अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केंद्रीय मंत्री के बंगले पर चलेगा बुलडोजर

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मुंबई। मंगलवार को मुंबई हाईकोर्ट की ओर से केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को करारा झटका देते हुए उनके जुहू स्थित बंगले पर बने अवैध निर्माण को 2 सप्ताह के अंदर गिराने का आदेश दिया गया है। अदालत ने बीएमसी को अवैध निर्माण गिराने का आदेश देते हुए माना है कि बंगले के कुछ हिस्से के निर्माण में कोस्टल रेगुलेशन जोन और फ्लोर स्पेस इंटेक्स का उल्लंघन किया गया है। इतना ही नहीं, खंडपीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए राणे के बंगले में हुए अवैध निर्माण को तोड़ने और फिर से याचिका दाखिल करने पर 10 लाख रुपए जुर्माना भरने का आदेश दिया है।

मुंबई नगर निगम के वकील अनिल साखरे ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि नारायण राणे ने आधिश बंगले में तय निर्माण की अपेक्षा तीन गुना अधिक अवैध निर्माण कार्य किया है। राणे ने इस अवैध निर्माण को नियमित करने की याचिका दाखिल की थी, जिसे कोर्ट नामंजूर कर चुका है।

नारायण राणे की कंपनी कालका रियल इस्टेट की ओर से राणे के बंगले में हुए अवैध निर्माण को नियमित करने की मांग करते हुए फिर से याचिका दाखिल गई। इस मामले की सुनवाई जस्टिस रमेश धानुका और जस्टिस कमल खाता की खंडपीठ के समक्ष 23 अगस्त को हुई थी और खंडपीठ ने अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। आज खंडपीठ ने इस मामले पर फैसला सुनाते हुए राणे के बंगले में हुए अवैध निर्माण को तोड़ने और फिर से याचिका दाखिल करने पर 10 लाख रुपए जुर्माना भरने का आदेश दिया है। हाई कोर्ट ने नारायण राणे की ओर से इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाने के लिए वक्त दिए जाने की मांग को भी ठुकरा दिया है।

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