मुरादाबाद में अब गांगन नदी बनाई जा रही है ‘नाला’

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उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। रामगंगा नदी का अतिक्रमण किसी से छिपा नहीं है और अब यही जायज काम दिल्ली रोड स्थित गांगन नदी पर किया जा रहा है। खास बात यह है कि जिम्मेदारान गहरी नींद में सोए हुए हैं। मुरादाबाद के उत्तर पूर्व में रामगंगा नदी बहती है और शहर के दक्षिण पश्चिम में गंगान नदी बहती है। रामगंगा किनारे अतिक्रमण के बाद मकान बन चुके हैं और इसी के साथ यहां कई कालोनियां बस गई है। कुछ पर प्रशासन का बुलडोजर भी चला लेकिन यह मात्र खानापूर्ति बनकर रह गया और अतिक्रमण जैसे का तैसा ही है। अब इसी का फायदा उठाकर मझौला थाने के पास गांगन नदी को नाला बनाया जा रहा है और जिम्मेदारान आंखें मूंदें हुए गहरी नींद में सोए रहे है। खास बात यह है कि जिस डंपर से यहां भराव हो रहा है। उस पर नंबर नहीं है।

लव इंडिया की टीम ने इसकी तहकीकात की लेकिन जिम्मेदारान बोलने को तैयार नहीं हुए जबकि नियमतः 200 मीटर के दायरे में निर्माण नहीं होना चाहिए। लेकिन यहां नियमों को ताक पर रख दिया गया और खुलेआम ‘नाजयज’ नहीं, ‘जायज काम’ हो रहा है। वह भी गांगन नदी की छाती तक। इसका अंदाज इसी से लगाया जा सकता है कि गांगन नदी के एक तरफ लाकड़ी फाजलपुर स्थित ‘डिजाइनको’ का विस्तार स्पष्ट दिखाई देता है तो दूसरी तरफ ‘राजन ग्रीन’ का काम बड़े स्तर पर हो रहा है जो मुरादाबाद विकास प्राधिकरण से पारित है।इस सबके बीच ही गांगन नदी नाले सी होने व दिखाई देने लगी है।

ऐसे में ग्रामीणों की माने तो यहां बहुत कुछ गलत और अनलीगल तरीके से किया जा रहा है और लाकड़ी फाजलपुर रकबे के गाटा संख्या 1739 पर अतिक्रमण कर अवैध रूप से भराव किया जा रहा और यहां पर जिन टेंपो से भर आप किया जा रहा है उन पर नंबर भी दिखाई नहीं दे रहे।

इस बीच, सबसे खास और अहम सवाल यह है कि जब किसी ने भी गांगन नदी की भूमि पर कब्जा नहीं किया है तो गांगन नदी नाले में तब्दील सी कैसे हो रही है और दो सौ मीटर दूर तक कुछ भी निर्माण नहीं…आदेश की धज्जियां कौन उड़ा रहा है।

एक जनहित याचिका में कोर्ट ने दिया था ऐसा फैसला
पलूशन बनाम स्टेट ऑफ यूपी एवं अदर्स की जनहित याचिका के तहत माननीय उच्च न्यायालय ने फैसला दिया था कि गंगा तट के 200 मीटर दायरे में राजस्व और सिचाई विभाग के अभिलेखों में दर्ज तट के अनुसार कोई भी निर्माण कार्य प्रतिबंधित होगा। फैसले के अनुपालन में विन्ध्य विकास प्राधिकरण ने अपने दिए आदेश में कहा कि अब इन जगहों पर निर्माण कार्य अवैध होगा और कोई भी नक्शा पास नहीं होगा। आपको बता दे कि मिर्ज़ापुर जनपद गंगा नदी के किनारे स्थित है और इस जनपद की सीमा प्रयागराज और वाराणसी से मिलती है। जनपद का गंगा का तटवर्ती इलाका करीब 120 किलोमीटर का है और विंध्य विकास प्राधिकरण के अंतर्गत आने वाले विंध्याचल और नगर का क्षेत्र करीब 12 किलोमीटर का है। यहां पर गंगा के किनारे बने सैकड़ों मकान और घाट गंगा में अब तक विलीन हो चुके हैं या विलीन होने के कागार पर है।

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