कड़वा सच: फिल्मी तर्ज पर कार्रवाई के बचने के लिए ‘चेहरे पर चेहरा’ लगाया और बन गए ‘जीवन ज्योति’

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लव इंडिया, मुरादाबाद। वर्षों पहले यह फिल्मी गीत लोगों की जुबान पर रहा, जिसके बोल थे-जाने क्यों बदल जाते हैं लोग, चेहरे पर चेहरा लगा लेते हैं लोग..और यह फिल्मी गीत आजकल स्वास्थ्य विभाग में कार्रवाई से बचने का जरिया बन गया है। इसका ताजा उदाहरण पाकबड़ा के समाथल रोड पर संचालित जीवन ज्योति हॉस्पिटल है।

न रहेगा बांस तो बांसुरी कैसे बजेगी…?

पाकबड़ा के समाथल रोड पर जीवन ज्योति हॉस्पिटल (बच्चों का अस्पताल) उसी बिल्डिंग में खुला है, जिसमें मकदूमी हॉस्पिटल संचालित है और इसे तत्कालीन नोडल अधिकारी डॉ. संजीव बेलवाल ने बिना पंजीकरण के संचालित होने पर अवैध माना और सील कर दिया था और रिपोर्ट दर्ज कराने का दावा किया था मगर साहब कहावत है कि जब न रहेगा बांस तो बांसुरी कैसे बजेगी…?

अफसर बदले तो बदल गया हॉस्पिटल का नाम भी

और इसी कहावत को चरितार्थ करते हुए ‘मकदूमी’ गायब हो गया या फिर यूं कहे कि लापता हो गया और इसी बिल्डिंग के उसी बेसमेंट में हॉस्पिटल संचालित हो रहा है। सूत्रों की माने तो हॉस्पिटल का फर्नीचर और स्टाफ भी लगभग वही है, फर्क है तो सिर्फ नाम का, क्योंकि मकदूमी के स्थान पर नया बोर्ड लग गया है और यह नाम है जीवन ज्योति अर्थात जीवन ज्योति हॉस्पिटल। चूंकि, बेसमेंट में हॉस्पिटल संचालित है मगर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इसकी जानकारी नहीं है क्योंकि यहां भी परिवर्तन हो गया और नोडल अधिकारी बदल गए हैं। ऐसे में ‘नए साहब’ को जानकारी का भी अभाव है। इस संबंध में लव इंडिया नेशनल ने हॉस्पिटल के संचालक से संपर्क का प्रयास किया लेकिन कामयाबी नहीं मिली।

अपंजीकृत अस्पताल को सील कर मुकदमा दर्ज कराएं

फिलहाल शिवसेना के मंडल प्रमुख डा.रामेश्वर दयाल तुरैहा ने इस संबंध में सीएमओ कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई है। इसमें कहा है कि यह हॉस्पिटल भवन के बेसमेन्ट में खुला है जिसका पंजीकरण स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर में नहीं है। इस अपंजीकृत अस्पताल में बच्चों का उपचार झोलाछाप डॉक्टरों द्वारा किया जा रहा है। एनआईसीयू/पीआईसीयू भी बनाये गये हैं जिसमें बारमर, फोटोथैरेपी भी रखे हैं। इसी बेसमेंट में पहले संचालित हॉस्पिटल को एक बार स्वास्थ्य विभाग की टीम सील लगा चुकी है। सील तोड़कर बेसमेंट मे फिर से कम्पाउण्डर ने बच्चों का अस्पताल खोल लिया है यहाँ पर बच्चों की जिन्दगी से खिलवाड़ किया जा रहा है। बायोमेडिकल बेस्ट का निस्तारण भी ठीक से नहीं किया जा रहा है। उन्होंने अपंजीकृत अस्पताल को सील कर मुकदमा दर्ज कराने की मांग की है।

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