हिंदुस्तानी तालीम के प्रेरणा स्रोत देश के पहले शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद के किरदार को भुलाया नहीं जा सकता

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लव इंडिया, संभल। कनजा फरोग ए उर्दू सोसाइटी संभल के मुख्य कार्यालय में हिंदुस्तानी तालीम के प्रेरणा स्रोत, और भारत के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना आजाद का हिन्दुस्तानी शिक्षा में किरदार विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी में मौलाना आजाद की पैदाइश 11 नवंबर के संबंध में विस्तार पूर्वक चर्चा की गई।

प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी की अध्यक्षता में आयोजित संगोष्ठी में पूर्व चेयरमैन फारसी विभाग जामिया मिलिया इस्लामिया नई दिल्ली, प्रोफेसर इराक रजा जैदी मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे । जबकि विशिष्ट अतिथि के तौर पर हिन्द इन्टर कालेज संभल के पूर्व लेक्चरर अलहाज मास्टर मोहम्मद मकसूद उपस्थित रहे। संगोष्ठी का शुभारंभ अलहाज तनवीर अशरफी ने नाते रसूले पाक पेश करके किया जबकि मीर शाह हुसैन आरिफ ने अतिथियों का परिचय कराया।

मुख्य वक्ता प्रोफेसर इराक रजा जेदी ने कहा कि नए हिंदुस्तान में मौलाना आजाद की शिक्षा के संबंध में जो ख़िदमात हैं, उन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी वर्तमान परिदृश्य में जो सोच थी उसी ने उच्च शिक्षा का ढांचा दिया जिसके कारण हिंदुस्तान में शिक्षा का बोलबाला है। उन्होंने शिक्षा को हर इंसान के लिए आवश्यक करार देते हुए कहा कि इस्लाम के आखिरी रसूल का सबसे अहम आदेश शिक्षा फैलाना है। जिसको हम सब को अपनाना बहुत जरूरी है।

इस अवसर पर डॉ नवेद अहमद खान , डॉ रियाज़ अनवर , हा मैहदी हसन, कारी इलियास , डॉ रययान यूसुफ , और फरमान अब्बासी ने शिक्षा के संबंध में अपने विचार रखें। वही तोफीक आजाद एडवोकेट और शफीक बरकाती ने शिक्षा के संदर्भ कविताएं पेश की। आखिर में किश्वर जहां जैदी ने सभी अतिथियों का शुक्रिया अदा किया। संचालन का कनजा नक़वी ने किया।

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