साहब! बिना रजिस्ट्रेशन के संचालित KGN Nursing Home पर कार्रवाई के लिए बधाई लेकिन आधी अधूरी क्यों…

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लव इंडिया, मुरादाबाद। लव इंडिया नेशनल ने महानगर के प्रिंस रोड स्थित चड्ढा सिनेमा के निकट बिना रजिस्ट्रेशन के केजीएन नर्सिंग होम से पर्दा हटाते हुए फर्जीवाड़े की खबर छापी तो हड़कंप मच गया था। इस पर तत्काल मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. विश्राम सिंह यादव ने एक्शन लिया और संबंधित नोडल अधिकारी को साथ लेकर कार्रवाई की। इसके लिए लव इंडिया नेशनल परिवार की तरफ से बधाई लेकिन पाठक पूछ रहे हैं कि सबकुछ फर्जी होने के बाद सरकार की फजीहत कराने वाले केजीएम नर्सिंग होम पर आधी-अधूरी कार्रवाई क्यों की गई।

लव इंडिया ने किया था खुलासा, यह है पूरा मामला

लव इंडिया, मुरादाबाद। महानगर के प्रिंस रोड पर चड्डा सिनेमा से कुछ आगे गली में KGN Nursing Home संचालित है जो बिना रजिस्ट्रेशन के है और ऐसे लोगों द्वारा चलाया जा रहा है जिनपर कोई डिग्री नहीं है। यूं तो इस नर्सिंग होम के बाहर मरीज और तीमारदारों को रिझाने के लिए कई एमबीबीएस डॉक्टर के नाम लिखे है लेकिन इन नामों वाले डॉक्टर का इस नर्सिंग होम से कोई लेना देना नहीं है। बेसमेंट में चल रहे KGN नर्सिंग होम का जीना इतना संकीर्ण है कि एक साथ तीन व्यक्ति आ जा नहीं सकते और मरीज को स्ट्रेचर पर लाना ले जाना तो और भी ढेड़ी खीर है। यहां कार्यरत एक महिला कर्मी के मुताबिक KGN नर्सिंग होम के संचालन दानिश और फिरोज द्वारा पार्टनरशिप में किया जा रहा है और इनके पास कोई डिग्री भी नहीं है। रजिस्ट्रेशन के सवाल पर जबाव दिया कि सर को मालूम होगा। फिलहाल, मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय से जानकारी की गई तो दो टूक मना कर दिया गया। कार्यवाहक सीएमओ डॉ विश्राम सिंह यादव ने कहा कि जांच कराई जाएगी और प्रमाण न उपलब्ध कराने पर कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में संबंधित नोडल अधिकारी को जांच के लिए कहा है।

बताते चले कि सरकार की कहानी ने केजीएन नर्सिंग होम की अवैध गतिविधियों को लव इंडिया नेशनल ने प्रमुखता से प्रकाशित किया था। जिस पर सीएमओ ने संज्ञान लेकर कार्यवाही कराई। इस बिना रजिस्ट्रेशन के नर्सिंग होम को दो पार्टनर दानिश और फिरोज संचालित कर रहें थे। मजेदार बात ये भी थी कि दानिश और फिरोज ने मरीज और तीमारदारों को रिझाने के लिए कई एमबीबीएस डॉक्टर के नाम लिखे थे लेकिन ये डिग्री धारक चिकित्सक इस नर्सिंग होम में कभी नही आते।

बेसमेंट में चल रहे नर्सिंग होम का जीना इतना संकीर्ण है कि एक साथ तीन व्यक्ति आ जा नहीं सकते और मरीज को स्ट्रेचर पर लाना ले जाना तो और भी ढेड़ी खीर है। ये कहना गलत नहीं है कि अवैध होने के साथ साथ केजीएन नर्सिंग होम मानको के विपरीत चल रहा था। जहां पर गजाला नामक महिला यहां खुद ही ओटी में चीरफाड़ कर मरीजों की जिंदगी से खेल रही थी।

जांच का विषय ये भी है नर्सिंग होम के बाहर लगे बीच बोर्ड और लैटरपैड पर डा. जारा खान (बीएचएमएस) डिग्री लिखी और वह खुद को स्त्री रोग विशेषज्ञ लिखकर मरीज और तीमारदारों को धोखा दें रही थी। वहीं स्वास्थ्य विभाग की आधी अधूरी कार्यवाही पर भी सवाल खड़े हो रहे है। बड़ा सवाल ये भी है कि जब दफ्तर में रजिस्ट्रेशन ही नही है तो ओटी ही सील क्यो की गई। नर्सिंग होम के बाहर मैन गेट पर सील क्यो नही लगाई गई। क्या इसके पीछे स्वास्थ्य विभाग की ओर कोई मंशा है ? या अन्य सील किये गये अवैध अस्पतालों की तरह इस पर विशेष मेहरबानी विभाग के अधिकारी दिखाने का इंतजार कर रहे है?

कार्यवाहक सीएमओ डा. विश्राम सिंह ने बताया कि केजीएन नर्सिंग होम बिना रजिस्ट्रेशन के खुला था जिसमे ओटी भी संचालित थी। झोलाछाप महिला द्वारा सिजेरियन और भ्रूण हत्याएं की लगातार शिकायत मिल रही थी। एसीएमओ डा. संजीव बेलवाल को जांच कर कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया था। जल्द ही कानूनी प्रक्रिया विभाग की ओर से कराई जाएगी।

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