श्री कृष्ण की कीड़ा स्थल के पावन दर्शन से ही धन्य हो जाते हैं भक्त: मृदुल किशोर जी महाराज

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रव इंडिया, मुरादाबाद। श्री राधा कृष्ण मन्दिर दिल्ली रोड में चल रही श्रीमद्भागवत कथा में बाल व्यास मृदुल किशोर जी महाराज ने वृंदावन की महिमा का वर्णन करते हुये बताया कि वृन्दावन भगवान श्रीकृष्ण की क्रीडास्थली है जहां भगवान अपने सभी ब्रजवासियों को साथ लेकर गोकुल से वृन्दावन आ गये। ऐसे वृंदावन की मिट्टी को अपने मस्तक पर धारण करके बड़े- 2 सन्त और भक्त धन्य हो जाते हैं। इसी श्रृंखला में बाल व्यासजी ने कंस वध एवं उद्धव प्रसंग की कथा का वर्णन किया।

भगवान के प्रति गोपियों के प्रेम को बताते हुए कहा कि गोपियों का श्रीकृष्ण के प्रति अनन्य प्रेम था और जिस प्रेम में अनन्यता आ जाती है वहीं भक्ति उपस्थित हो जाती है । बाल व्यास नी ने बताया कि कंस, भगवान से शत्रुता का सम्बन्ध रखता था फिर भी उसका भगवान ने उद्धार किया अर्थात भगवान का किसी भी भाव से स्मरण किया होना चाहिए। रुक्मिणी-कृष्ण विवाह का भी बड़ा ही मधुर वर्णन किया। भक्तों ने झांकी का दर्शन किया। विवाह के गीतों के साथ भक्त थिरके।

कथा में प्रवीन अग्रवाल (CA) विनीत अग्रवा डोरीलाल यादव, नन्दकिशोर उपाध्याय मधुकर शर्मा, सतेन्द्र शर्मा, राकेश शर्मा, कार्तिक, मुरारी, श्रीमती मधुबाला, मधु चतुर्वेदी, गुड़ि‌या शर्मा, कलवती, अंजनी ओमवती, सोनम, निर्मला रेशू रीना, ममता नीरज, यश, रीता, सुधा, प्रदीप शर्मा, पवित्रा सपना, देवांश आदि उपस्थित रहे।

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