सरकारी आवास पर लाइसेंसी पिस्टल से नायब तहसीलदार ने खुद को गोली मारी, मौत

लव इंडिया, बिजनौर। सरकारी आवास पर लाइसेंसी पिस्टल से नायब तहसीलदार ने खुद को गोली मारी, जिससे उनकी मौत हो गई। आत्महत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो सका है। इसके बाद तहसील क्षेत्र में काम करने वालों के बीच यह चर्चा है कि नायब तहसीलदार के यह कदम क्यों उठाया, उन पर कार्य का बोझ था या किसी अफसर का कोई दबाब या फिर कुछ और, जिसे उन्होंने निजात पाने के लिए अपनी जिंदगी दांब पर लगा दी।

तहसील सदर में नायब तहसीलदार के पद पर तैनात राजकुमार ने बुधवार सुबह लाइसेंसी पिस्टल से खुद के सिर में गोली मार ली। नायब तहसीलदार सरकारी काम से मंगलवार को इलाहावाद कोर्ट गए थे। आज सुबह अपने सरकारी आवास पर लौटे। परिजनों के अनुसार उन्होंने सुबह कमरा बंद कर खुद को गोली मार ली। आवाज सुनकर परिजन पहुंचे। देखा तो दरवाजा अंदर से बंद था।

15 से 20 मिनट तक दरवाजा नहीं खुला, तो दरवाजा तोड़ा तो देखा कि उनके सिर से खून निकल रहा था। आनन-फानन में उन्हें उपचार के लिए निजी अस्पताल लाया गया। डॉक्टर के काफी प्रयास के बावजूद नायब तहसीलदार राजकुमार को बचाया नहीं जा सका और इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया। घटना की सूचना मिलते ही डीएम जसजीत कौर मौके पर पहुंची। बाद में घटनास्थल को सील कर पुलिस और फोरेंसिक टीम ने जांच शुरू कर दी है।

पुलिस ने लाइसेंसों पिस्टल कब्जे में ले ली है। नायब तहसीलदार राजकुमार बागपत के बड़ौत के रहने वाले थे। परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी और दी बेटियां हैं। बड़ी बेटी सात साल, जबकि छोटी बेटी डेढ़ साल की है। परिजनों के मुताबिक इलाहाबाद हाई कोर्ट से लौटने के बाद वह अपने रूम में थे। जबकि परिवार के अन्य लोग दूसरे कमरों में थे, तभी अचानक फायरिंग की आवाज आई तो दरवाजा अंदर से बंद था।

इसके बाद शोर मचाया तो मौके पर एसडीएम सदर रितु रानी, एडीएम प्रशासन विनय सिंह मौके पर पहुंचे। तत्काल तहसीलदार की गाड़ी से अस्पताल ले जाया गया। जहां उनकी मृत्यु हो गई।इसके बाद तहसील क्षेत्र में काम करने वालों के बीच यह चर्चा है कि नायब तहसीलदार के यह कदम क्यों उठाया, उन पर कार्य का बोझ था या किसी अफसर का कोई दबाब या फिर कुछ और, जिसे उन्होंने निजात पाने के लिए अपनी जिंदगी दांब पर लगा दी।

नायब तहसीलदार राजकुमार की मौत पर पूरा परिवार बुरी तरह टूट गया है। राजकुमार सरकारी काम से हाईकोर्ट प्रयागराज गए थे। बुधवार सुबह करीब 9:30 बजे लौटे। घर पर छोटी बेटी साईं को प्यार-दुलार किया। इसके बाद खुद को कमरे में बंद कर लिया। नहाने और तैयार होकर ड्यूटी पर जाने की बात कहते हुए राजकुमार कमरे में दाखिल हुए थे, करीब 20 मिनट तक कमरे का दरवाजा अंदर से बंद रहा। बाद में तोड़ा गया तो बेड पर खून से लथपथ मिले।बेटे की हालत देख पिता कुंवरपाल बिलख पड़े, उनके मुंह से निकला, सब लुट गया अंधेरा हो गया दुनिया में। पिता कुंवरपाल,अधिकारियों से रोते हुए यह गुहार लगाते रहे कि उनके बेटे को किसी तरह से बचा लो..। उधर, राजकुमार की पत्नी आंचल घटना के बाद से बेसुध हो गई।दोपहर बाद तक बेसुध हालत में पड़ी रही।

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