मंडल के 29 स्टेशनों पर ‘एक स्टेशन एक उत्पाद’ प्रोजेक्ट का शुभारंभ

India Uttar Pradesh

लव इंडिया, मुरादाबाद। “एक स्टेशन एक उत्पाद” प्रोजेक्ट को मुरादाबाद मण्डल में 9अप्रैल को मुरादाबाद स्टेशन से शुभारंभ किया गया था। अभी यह प्रोजेक्ट पूरे भारत वर्ष में कई रेलवे स्टेशनों पर सफलतापूर्वक चल रहा है। “एक स्टेशन एक उत्पाद” पायलट प्रोजेक्ट की सफलता को देखते हुए रेल प्रशासन द्वारा आज दिनांक23 जून को मण्डल के 29 स्टेशनों पर शुरु करने की अनुमति विक्रेताओं को प्रदान की गई है, यह अनुमति आज दिनांक 23.06.2022 से अगले 15 दिन के लिए विक्रेताओं को प्रदान की गई है। 15 दिन उपरान्त अन्य विक्रेताओं को स्टॉल लगाने का अवसर प्रदान किया जाएगा।

यह जानकारी उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल के वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक ( कोचिंग ) ने दी। बताया कि मण्डल के 29 स्टेशन देहरादून, हरिद्वार, योगनगरी ऋषिकेश, ऋषिकेश, वीरभद्र, रुड़की, लक्सर, ज्वालापुर, नजीबाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, कटघर, अमरोहा, बसी-किरतपुर, हापुड़, पिलखुआ,बरेली, आवंला, आंझी शाहाबाद, सीतापुर सिटी, शाहजहांपुर, पीताम्बरपुर, मीरानपुर कटरा, बालामऊ, संडीला, नैमिषारण्य, मिश्रिख तीर्थ, हरदोई और सफीपुर स्टेशन है।सभी 29 स्टेशनों पर उस क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पाद जैसे मुरादाबाद में पीतल के बने उत्पाद, हरदोई स्टेशन पर खादी एवं हैंडलूम उत्पाद, सफीपुर स्टेशन पर मिट्टी के खिलौने, बरेली पर जारी एवम जरदोजी , देहरादून में उत्तराखंड टोपी ( ब्रह्मकमल टोपी) , हरिद्वार स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट, वूलन उत्पाद तथा शहद इत्यादि सहित सभी 29 स्टेशनों पर उस क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पाद बिक्री हेतु आज दिनांक 23.06.2022 से लगाए जाने की अनुमति रेल प्रशासन द्वारा प्रदान की गई है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य मण्डल में उस क्षेत्र या स्टेशन की प्रसिद्ध वस्तुओं / हस्तशिल्प/कलाकृतियों ,पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों तथा कला को समाज तथा आमजन तक तथा देश -विदेश में प्रचार प्रसार कर रोजगार के और अधिक अवसर सृजित करना है तथा उस क्षेत्र को समाज तथा विश्व में प्रसिद्धि व पहचान दिलाना है। भारतीय रेल द्वारा पूरे भारतवर्ष में अनेक स्टेशनों पर पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण तथा उनमें अधिक से अधिक रोजगार सृजन हेतु “एक स्टेशन एक उत्पाद” पायलट प्रोजेक्ट की का क्रियान्वन किया जा रहा है । जिस स्टेशन पर इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्टॉल लगे होंगे उस स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों को शिल्प-कला, कलाकृतियों, क्षेत्र की प्रसिद्ध वस्तुओं को जानने का मौका मिलेगा तथा विश्व भर में प्रचार प्रसार होगा। स्थानीय कारीगरों का विश्व भर में सम्मान बढ़ेगा तथा रोजगार का सर्जन होगा। यह कलाकृतियां सामान्य मूल्य पर यात्रियों तथा आम जनता को विक्रय की जाएंगी ।15 दिन के लिए विक्रेता को टोकन स्वरूप मात्र ₹1000 /= शुल्क रेलवे को जमा करना है। स्टॉल लगाने हेतु एक स्टेशन पर एक से अधिक प्रविष्टियों के आने पर लाटरी द्वारा विक्रेता का चयन किया जा रहा है। सुधीर सिंह वरिष्ठ मण्डल वाणिज्य प्रबंधक ( कोचिंग ) यह जानकारी उत्तर रेलवे के मुरादाबाद मंडल के मण्डल के ये 29 स्टेशन देहरादून, हरिद्वार, योगनगरी ऋषिकेश, ऋषिकेश, वीरभद्र, रुड़की, लक्सर, ज्वालापुर, नजीबाबाद, मुरादाबाद, रामपुर, कटघर, अमरोहा, बसी-किरतपुर, हापुड़, पिलखुआ,बरेली, आवंला, आंझी शाहाबाद, सीतापुर सिटी, शाहजहांपुर,पीताम्बरपुर, मीरानपुर कटरा, बालामऊ, संडीला, नैमिषारण्य, मिश्रिख तीर्थ, हरदोई और सफीपुर स्टेशन है।सभी 29 स्टेशनों पर उस क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पाद जैसे मुरादाबाद में पीतल के बने उत्पाद, हरदोई स्टेशन पर खादी एवं हैंडलूम उत्पाद, सफीपुर स्टेशन पर मिट्टी के खिलौने, बरेली पर जारी एवम जरदोजी , देहरादून में उत्तराखंड टोपी ( ब्रह्मकमल टोपी) , हरिद्वार स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट, वूलन उत्पाद तथा शहद इत्यादि सहित सभी 29 स्टेशनों पर उस क्षेत्र के प्रसिद्ध उत्पाद बिक्री हेतु आज दिनांक 23.06.2022 से लगाए जाने की अनुमति रेल प्रशासन द्वारा प्रदान की गई है। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य मण्डल में उस क्षेत्र या स्टेशन की प्रसिद्ध वस्तुओं / हस्तशिल्प/कलाकृतियों ,पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों तथा कला को समाज तथा आमजन तक तथा देश -विदेश में प्रचार प्रसार कर रोजगार के और अधिक अवसर सृजित करना है तथा उस क्षेत्र को समाज तथा विश्व में प्रसिद्धि व पहचान दिलाना है। भारतीय रेल द्वारा पूरे भारतवर्ष में अनेक स्टेशनों पर पारंपरिक शिल्प एवं लघु उद्यमों के संरक्षण तथा उनमें अधिक से अधिक रोजगार सृजन हेतु “एक स्टेशन एक उत्पाद” पायलट प्रोजेक्ट की का क्रियान्वन किया जा रहा है । जिस स्टेशन पर इस पायलट प्रोजेक्ट के तहत स्टॉल लगे होंगे उस स्टेशन पर आने जाने वाले यात्रियों को शिल्प-कला, कलाकृतियों, क्षेत्र की प्रसिद्ध वस्तुओं को जानने का मौका मिलेगा तथा विश्व भर में प्रचार प्रसार होगा। स्थानीय कारीगरों का विश्व भर में सम्मान बढ़ेगा तथा रोजगार का सर्जन होगा। यह कलाकृतियां सामान्य मूल्य पर यात्रियों तथा आम जनता को विक्रय की जाएंगी ।15 दिन के लिए विक्रेता को टोकन स्वरूप मात्र ₹1000 /= शुल्क रेलवे को जमा करना है। स्टॉल लगाने हेतु एक स्टेशन पर एक से अधिक प्रविष्टियों के आने पर लाटरी द्वारा विक्रेता का चयन किया जा रहा है।

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