प्रोफेसर शारिब रुदौलवी के इंतकाल से संभल की अदबी फजा हुई सोगवार

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लव इंडिया,संभल। उर्दू के मशहूर साहित्यकार , आलोचक एवं प्रसिध्द शिक्षाविद प्रोफेसर शारिब रूदौलवी के इनतेकाल से संभल की अदबी फजा सोगवार हो गई। उनके इंतकाल की खबर सुनते ही अल्लामा इकबाल फाउंडेशन संभल की जानिब से एक ताजियती जलसा नूरियो सराय संभल में साईम रजा साहब के आवास पर रात में आठ बजे आयोजित किया गया जिसकी सदारत प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने की ताजियती जलसे में वक्ताओं ने प्रोफेसर शारिब रुदौलवी की इलमी , अदबी खिदमत का जायजा लेते हुए उनकी मौत को उर्दू दुनिया का बड़ा नुकसान करार दिया।

प्रोफेसर सरवत नकी ने उन्हें माहिर ए तालीम बताते हुए उनकी इल्मी , अदबी खिदमत पर रोशनी डाली ! जब के पैकर सभली ,सैयद रहबर हुसैन ने उनकी शख्सियत के रंगारंग पहलुओं पर रोशनी डाली संचालन समाईम राजा ने किया उधर 19 अक्टूबर को सुबह कंजा फ्रोग एनउर्दू समिति हातिम सराय संभल में एक ताजियती जलसे मै उनहै याद किया गया जिसकी सदारत प्रसिद्ध अदीबा डॉक्टर किशवर जहां जैदी ने की।

कार्यक्रम में मशहूर दानिश्वर व अदीब डॉक्टर नसीममुजफ्फर ने कहा की शारिब साहब की खिदमत का महाकमा करना मुश्किल है! लेकिन जदीयत के दौर में उन्होंने तरक्की पसंद अदीब की हैसियत से अपनी शख्सियत को मनवाया! प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने उन से अपने तालुकात को ताजा करते हुए कहा कि वह एक अच्छे उस्ताद होने के साथ-साथ बेहतरीन इंसान भी थे! इस मौके पर सुल्तान मोहम्मद खान कलीम ,शफीक बरकाती ,मोहम्मद जफर आरजू ,डॉक्टर जीनत जेहरा, फरहा जैदी,सैयदा सुंदुस नकवी ने अपने विचार व्यक्त करते हुए उनके अहले खाना और उनके शागिर्दो को ताजियत पेश की ! शहर के मशहूर तालिमी इदरे एमजीएम पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज संभल में एक ताजिती जलसा उर्दू विभाग मै निहायत सादगी के साथ प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।

शुरुआत करते हुए विभाग के उस्ताद डॉक्टर नावेद खान ने कहा कि प्रोफेसर रूदौल्वी की तस्नीफात अहले इल्म के साथ तुलबा के लिए भी कार आमद हैं डा रजा उर रहमान ने उन्हें बेहतरीन नक्काद बताया उनकी तनकीदी तसानीफ पर रोशनी डाली! लखनऊ शिया पीजी कॉलेज के पूर्व प्राचार्य प्रोफेसर सरवत नकी ने कहा कि सारी शारिब साहब ने अपने अमल से यह साबित किया के इल्म अदव के वह सच्चे आशिक हैं !उनकी अखलाकियात दरजा ए कमाल पर थी ! उन्होंने अपने तालिमी इदारे कायम करके अदब के साथ-साथ तालीम के हवाले से भी बेमिसाल कारनामा अंजाम दिए। डॉ रियाज अनवर ने कहा कि जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी दिल्ली के हर दिल अजीज उस्ताद डॉक्टर शारिब के सैकड़ो बा कमल शा थे । उन्होंने कई दर्जन किताबे यादगार छोड़ी है !उनके इंनतकाल से अदबी दुनिया में बड़ा खला हुआ है जिसकी भरपाई नामुमकिन है।

अंग्रेजी विभाग के डॉक्टर मोहम्मद अहमद ने कहा कि प्रोफेसर शारिब उर्दू के उस्ताद होने के बावजूद अंग्रेजी इदब पर भी गहरी नजर रखते थे सदरे जलसा प्रोफेसर आबिद हुसैन हैदरी ने कहा प्रोफेसर शारिब की अनेक मकबूल किताब है !उन्होंने बताया कि आप तरक्की पसंद अदीब हुए उर्दू के हर हल्के में मकबूल थे ! वह इसी यादव को शोषण मीरा निष्कर गहरी नजर रखते थै! उनका इंतकाल उर्दू दुनिया का अजीम खसारा है जिसका पुर होना मुश्किल है ! आखिर में उनकी मगफिरत की दुआ करते हुए सूरह फातिहा पेश की गई!

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