यूपी के स्कूलों में बच्चों का शोषण रोकने के लिए योगी सरकार का बड़ा कदम, जारी की गई गाइडलाइंस

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार छात्रों की साइबर सिक्योरिटी को लेकर भी सजग है। खासतौर पर साइबर सेक्सुअल हैरेसमेंट के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए सरकार की ओर से गंभीरता से प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में सर्वोदय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को साइबर सुरक्षा देने के लिए समाज कल्याण विभाग ने इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन फंड (आईसीपीएफ) संस्था के साथ एमओयू किया है।इस एमओयू के तहत समाज कल्याण विभाग आईसीपीएफ संस्था के माध्यम से प्रदेश में संचालित समस्त 105 आवासीय सर्वोदय व एकलव्य विद्यालय के छात्र-छात्राओं के शैक्षिक विकास के साथ-साथ समानांतर रूप से साइबर यौन शोषण से सुरक्षा एवं जागरूकता कार्यक्रम चलाएगा।

The Yogi government of Uttar Pradesh is also conscious about the cyber security of the students. Especially, serious efforts are being made by the government to stop the increasing cases of cyber sexual harassment. In this sequence, the Social Welfare Department has entered into an MoU with the India Child Protection Fund (ICPF) organization to provide cyber security to the students of Sarvodaya Vidyalayas. Under this MoU, the Social Welfare Department will run all 105 child protection centers in the state through the ICPF organization. Along with the educational development of the students of the Residential Sarvodaya and Eklavya Vidyalayas, parallelly, the protection and awareness program against cyber sexual exploitation will be run.

छात्र-छात्राओं को मानसिक रूप से किया जाएगा मजबूत

एमओयू के अंतर्गत ‘ट्रेन द ट्रेनर’ पद्धति से प्रत्येक विद्यालय के दो अध्यापकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया जाएगा। प्रशिक्षित मास्टर ट्रेनर द्वारा छात्र-छात्राओं के खिलाफ साइबर शोषण, ऑनलाइन गतिविधियों के दौरान तनाव का मानसिक स्वास्थ्य पर असर, डिजिटल उपकरणों जैसे मोबाइल, टैब, कंप्यूटर इत्यादि को सुरक्षित रखने संबंधी तकनीकी जानकारी एवं कानूनी पहलुओं के संबंध में जागरूक कर सुरक्षित इकोसिस्टम विकसित किया जाएगा।

साथ ही समस्त छात्र-छात्राओं के प्री-इंटरवेंशन एवं पोस्ट-इंटरवेंशन सर्वेक्षण कर तदनुरूप काउंसलिंग कर उनकी समस्याओं का संवेदनशील माध्यम से समाधान किया जाएगा। विद्यालयों में लिखित सामग्री, वीडियो, सॉफ्टवेयर एवं पोस्टर आदि के माध्यम से साइबर यौन शोषण संबंधी जागरूक कर एवं उन्हें मानसिक रूप से मजबूत कर ऐसी घटनाओं पर शिकायत दर्ज करने के लिए भी प्रेरित किया जाएगा। संबंधित संस्था एवं विभाग, विद्यालयों का भ्रमण कर इंपैक्ट एसेसमेंट के लिए फीडबैक प्राप्त कर कार्यक्रम को और अधिक प्रभावी बनाएंगे। कार्यक्रम के दौरान विद्यालयों की कंप्यूटर लैब, टैब-लैब को भी साइबर सुरक्षा के दृष्टिगत आवश्यक सॉफ्टवेयर एवं सुरक्षा मानकों को अपनाकर सुरक्षित किए जाने के संबंध में चर्चा की जाएगी।

बनाया जाएगा सुरक्षित इकोसिस्टम

समाज कल्याण विभाग के राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), असीम अरुण ने कहा कि आईसीपीएफ़ संस्था के माध्यम से सर्वोदय विद्यालय में अध्यनरत छात्र-छात्राओं के साइबर यौन शोषण की रोकथाम हेतु जागरूक कर मानसिक रूप से सशक्त बनाया जाएगा, जिससे सुरक्षित इकोसिस्टम में छात्र-छात्राओं का सर्वांगीण विकास किया जा सके। वहीं आईसीपीएफ के सीईओ ओपी सिंह (पूर्व डीजीपी) ने कहा कि जागरूकता का प्रसार ही इस खतरे से निपटने और इसकी रोकथाम का एकमात्र इलाज है। समाज कल्याण विभाग के सहयोग से हम वंचित तबके को भी सुरक्षित कर सकेंगे।

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