प्रशिक्षित अध्यापिका बनी। इस अवसर पर महाविद्यालय की मुख्य संयोजिका प्रो०अंजना दास ने बताया कि महात्मा ज्योतिबा फुले सामजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ते रहे और लोगों में चेतना फैलाते रहे। वह अपने लक्ष्य से कभी नही भटके,उन्होंने महिलाओं,बालिकाओं तथा आर्थिक रूप से पिछड़े कृषक समुदाय के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए। आधुनिक भारत महात्मा ज्योतिबा फुले जैसे क्रांतिकारी विचारक का आभारी है।

Under the Amrit Mahotsav of Independence at Gokuldas Hindu Girls College, Moradabad on Tuesday, B.Ed. Under the aegis of the department, on the occasion of the birth anniversary of Mahatma Jyotiba Phule, a slogan writing program related to contribution in education and social reform was organized.

विभागाध्यक्षा प्रो. अंशु सरीन ने बताया कि ज्योतिबा फुले जी को स्त्री शिक्षा के ‘आद्य जनक’ की उपाधि ब्रिटिश सरकार द्वारा स्त्री शिक्षा पर विशेष योगदान को देखते हुए दी गई तथा उन्होंने सत्यशोधक समाज की स्थापना की। उनके विचार थे कि ईश्वर एक है और वही सबका कर्ता-धर्ता है। वे एक समाज-सुधारक , प्रबोधक, विचारक, समाजसेवी, लेखक, दार्शनिक तथा क्रांतिकारी कार्यकर्ता थे। उन्हें महिलाओं के उत्थान के लिए किए गए अभूतपूर्व कार्यो के लिए सदा याद किया जाता रहेगा। कार्यक्रम का आयोजन विभागाध्यक्षा प्रो. अंशु सरीन एवं प्रो. एकता भाटिया द्वारा किया गया । इस अवसर पर महाविद्यालय की मुख्य अनुशासिका प्रो०कविता भटनागर, प्रो. किरन साहू, प्रो.पुनीता शर्मा, प्रो. किरन त्रिपाठी, प्रो. अर्पणा जोशी, प्रीती मेहरोत्रा एवं शिवि व्यास आदि की सराहनीय उपस्थिति रही।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *