बिजनौर के अधिकांश सफाई कर्मी नदारद, कई गांवों में बीमारियां के फैलने की आशंका

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बिजनौर। जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के अधिकांश गांवो में कूड़े के ढेर गंदगी के ढेरों में बदल गए हैं और संबंधित सफाई कर्मी नदारद रहते हैं। जिसके कारण बरसात की संभावना के चलते गांवो में महामारी एवं भयंकर बीमारियों के फैलने की प्रबल आशंका बनी रहती है।

यूं तो जनपद बिजनौर के समस्त गांवो का सफाई के मामले में बुरा हाल है। लेकिन विकासखंड मोहम्मदपुर देवमल की न्याय पंचायत मंगोलपुरा और न्याय पंचायत बरुकी के गांवो की हालत वर्तमान में बद से बदतर होती जा रही है। समस्त गांवों में मुख्य चौराहों पर, गांव की गलियों में एवं अन्य जगहों पर गंदगी के ढेरों की भरमार है। साथ ही कूड़े से नाली अटी होने के कारण, पानी रुकने से मच्छर भी पैदा हो रहे हैं इसके चलते गांवों में महामारी एवं अन्य बीमारियां फैलने की भी प्रबल आशंका बनती जा रही है।

ग्रामीणों के बार-बार सफाई कर्मियों को टोकने पर एक सफाई कर्मी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि प्रत्येक ग्राम प्रधान सफाई कर्मियों से उनका वेतन निकालने के बदले निश्चित धनराशि लेता है साथ ही जिला पंचायत राज अधिकारी विभाग में कार्यरत कर्मचारी उनको संरक्षण देते हैं और उसके बदले निश्चित धनराशि प्रतिमाह उनको पहुंचा दी जाती है। इसीलिए जनपद के किसी भी सफाई कर्मचारी का आज तक कुछ भी नहीं बिगड़ा जा सका है। चाहे वह कोई कार्य करें अथवा ना करें। और यही वजह है कि सफाई कर्मचारी अपनी अपनी ग्रामसभा में अपनी मनमर्जी से कार्य करते हैं।

ग्रामीण क्षेत्र में फैली अव्यवस्था पर संबंधित ग्राम वासियों ने आपत्ति जताते हुए जिला पंचायत राज अधिकारी विभाग से मांग की है कि प्रत्येक गांव में सफाई कर्मियों को कम से कम हफ्ते में दो बार तो अवश्य सफाई करनी ही चाहिए। जिससे गांव में गंदगी का साम्राज्य न हो सके। और ग्रामीण स्वच्छता की जिंदगी जी सकें। लेकिन सफाई कर्मचारियों के कानों पर ग्रामीणों के कहने की कोई जू नहीं रेंगती है। उनका साफ साफ कहना होता है कि जब तक हमें उच्च अधिकारी आदेश नहीं देते तब तक हम गांव में अपनी ही मर्जी से कार्य करेंगे।

यहां यह भी गौरतलब है कि ड्यूटी के दौरान एवं ड्यूटी के बाद भी जनपद के अधिकांश सफाई कर्मचारियों को नशे की हालत में देखा जा सकता है। अब देखना है कि जिला पंचायतराज अधिकारी कार्यालय से जनपद के सफाई कर्मचारियों पर कोई कार्यवाही होती है अथवा यूं ही केंद्र मे एवम प्रदेश सरकार का स्वच्छता अभियान भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ता रहेगा।

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