जानिए सबसे पहले गणेश उत्सव की शुरुआत कहां से हुई और श्रीगणेशजी की स्थापना के शुभ मुहूर्त
सबसे पहली बार महाराष्ट्र के पुणे में सार्वजनिक तौर पर गणेश उत्सव की शुरुआत 1893 में हुई। लोकमान्य तिलक ने महाराष्ट्र में गणेशोत्सव को राष्ट्रीय पहचान दिलाने में सफलता हासिल की और यही कारण है कि आज गणेशोत्सव ना सिर्फ महाराष्ट्र और भारत बल्कि दुनियाभर में मनाया जाता है। खास बात तो यह है कि गणेशोत्सव केवल धार्मिक दृष्टिकोण से जुड़ा पर्व नहीं है बल्कि इस त्योहार को आजादी के संघर्ष की ताकत, जातिवाद और छुआछूत को दूर करने का माध्यम बनाया गया है। यही कारण है कि आज हर जाति के लोग हिंदू, मुस्लिम, सिख और ईसाई सभी इस त्योहार को मिलजुल कर मनाते हैं, जिससे गणेशोत्सव का स्वरूप सेक्युलर हो गया।
दिनांक 31 अगस्त 2022 बुधवार, श्रीगणेशजी की स्थापना के शुभ मुहूर्त –
प्रातः 06.10 मि. से 07.43 मि. तक (लाभ)
प्रातः 07.44 मि. से 09.17 मि. तक (अमृत)
प्रातः 10.51 मि. से दोप. 12.24 मि. तक (शुभ)
दोप. 03.31 मि. से 05.05 मि. तक (चर)
दोप. 05.06 मि. से सांयः 06.39 मि. तक (लाभ)
रात्रि 08.05 मि. से 09.32 मि. तक (शुभ)
रात्रि 09.33 मि. से 10.58 मि. तक (अमृत)
अतिविशिष्ट मुहूर्त –
दोप. 12.00 मि. से 12.24 मि. तक
(अभिजित+मध्याह्नकाल+शुभ चौघड़िया)
सांयः 05.42 मि. से 07.20 मि. तक
(अमृतकाल+गौधुलिवेला+लाभ चौघड़िया)