दहेज प्रतिषेध अधिनियम के तहत प्रदेश के समस्त जनपदों के एडवाइजरी बोर्ड को तत्काल सक्रिय किया जाए

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बिजनौर। अखिल भारतीय दहेज विरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय संयोजक एवं अध्यक्ष रामनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश शासन को भेजे एक पत्र में महिला कल्याण निदेशालय उत्तर प्रदेश के अधीन प्रदेश भर में लंबित पडे दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 8 बी (4) के अंतर्गत एडवाइजरी बोर्ड के तत्काल प्रभाव से गठन की मांग की है।

प्रदेश सरकार को भेजे एक पत्र में अखिल भारतीय दहेज विरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनाथ सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार के शासनादेश 1085/ निदे०म०क०/प्रोबे०/ के द्वारा उत्तर प्रदेश के समस्त जनपदों में दहेज प्रतिषेध अधिनियम 1961 की धारा 8बी (4 )के अंतर्गत एडवाइजरी बोर्ड के गठन हेतु देशभर के प्रत्येक जिलों से पांच पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं को नामित किया गया था। लेकिन एक वर्ष बीत जाने के बाद भी पूरे प्रदेश में दहेज प्रतिषेध अधिनियम एडवाइजरी बोर्ड का किसी भी जनपद में गठन नहीं किया गया है। जबकि पूरे प्रदेश में दहेज उत्पीड़न से संबंधित लाखों मामले विभिन्न अदालतों में विचाराधीन हैं।

प्रदेश सरकार की पहल पर यदि समस्त जनपदों में दहेज प्रतिषेध अधिनियम एडवाइजरी बोर्ड का गठन तत्काल प्रभाव से करा दिया जाए तो निश्चित रूप से दहेज उत्पीड़न से संबंधित मुकदमो में गिरावट आ सकती है। साथ ही विभिन्न अदालतों में विचाराधीन मुकदमों मैं भी गिरावट आ सकती है। दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत प्रत्येक जनपद की इस एडवाइजरी बोर्ड में नामित पांचों सामाजिक सदस्य कार्यकर्ता दहेज उत्पीड़न से संबंधित मामलों के लिए मील का पत्थर साबित हो सकते हैं।

अखिल भारतीय दहेज विरोधी मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामनाथ सिंह ने उत्तर प्रदेश शासन से मांग की है कि दहेज प्रतिषेध अधिनियम के अंतर्गत प्रदेश के समस्त जनपदों में गठित एडवाइजरी बोर्ड को तत्काल प्रभाव से सक्रिय किया जाए। ताकि दहेज उत्पीड़न से संबंधित मामलों पर अंकुश लगाया जा सके और समाज में एक अच्छा मैसेज जा सके।

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