डॉ. शफीकुर्रहमान वर्क की अंतिम महायात्रा कुछ ही देर में

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उमेश लव, संभल। पचास साल की राजनीतिक बादशाहत के बाद 94 साल की उम्र में डा. शफीकुर्रहमान वर्क दुनिया से रुखसत हुए तो हजारों आंखों से आंसू छलक पड़े और कुछ ही देर में डॉक्टर वर्क के अंतिम महायात्रा शुरू होगी। इससे पहले समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी संभल पहुंचकर कल ही डॉक्टर वर्क को अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए थे।

इससे पहले देश के सबसे उम्रदराज सांसद डा. वर्ष के अखिरी दीदार करने के लिए, उनके चाहने वालों का हुजूम सुबह से रात तक उमड़ता रहा। गम में तमान दुकाने, प्रतिष्ठान बंद रहे। समर्थक और समाजवादी पार्टी से जुड़े लोग ही नहीं बल्कि दूसरी पारियों में जुड़े नेता भी बकं को बद्धांजलि देने के लिए पहुंचे। बुधवार की सुबह दस बजे सांसद डा. शफीकुर्रहमान बर्क को सुपुंदे खाक किया जायेगा।
दो चार की चुनावी हार के बाद डा. शफीकुर्रह‌मान वर्क 1974 में बीकेडी सेके टिकट पर संभल सीट से विधायक का चुनाव जीते तो फिर लगातार कामयाबी उनके कदम चूमती रही। 1977 में दूसरी बार जनता पार्टी से तो तीसरी बार 1985 में लोकदल के टिकट पर चुनाव लड़कर पर्व संभल के विधायक चुने गये।

1989 में जनता दल के टिकट पर जीत दर्ज कराने के बाद डा. शफीकुर्रहमान बर्क 1991 में उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्री भी बनाये गये। पार बार विधायक बनने के बाद संसद में जाने का इरादा किया तो 1996 में मुरादाबाद लोकसभा सीट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर डा. शपरेकुर्रहमान बर्क सांसद निर्वाचित हुए। यह मुरादाबाद से तीन बार सांसद बने थे। 2009 में बर्क बसपा के टिकट पर चुनाव लड़कर संभाल के सांसद बने। 2014 में यह हार गये लेकिन 2019 में संभल सोट से सपा के टिकट पर चुनाव लड़कर जीत दर्ज कराई।

इस समय डा. शफीकुर्रहमान वर्क संसद में सबसे ज्यादा उम्र वाले सांसद थे। एक माह तक अस्पताल में रहने के कद मंगलबार सुबह उनके निधन की खबर मिली तो संभल में माहील गमगीन हो गया। उनके चाहने वालों ने गम में अपनी दुकाने और प्रतिष्ठान बंद कर दिये। सांसद के दीपा सराय स्थित आवास पर हजारों को भोड़ इकटठा हो गई। भीड़ को देखते हुए शव घर के पास ही स्थित सगीर पैलेस बैंकट हाल में अंतिम दर्शन के लिए रखने का फैसला लिया था। जैसे हो शव पहुंचा भारी भीड़ अपने चहेते नेता के अंतिम दर्शन के लिए पहुंच गई।

इस दौरान तमाम लोग बिलख कर रोते दिखे तो हजारों आंखो से आंसू छलके। देर रात तक अंतिम दर्शनों का सिलसिला चलता रहा और कब सुबह हो गई पता ही नहीं चला इसके बाद डॉक्टर क की अंतिम महा यात्रा की तैयारी हुई और जैसे ही यह खबर अवाम को चली तो उनके चाहने वालों का जमघट लग गया। फिलहाल डॉक्टर वर्क की अंतिम महायात्रा कुछ ही देर में शुरू होने वाली है।

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