सिपाही हत्याकांड में 27 साल बाद पूर्व सांसद समेत सात को आजीवन कारावास

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जौनपुर। सिपाही हत्याकांड में पूर्व सांसद एवं बाहुबली नेता उमाकांत यादव समेत सात आरोपियों को अदालत में आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला लगभग 27 साल के बाद आया है। अपर सत्र न्यायधीश तृतीय एमपी एमएलए कोर्ट शरद कुमार त्रिपाठी ने शाम 4 बजे यह फैसला सुनाया।

यहां बता दे कि चार फरवरी 1995 को शाहगंज जीआरपी थाना थाना क्षेत्र में दिन दहाड़े गोलियां बरसा कर सिपाही अजय सिंह को मौत की नींद सुला दिया था। कांस्टेबल लल्लन सिंह हेड की तहरीर पर धारा 147 148 149 332 333 324 325 427 307 302 आईपीसी तथा 7 CLA act के तहत पंजीकृत हुआ था। विवेचना के पश्चात चार्जशीट दाखिल हुई थी। तभी से मुकदमे में साक्ष्य और गवाही चल रही थी।

विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट जौनपुर मे विचाराधीन प्रकरण स्टेट बनाम उमाकांत यादव व अन्य अंतर्गत धारा 147 148 149 332 333 324 325 427 307 302 आईपीसी तथा 7 CLA act थाना शाहगंज घटना दिनांक 4/2/ 1995 शाहगंज जीआरपी पुलिस चौकी पर अंधाधुंध फायरिंग कर अपने ड्राइवर राजकुमार को छुड़ा ले जाने तथा कांस्टेबल अजय कुमार सिंह की मृत्यु होने व कांस्टेबल लल्लन सिंह एवं रेलवे कर्मचारी निर्मल वाटसन एवं एक यात्री भारत लाल के गंभीर रूप से घायल होने के प्रकरण में न्यायालय ने 6 अगस्त को उमाकांत यादव पूर्व सांसद ,बच्चू लाल यादव, राजकुमार, धर्मराज, सूबेदार तथा महेंद्र प्रसाद वर्मा एवं सभाजीत पाल को दोषी करार दिया।

इसमें पूर्व सांसद उमाकांत यादव को एवं बच्चू लाल यादव राजकुमार धर्मराज सूबेदार महेंद्र प्रसाद वर्मा तथा सुभाजित पाल को धारा 302 में आजीवन कारावास 307 में 10 साल कीण कारावास 337 में 5 साल 148 में 2 साल का कारावास 427 में 1 साल का कठोर सात सहेली में 3 माह का 325 में 224 में केवल राजकुमार को 302 में 5 लाख रुपए का जुर्माना अन्य मुद्दों पर 20000 का जुर्माना आधी धनराशि मृतकों को और 50 50 हजार घायलों को देने का आदेश दिया है।

अभियोजन पक्ष की तरफ से कुल 19 गवाहों को परिक्षित कराया गया। अभियोजन की तरफ से सशक्त पैरवी डी जी सी क्रिमिनल अनिल सिंह तथा सहायक अभियोजनक लाल बहादुर पाल एसपीओ सीबीसीआईडी वाराणसी मंडल मृत्युंजय सिंह जी ने की मामले की विवेचना सीबीसीआईडी द्वारा की गई।

बता दें कि उमाकांत यादव 22 अप्रैल से ही जेल में बंद हैं।बसपा से मछलीशहर से एक बार सांसद बने उमाकांत यादव की गिनती बाहुबली नेताओं में होती है। वे खुटहन से लगातार तीन बार विधायक रहे। उमाकांत यादव 1991 में बसपा से खुटहन विधानसभा (अब शाहगंज विधानसभा) से विधायक बने थे। इसके बाद 1993 में वे सपा-बसपा गठबंधन से दूसरी बार इसी सीट से विधायक चुने गए थे। 1996 के चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन टूटने के बाद उमाकांत यादव बसपा का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी में चले गए और खुटहन से सपा के ही टिकट पर विधायक बने थे।

विशेष न्यायाधीश एमपी एमएलए कोर्ट जौनपुर मे विचाराधीन प्रकरण स्टेट बनाम उमाकांत यादव व अन्य अंतर्गत धारा 147 148 149 332 333 324 325 427 307 302 आईपीसी तथा 7 CLA act  थाना शाहगंज जिला जौनपुर प्रकरण घटना दिनांक 4/2/ 1995 शाहगंज जीआरपी पुलिस चौकी पर अंधाधुंध फायरिंग कर अपने ड्राइवर राजकुमार को छुड़ा ले जाने तथा कांस्टेबल अजय कुमार सिंह की मृत्यु होने व कांस्टेबल लल्लन सिंह एवं रेलवे कर्मचारी निर्मल वाटसन एवं एक यात्री भारत लाल के गंभीर रूप से घायल  होने के प्रकरण में न्यायालय ने  अभियुक्त उमाकांत यादव पूर्व सांसद ,बच्चू लाल यादव, राजकुमार, धर्मराज, सूबेदार तथा महेंद्र प्रसाद वर्मा एवं सभाजीत पाल को दोषी करार दिया। 

यहां बता दे कि चार फरवरी 1995 को शाहगंज जीआरपी थाना पर अभियुक्त गण ने दिन दहाड़े गोलियां बरसा कर सिपाही अजय सिंह को मौत की नींद सुला दिया था। घटना की तहरीर लल्लन सिंह हेड कांस्टेबल ने दिया था जिसके आधार पर मुकदमा अन्तर्गत धारा 147 148 149 332 333 324 325 427 307 302 आईपीसी तथा 7 CLA act के तहत पंजीकृत हुआ था। विवेचना के पश्चात चार्ज सीट न्यायालय प्रेषित किया था। तभी से लगातार मुकदमे में साक्ष्य और गवाही चल रही थी। मुकदमे का अन्तिम फैसला आने में 27 साल बीत गये।बसपा से मछलीशहर से एक बार सांसद बने उमाकांत यादव की गिनती बाहुबली नेताओं में होती है। वे खुटहन से लगातार तीन बार विधायक रहे।  उमाकांत यादव 1991 में बसपा से खुटहन विधानसभा (अब शाहगंज विधानसभा) से विधायक बने थे। इसके बाद 1993 में वे सपा-बसपा गठबंधन से दूसरी बार इसी सीट से विधायक चुने गए थे। 1996 के चुनाव में सपा-बसपा गठबंधन टूटने के बाद उमाकांत यादव बसपा का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी में चले गए और खुटहन से सपा के ही टिकट पर विधायक बने थे।

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