आखिरकार क्यों दफनाया जा रहा था पंडित का शव, क्या है पूरा मामला, जानने के लिए पढ़ें अंत तक और देखिए वीडियो भी…
निर्मल कांत शुक्ल, Pilibhit News : उत्तर प्रदेश (Uttarpradesh) के जनपद पीलीभीत (District Pilibhit) में बड़े पैमाने पर लालच देकर चंगाई सभा में बुलाकर धर्म परिवर्तन कराने के एक बड़े मामले का कस्बा जहानाबाद (Jahanabad) में गुरुवार को उस समय खुलासा हुआ, जब बीमारी से मरने वाले पंडित प्रमोद कुमार अवस्थी (Pandit Pramod Kumar Awasthi) का शव चर्च की गाड़ी में ताबूत में रखकर उनके घर लाया गया। मरने वाले ब्राह्मण को दफनाने की कोशिश की गई तो पत्नी ने कुछ दिन पहले धर्म परिवर्तन (Religion Change) करना स्वीकार किया। सगे नाते रिश्तेदार विरोध पर उतर आए। हिंदू का शव दफनाने की तैयारी पर हिंदू संगठन भड़क गए। मौके पर पहुंची जहानाबाद पुलिस ने ताबूत में रखे शव को दफनाने से रोक दिया। बाद में हिंदू रीतिरिवाज से शव का दाह संस्कार (Cremation) किया गया।
जहानाबाद थाना क्षेत्र के अंतर्गत कस्बे के मोहल्ला कटरा निवासी प्रमोद कुमार अवस्थी (52) का बीमारी के चलते लखनऊ के एक अस्पताल में निधन हो गया। गुरुवार को सुबह जब चर्च के एक वाहन में प्रमोद का ताबूत में रखा शव जब उसके घर पर पहुंचा तो कस्बे में हड़कंप मच गया। सभी प्रमोद का शव ताबूत में रख कर लाए जाने को लेकर चर्चा करने लगे तब प्रमोद की पत्नी सीमा में खुलासा किया कि वह अपने पति का अंतिम संस्कार ईसाई धर्म के रीति रिवाज के अनुसार करेगी, जिसका नाते रिश्तेदारों ने खुला विरोध शुरू कर दिया।
कस्बे के लोगों का कहना है कि यह तो पता था कि मृतक की पत्नी ईसाई धर्म के लोगों की चंगाई सभा में आया जाया करती है मगर उसने धर्म परिवर्तन कर लिया है, यह बात जब आज मरने के बाद प्रमोद का शव ताबूत में घर आया, तब पत्नी ने खुद ही इस बात का खुलासा किया कि उसने तो ईसाई धर्म अपना लिया है, लिहाजा अपने पति का अंतिम संस्कार वह ईसाई रीति रिवाज के अनुसार ही करेगी। ब्राह्मण जाति के प्रमोद के शव को दफनाए जाने का मामला जब हिंदू संगठनों के संज्ञान में आया तो वह भड़क गए और मामला आला पुलिस अफसरों तक पहुंचा।
योगी सरकार के गन्ना विकास एवं चीनी मिल मंत्री संजय सिंह गंगवार से इस मामले में मदद मांगी गई। मंत्री ने भी अधिकारियों को इस मामले को गंभीरता से लेने और हिंदू धर्म के अनुसार ही मृतक का अंतिम संस्कार कराने के निर्देश दिए। मामला तूल पकड़ता देख जहानाबाद पुलिस मौके पर पहुंची तो मृतक के चाचा ओमप्रकाश ने साफ तौर पर कहा कि वह अपने भतीजे का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से ही करेंगे। शव हरगिज दफनाया नहीं जाएगा।
दोनों पक्षों को बैठाकर बातचीत की गई। बाद में समझौते के तहत प्रमोद के शव को ताबूत से बाहर निकाल कर उसे अर्थी पर रखा गया। अर्थी सजाकर शव को श्मशान घाट ले जाया गया, जहां पुलिस की भारी मौजूदगी में प्रमोद का अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया गया। दफनाने के लिए जिस ताबूत में प्रमोद का शव रखकर लाया गया था, उस ताबूत को भी चिता में डालकर जला दिया गया। कस्बे के लोगों ने बताया कि प्रमोद ब्राह्मण जाति का था। काफी दिनों से बीमार था। लखनऊ में इलाज चल रहा था। लखीमपुर के चर्च के लोगों ने ताबूत में उसके शव को रखवा कर गाड़ी से यहां भिजवाया था।
*लालच देकर कराया था धर्म परिवर्तन : ओम प्रकाश*
मृतक के सगे चाचा ओम प्रकाश अवस्थी का कहना है कि प्रमोद उनका सगा भतीजा था। पता चला कि कुछ दिन पहले लालच देकर ईसाईयों ने उस पर दबाव बनाकर धर्म परिवर्तन करा दिया लेकिन उन्होंने इसका विरोध किया है। उनके विरोध के चलते ही अंतिम संस्कार हिंदू रीति रिवाज से किया गया।
*बातचीत से निपट गया विवाद : अपर पुलिस अधीक्षक*
अपर पुलिस अधीक्षक डॉ. पवित्र मोहन त्रिपाठी ने बताया किसूचना मिलते ही जहानाबाद पुलिस को निर्देशित कर दिया गया था। दोनों पक्षों के बीच में बैठकर बातचीत कराकर मामले का हल निकाल लिया गया। प्रमोद ब्राह्मण जाति का था। उसका हिंदू रीति रिवाज से ही श्मशान में ले जाकर दाह संस्कार करवाया गया है। मौके पर शांति व्यवस्था कायम है। अब किसी प्रकार का कोई विवाद नहीं है। विवाद समाप्त हो चुका है।