डेंगू से न घबराएं: बुखार होने पर 1800180 5145 पर करें कॉल

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लव इंडिया, मुरादाबाद। अगर आपको डेंगू के लक्षण हैं तो सरकारी अस्पताल या किसी मान्यता प्राप्त चिकित्सक से संपर्क करें। पहले डेंगू कार्ड से जांच कराएं। पॉजिटिव आने पर एलाइजा जांच कराएं। उसमें डेंगू की पुष्टि के बाद ही डेंगू का इलाज शुरू कराएं। प्रदेश सरकार ने एक हेल्पलाइन (टोल नंबर 1800180 5145) भी सुविधा भी शुरू की है, जिसपर काल करके भी चिकित्सकीय सहायता प्राप्त की जा सकती है। यह निःशुल्क कॉल होती है। इसके अलावा 104 व 1075 या जिला स्तर पर 0591-2412278 पर भी कॉल करके मदद ली जा सकती है।

जिला सर्विलांस अधिकारी डा. प्रवीण श्रीवास्तव के अनुसार आम जनता को इस भ्रम से बाहर आना चाहिए कि डेंगू के हर मरीज को प्लेटलेट्स की आवश्यकता होती है। ऐसा नहीं है। शरीर में प्लेटलेट्स की संख्या बीस हजार से कम होने पर ही इसकी जरूरत पड़ती है। जिनको जरूरत होती है उनके लिए जिला अस्पताल में 24 घंटे प्लेटलेट मौजूद है। उन्होंने अपील की कि छोटे बच्चों को स्कूल भेजते वक्त फुल आस्तीन के कपड़े पहनाकर ही भेजें। दिन में गर्भवती महिलाओं व छोटे बच्चों को मच्छरदानी में ही सुलाएं। किसी प्रकार की सहायता के लिए मुख्य चिकित्सा कार्यालय व कंट्रोल रूम में संपर्क किया जा सकता है।

जिला मलेरिया अधिकारी पीएन यादव ने बताया कि दशहरे के आस-पास हुई बारिश के बाद से डेंगू के मच्छर बढ़ने लगे हैं। संवेदनशील क्षेत्रों में फागिंग और एंटीलार्वा के छिड़काव का काम तेज कर दिया गया है। आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर ट्रैकिंग कर रही हैं। उन्होंने बताया कि जनपद में जनवरी से अब तक 273 डेंगू के केस आए हैं जो बीते साल की तुलना में काफी कम हैं। पिछले साल लगभग 1100 केस आए थे।

सीएमओ डा. एमसी गर्ग ने बताया कि डेंगू आमतौर पर मादा एडीज़ इजिप्टी मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर दिन में काटता है और ठहरे हुए साफ पानी में पनपता है। सीएमओ ने अपील की कि अगर आप डेंगू से प्रभावित नहीं होना चाहते तो मच्छर पनपने वाली संभावित जगहों पर सफाई और केरोसिन या डीजल जरूर डालें। डेंगू बुखार की अवधि लगभग 5-7 दिन तक रहती है और रोगी स्वयं ठीक हो जाता है। उन्होंने कहा कि सभी स्वास्थ्य केन्द्रों पर बुखार रोगियों को भर्ती करने व डेंगू -मलेरिया की जांच की सुविधा है।

लक्षण

• ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार चढ़ना।

• मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होना।

• आंखों के पिछले भाग में दर्द होना।

• अत्याधिक कमजोरी लगना, भूख न लगना, गले में दर्द होना।

• शरीर पर लाल चकते आना घर में कहां मिलते हैं मच्छर।

फील्ड पर काम कर रही टीम का कहना है कि ट्रैकिंग करते वक्त फ्रिज की ट्रे में डेंगू का लार्वा मिलता है। इसके अलावा घर की छत पर पड़े कबाड़ में जमा साफ पानी में भी लार्वा मिल रहा है। इसी तरह सजावटी पौधे भी मच्छरों को पैदा करने में अहम भूमिका निभाते हैं। इसमें मनी प्लांट, लकी बंबू आदि पौधे जो सजावट के लिए घर में या कार्यालयों में रखे जाते हैं।

मच्छर पहुंचेगा वहां, पानी ठहरेगा जहां

• मच्छरों से बचने के लिए पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनें।

• सप्ताह में कूलर, फूलदान और पशु पक्षियों के बर्तन को साफ करें।

• खिड़की पर जाली लगाएं व मच्छरदानी का प्रयोग करेंपुराने टायर, डिस्पोजल कप, कबाड़ में पानी न भरने देंआस- पास की नालियों की सफाई और सड़कों के गड्ढे आदि भरवा लें।

• घर में नीम की पत्तियों का धुआं करें।

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