खड़ा है आपके दर पर सवाली या रसूल अल्लाह: नसीमुद्दीन कादरी बरकती
लव इंडिया, संभल। सरवत सोशल सोसाइटी ग्रीन हाउस कोट गरबी सम्भल में मिराह फातिमा के यौम विलादत के मौके पर नात रसूल पाक का भव्य आयोजन किया। कारी निजामुद्दीन अशरफी ने कलाम ए रब्बानी की तिलावत कर सभा की शुरुआत की।
बाद में हजरत मौलाना खुर्शीद हुसैन अशरफी ने नात की अजमत को बयान करते हुए कहा कि नात पढ़ना, नात सुनना और नात कहना इबादत है। उन्होंने नात कहने और नात पढ़ने वालों को नात के उसूलों का पालन करने की सलाह दी।
इस मौके पर जियाउर रहमान कादरी बरकती ने कहा।
बुलाएं गे शफीक एक रोज़ आका
यह माना जेब में दिरहम नहीं है।
रहबर कादरी बरकती ने नात पाक पेश करते हुए कहा।
हाथ उठे भी न थे मिल गया सदका तेरा
वाह क्या जूदो करम है शहे बतहा तेरा।
अफजल कादरी नौशाही ने इस अंदाज में मनकबत ख्वाजा गरीब नवाज का नजराना पेश किया और लोगों को सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह कहने पर मजबूर किया।
तेरी शान शान कलंदरी तू बड़ा गरीब नवाज हैं
मेरा बिगड़ा बख्त संवार दे मेरे ख्वाजा मुझ को नवाज दो।
नसीमुद्दीन कादरी बरकती ने अपने बेहद खूबसूरत अंदाज में नात रसूल को कुछ इस तरह पेश किया।
करम की एक नज़र सरकारे आली या रसूल अल्लाह
खड़ा है आपके दर पर सवाली या रसूल अल्लाह।
तनवीर हुसैन अशरफी ने अपना कलाम इस प्रकार प्रस्तुत किया।
पयाम हक सुनाया है नबी ने
हमें अपना बनाया है नबी ने।
शफीकु रहमान शफीक बरकाती ने अपनी नात कुछ ऐसे पेश की कि पूरा मजमा सुभान अल्लाह सुभान अल्लाह की सदाऐ बुलंद करने लगा। बस एक बार ही देखा था ख्वाब में तैय्यबा
मनाजिर अब भी नजर में समाय है क्या क्या।
इस मौके पर मौलाना सलमान अशरफी, नूर चिश्ती, निजामुद्दीन अशरफी, मास्टर अब्दुल हफीज खान सम्भली आदि ने भी नात रसूल पेश की। कार्यक्रम में आदिल खान, वसीउद्दीन, अरद भाई, खान, हाजी याकूब खान, हाफिज मेहंदी हसन, अफाक नौशाही आदि गणमान्य लोग उपस्थित रहे।सलातो सलाम और मुल्कों मिल्लत की भलाई की दुआ के साथ महफ़िल का समापन किया गया।