टीएमयू ला काॅलेज भरेगा ऊँची उड़ान, प्रो. हरबंश दीक्षित बने डीन

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लव इंडिया, मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के लिए यह गुड न्यूज़ है, जाने-माने शिक्षाविद प्रो. हरबंश दीक्षित अब यूनिवर्सिटी का अहम हिस्सा हो गए हैं। प्रो. दीक्षित ने टीएमयू काॅलेज ऑफ ला बतौर डीन ज्वाइन कर लिया है। अब ला काॅलेज और ऊँची उड़ान भरेगा, क्योंकि डॉ. दीक्षित की झोली में चार दशक का लम्बा अनुभव है। वह यूपीएचईएससी के चार वर्ष तक सम्मानित सदस्य रहे हैं। इस दौरान आयोग ने तीन हजार प्रवक्ताओं और प्राचार्यो का सलेक्शन किया। इससे पूर्व महाराजा हरिश्चंन्द्र पीजी काॅलेज, मुरादाबाद के प्राचार्य का पद सुशोभित कर चुके हैं। वह केजीके काॅलेज, मुरादाबाद के ला काॅलेज में विभाग के लम्बे समय तक डीन रहे हैं। वह बहुप्रतिभा के धनी हैं।

वह बतौर शिक्षाविद, रिसर्चर और प्रशासक के संग-संग ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट भी रहे हैं। वह मशहूर स्तम्भकार भी हैं। देश के जाने-माने समाचार प़त्रों और पत्रिकाओं में 275 से अधिक उनके लेख प्रमुखता से प्रकाशित हो चुके हैं। प्रो. दीक्षित की विद्वता का लाभ यूनिवर्सिटी को मिलेगा।

टीएमयू के कुलाधिपति सुरेश जैन, जीवीसी मनीष जैन, एग्जिक्यूटिव डायरेक्टर अक्षत जैन के संग-संग वीसी प्रो. रघुवीर सिंह ने प्रो. दीक्षित की नियुक्ति पर खुशी जताते हुए कहा ,प्रो. दीक्षित के टीएमयू का अहम हिस्सा बनने से ला के स्टुडेंटस की प्रतिभा में और निखार आएगा। साथ ही डाॅ. सुशील कुमार सिंह ने ला काॅलेज में बतौर प्राचार्य कार्यभार संभाल लिया हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी से ला में पोस्ट ग्रेजुएट डाॅ. सिंह को टीचिंग में 15 साल का अनुभव हैं। वह डाॅ. राममनोहर लोहिया अवध विश्वविद्यालय से पीएचडी हैं। डाॅ. सिंह के अब तक एक दर्जन नेशनल और इंटरनेशनल रिसर्च पेपर प्रकााशित हो चुके हैं।

प्रो. दीक्षित ने बीएचयू से ला में मास्टर डिग्री और एमजेपी रूहेलखण्ड यूनिवर्सिटी से डाॅक्टरेट की उपाधि प्राप्त की है। प्रो. दीक्षित कासबसे लम्बा कार्यकाल करीब 22 वर्ष केजीके पीजी काॅलेज, मुरादाबाद में रहा है। वह हरियाणा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में ला विभाग के प्रोफेसर और डीन रहे हैं। एमजेपी रूहेलखण्ड यूनिवर्सिटी, बरेली और सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में एग्जिक्यूटिव कांउसिल के मेम्बर रहे हैं। प्रो. दीक्षित स्पोर्टस एग्जिक्यूटिव कमेटी, एग्जामिनेशन कमेटी में रह चुके हैं। अब तक 350 से अधिक गेस्ट लेक्चर दे चुके हैं। तीन पुस्तकें भी लिख चुके हैं। प्रो. दीक्षित चार पुस्तकों का सम्पादन भी कर चुके हैं। चार रिसर्च प्रोजेक्टस के अलावा पचास से अधिक सेमिनार्स में भाग ले चुके हैं। ख़ास बात यह है कि वह यूपी,एमपी,उत्तराखण्ड,छत्तीसगढ़, बिहार सूबों के लोक सेवा आयोग में विशेषज्ञ के रूप में रह चुके हैं। प्रो. दीक्षित का साक्षरता, पर्यावरण सरीखे कार्यक्रमों से भी गहरा नाता रहा है।

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