मुरादाबाद से लखनऊ और फिर दिल्ली तक विनोद अग्रवाल का जलवा
उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। इस बार विनोद अग्रवाल नहीं… के फैसले के बाद आखिरकार भारतीय जनता पार्टी को अपने निर्णय पर जिला, मंडल के बाद उत्तर प्रदेश भाजपा हाईकमान ने मुरादाबाद के महापौर के टिकट पर गहन मंथन किया और गेंद को राष्ट्रीय भाजपा की और फेंक दिया इसके बाद एक-दो घंटे नहीं बल्कि 24 घंटे से भी अधिक के मंथन विचार विमर्श और मोबाइल राय के बाद राष्ट्रीय हाईकमान ने विनोद अग्रवाल के नाम पर ही सहमति जटा दी और इसके बाद अब से कुछ देर पहले ही मुरादाबाद नगर निगम से निवर्तमान महापौर विनोद अग्रवाल के नाम की घोषणा कर दी।
निवर्तमान महापौर विनोद अग्रवाल के नाम की घोषणा के बाद भाजपा के उन कागजी चेहरों के रंग उड़ गए जो भाजपा से महापौर का टिकट पाने का ख्वाब देख रहे थे और कुछ ही दिनों से लोगों को सीताराम सीताराम कर रहे थे।
असल में निवर्तमान महापौर विनोद अग्रवाल भारतीय जनता पार्टी के ही नहीं बल्कि मुरादाबाद के गली मोहल्ला के ऐसे नेता जी हैं जिन्हें हर कोई जानता है गंभीर से गंभीर मुद्दे को बातों ही बातों में हल कर देने वाले विनोद अग्रवाल से पहले उनकी पत्नी बीना अग्रवाल मुरादाबाद नगर निगम की दो बार मेयर रहीं। बिना अग्रवाल की मौत के बाद से विनोद अग्रवाल ही मुरादाबाद नगर निगम के महापौर हैं और ऐसे में यह चर्चा आम थी कि इस बार मुरादाबाद में भारतीय जनता पार्टी महापौर के प्रत्याशी को बदलने जा रही है क्योंकि सूत्रों की माने तो मुरादाबाद से यही रिपोर्ट हाईकमान को गई हुई थी। इसी के कारण राज्य हाईकमान को ललित कौशिक के बाद ब्राह्मणों की नाराजगी के मुद्दे पर विचार-विमर्श भी करना पड़ा और इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के पूर्व जिला अध्यक्ष हरिओम शर्मा मुरादाबाद देहात के पूर्व प्रत्याशी केके शर्मा, मदालसा शर्मा समेत कई नामों पर चर्चा करनी पड़ी इतना ही नहीं पंजाबी समाज से प्रेम चुनरिया वाले सतीश अरोड़ा जो विश्व हिंदू परिषद के प्रांतीय नेता है ने भी दावेदारी कर दी और कायस्थ समाज की तरफ से महेंद्र सिंह बब्बू ने भी आवेदन किया था इसके अलावा खुद को ऑटो चालकों का नेता कहने वाले किशन लाल सिंह ने भी महापौर के लिए टिकट मांगा था।
यही कारण है कि भारतीय जनता पार्टी, उत्तर प्रदेश मुरादाबाद के टिकट को लेकर असमंजस की स्थिति में था और उसने जिला और मंडल कमेटी की राय के बाद खुद ही मुरादाबाद के लोगों से टेलिफोनिक सर्वे किया और राय जानी इसके बाद उत्तर प्रदेश भाजपा ने टिकट के लिए आवेदनों को राष्ट्रीय हाईकमान को भेज दिया और यहां भी कोई तत्काल निर्णय नहीं हुआ बल्कि छोटे से छोटे और बड़े से बड़े से जानकारी दी गई और इसके बाद विनोद अग्रवाल के नाम पर सहमति दे दी गई।
विरोधियों के अरमान रह जाएंगे दिल में, इस बार भी मुरादाबाद से विनोद अग्रवाल…?
लव इंडिया, मुरादाबाद। भारतीय जनता पार्टी ने एक बार फिर से मुरादाबाद के निवर्तमान महापौर विनोद अग्रवाल पर विश्वास किए जाने की सूचना आ रही है। दो बार मुरादाबाद के महापौर की कुर्सी संभाल चुके विनोद अग्रवाल इस बार हैट्रिक लगा पाएंगे…? यह तो मतदान के बाद मतगणना से ही पता चल पाएगा लेकिन अगर निवर्तमान महापौर विनोद अग्रवाल को टिकट मिलता है तो इस बार बदलने… की आस में महापौर बनने की तैयारी करने वाले नेताओं की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। मालूम हो कि विनोद अग्रवाल की धर्मपत्नी स्व. बीना अग्रवाल ने भी दो बार मुरादाबाद मेयर की कुर्सी संभाली थी।
आइए करते हैं महापौर पद का अब तक का विश्लेषण
मुरादाबाद नगर निगम का गठन वर्ष 1995 में हुआ था। पहले नगर निगम चुनाव में भारतीय जनता पार्टी से डा. सुरेश चंद्र गुप्ता चुनाव लड़े थे जिन्हें समाजवादी पार्टी के मेयर प्रत्याशी हुमायूं कदीर ने हरा दिया था। इसके बाद वर्ष 2000 में हुए चुनाव में विनोद अग्रवाल की पत्नी बीना अग्रवाल भाजपा के सिम्बल पर चुनाव लड़ीं और उन्होंने बहुजन समाज पार्टी की प्रत्याशी आसमा असलम को हराया।
एसटी हसन और हुमायूं कबीर को हराया था बिना अग्रवाल ने
वर्ष 2006 के नगर निगम के चुनाव में बीना अग्रवाल फिर से भाजपा से चुनाव लड़ी, जिन्हें समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी डा. एसटी हसन ने शिकस्त देकर मेयर की कुर्सी कब्जाई। वर्ष 2012 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा मेयर प्रत्याशी बीना अग्रवाल ने हुमायुं कदीर को चुनाव हराया और दूसरी बार मेयर बनीं।
2016 में महापौर बने विनोद अग्रवाल
वर्ष 2016 मई में मेयर बीना अग्रवाल का असमय निधन हो गया। जिसके बाद वर्ष 2016 दिसम्बर में महापौर का उपचुनाव हुआ जिसमें स्व. बीना अग्रवाल के पति विनोद अग्रवाल भाजपा से चुनाव लड़े और उन्होंने समाजवादी पार्टी के राजकुमार प्रजापति को चुनाव हराया।
दूसरी बार रिजवान कुरैशी को हरा कर महापौर बने थे विनोद अग्रवाल
वर्ष 2017 में पुनः भाजपा से लड़े विनोद अग्रवाल चुनाव लड़े जिन्होंने कांग्रेस प्रत्याशी रिजवान कुरैशी को मात दी।
बोले विनोद अग्रवाल- काम पर मिला टिकट
लव इंडिया नेशनल से हुई बातचीत में विनोद अग्रवाल ने कहा कि महापौर रहते हुए उन्होंने अपने छह वर्षों के कार्यकाल में मुरादाबाद में चौमुखी विकास कराया है। पार्टी हाईकमान को निष्पक्ष और सटीक विचार विमर्श करना है। अभी घोषणा नहीं हुई है और ना ही मेरी जानकारी में है। प्रत्याशी घोषित होने के बाद ही मैं कुछ कह सकूंगा।