यूपी के ऊर्जा मंत्री जी ! मुरादाबाद के बिजली विभाग में ‘दहाड़ी मजदूर से भी कम मीटर रीडरों की वेतन

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उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री जी। यह एक ऐसी खबर है जो प्रदेश के बिजली विभाग के लाखों मीटर रीडरों से जुड़ी हुई है और वह लोग शासकीय नीतियों से दुखी है और आंदोलन की राह पर चलने के लिए तैयार हो रहे हैं और खास बात यह है कि इस संघर्ष में मीटर रीडर के परिवार भी शामिल होंगे।

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार हर मामले में बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़ रही है लेकिन बिजली विभाग के संविदा कर्मचारियों का कोई भला नहीं हो रहा बल्कि यह विभागीय अधिकारियों के साथ-साथ उन कंपनियों के भी शोषण के शिकार हो रहे हैं जिनके मार्फत यह लोग काम कर रहे हैं। ताजा मामला उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद जिले के बिजली विभाग के मीटर रीडर से जुड़ा हुआ है।

मुरादाबाद जिले में कर्नाटक राज्य की qurss corp ltd कंपनी के सुपुर्द रीडिंग का काम है। इस कंपनी मुरादाबाद के प्रथम द्वितीय और तृतीय डिवीजन में लगभग 90 मीटर रीडरों की तैनाती की हुई है। इनका मासिक वेतन 9100 रुपए निर्धारित है और एक मीटर रीडर को 1800 घरों के मीटरों की चेकिंग कर बिल बनाना होता है।

चूंकि, रीडिंग के दौरान मीटर रीडरों को कुछ मीटर खराब मिलते हैं तो रीडर आरडीएफ के तहत रीडिंग कर देता है और उपभोक्ता को बिजली बिल देता है लेकिन यही बात मीटर रीडिंग करने वाली कंपनी के अधिकारियों को रास नहीं आती और मीटर रीडर के वेतन से दो सौ रुपए के हिसाब से कटौती कर रहे हैं।

इस स्थिति के चलते अधिकांश मीटर रीडर के मासिक वेतन से कटौती हो रही है भोपाल मीटर रीडर के हर माह 25 सौ रुपए से लेकर तीन हजार रुपए तक की कटौती वेतन से हो रही है। इस संबंध में कई बार संबंधित बिजली कर्मी और प्रथम द्वितीय और तृतीय डिवीजन के अधिशासी अभियंताओं को मी रीडरों ने अवगत कराया लेकिन कोई भी कुछ नहीं कर पाया। बिजली विभाग के अधिकारियों ने यह कहकर पल्ला झाड़ दिया कि आप प्राइवेट कंपनी के कर्मचारी हैं और उन्हीं से आप इस संबंध में शिकवा शिकायतें करें हम कुछ नहीं कर सकते।

इसी के चलते मुरादाबाद जनपद के प्रथम द्वितीय और तृतीय डिवीजन में कार्यरत मीटर रीडर और उनके परिवार वालों में गुस्सा है और वह आंदोलन की रणनीति तैयार करने में जुटे हैं इस संबंध में जानकारी करने पर मीटर रीडरों ने दो टूक कहा कि दहाड़ी मजदूर से भी कम वेतन और उसमें भी कटौती के चलते अब काम करना असंभव है। इस बीच लव इंडिया नेशनल ने कंपनी के मैनेजर संजीव सिंह का पक्ष लेने के लिए मोबाइल किया लेकिन रिसीव नहीं हुआ जबकि सुपरवाइजर बृजेश कुमार ने कहा कि वह धामपुर एरिया देख रहे हैं। मुरादाबाद के बारे में कुछ नहीं कह सकते।

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