Asian Vivekananda Hospital: आखिरकार ऐसा क्या किया डॉक्टरों की टीम ने, जो हो रही चौतरफा चर्चा

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उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। यह ख़बर उन लोगों के लिए है जिनके परिवार में किसी रोगी को सांस लेने में दिक्कत है और ब्लड प्रेशर की समस्या है तो समझ लीजिए कि ऐसे मरीज का दिल का वाल्व सुकड़ या लीक कर रहा है और डॉक्टर ने ऑपरेशन को कह दिया है तो ऐसे में चिंता को छोड़िए और सीधे एशियन विवेकानंद अस्पताल पहुंचे, क्योंकि यहां पर इलाज संभव है और वह भी बिना ऑपरेशन के। इतना ही नहीं, दिल्ली से भी सस्ता इलाज मिलेगा और मरीज दो-तीन दिन में ही रोजमर्रा की स्वस्थ जिंदगी जीएगा। ऐसे ही पीड़ित का शुक्रवार को एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल में हुआ जो पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड का पहला बिना ऑपरेशन के सफल इलाज हुआ और इसे एलोपैथिक की दुनिया में ट्रांस आर्टिकुलर वाल्व इंप्लीमेंटेशन ( TAVI ) के नाम से जाना जाता है। शुक्रवार को एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल में 70 वर्षीय महिला करुणा मंडल का ट्रांस आर्टिकुलर वाल्व इंप्लीमेंटेशन (TAVI) द्वारा सफल इलाज हुआ। महिला की उम्र अधिक होने के कारण महिला को सांस फूलना ब्लड प्रेशर आदि की दिक्कतें होने लगी थी जिसकी वजह से वह एशियन अस्पताल में भर्ती हुई थी।

शुक्रवार को एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल में 70 वर्षीय महिला करुणा मंडल का ट्रांस आर्टिकुलर वाल्व इंप्लीमेंटेशन (TAVI) द्वारा सफल इलाज हुआ। महिला की उम्र अधिक होने के कारण महिला को सांस फूलना ब्लड प्रेशर आदि की दिक्कतें होने लगी थी जिसकी वजह से वह एशियन अस्पताल में भर्ती हुई थी।

एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल के हार्ट स्पेशलिस्ट डॉक्टर गीतेश मानिक ने महिला के दिल की जांच की तो पाया कि महिला के दिल का वाल्व सिकुड़ रहा है एवं वह लीक भी कर रहा है, जिस कारण महिला के वाल्व का इलाज ऑपरेशन द्वारा ही किया जा सकता था परंतु महिला की उम्र अधिक होने के कारण वह महिला के स्वास्थ्य संबंधी स्थिति के कारण बाईपास सर्जरी में जान का खतरा था।

एशियन विवेकानंद हॉस्पिटल के डॉक्टर गीतेश मानिक, डॉक्टर अमित चौधरी एवं डॉ राज कपूर ने रेलवे अस्पताल प्रशासन एवं चिकित्साको से मरीज की स्थिति के बारे में बात करी एवं वाल्व रिप्लेसमेंट की एक बहुत ही आधुनिक तकनीक जिसका नाम ट्रांस आर्टिकुलर वाल्व इंप्लीमेंटेशन (TAVI) के द्वारा मरीज के इलाज की परमिशन मांगी गई।

यह इलाज दिल्ली में ही होता है एवं अत्यधिक महंगा इलाज है जिसका खर्च करीब 30 से 40 लाख रुपए के बीच में रहता है। रेलवे अस्पताल के सहयोग द्वारा एशियन अस्पताल की टीम ने आज यह ऑपरेशन किया यह ऑपरेशन मुरादाबाद में इसी के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड का पहला ऑपरेशन है जो की एशियन विवेकानंद के अस्पताल की कार्डियक टीम द्वारा किया गया है।

डॉ राज कपूर

डॉ राज कपूर ने बताया कि इस विधि द्वारा बिना सर्जरी के मरीज के पैर की नस द्वारा कैथरेटर की सहायता से वाल्व डालकर मरीज का इलाज किया जाता है और मरीज की छुट्टी भी दो से तीन दिन में कर दी जाती है | मरीज के परिजनों द्वारा इस सफल ऑपरेशन के लिए एशियन विवेकानंद की पूरी कार्डियक टीम डॉक्टर के चिकित्सकों का आभार एवं धन्यवाद दिया।

डॉ. गितेश मानिक

डॉ. अमित चौधरी

एशियन विवेकानंद की कार्डियक टीम ने एशियन अस्पताल के सीएमडी पदमश्री डॉक्टर एन. के. पांडे मेडिकल डायरेक्टर डॉक्टर प्रशांत पांडे एवं रीजनल हेड डॉक्टर हिलाल अहमद का भी बहुत धन्यवाद एवं आभार व्यक्त किया जिन्होंने इतनी एडवांस विधि द्वारा इलाज के लिए मुरादाबाद जैसे छोटे शहर मैं सभी व्यवस्थाएं एवं कार्य करने के लिए सहयोग किया।

अस्पताल के सेंटर हेड शोएब मलिक द्वारा भी इस प्रोसीजर में व्यवस्थाएं बनाने के लिए उनका धन्यवाद किया गया।इस महिला के सफल ऑपरेशन के लिए एशियन विवेकानंद के सी.एम.डी. पद्मश्री डॉ एनके पांडे, मेडिकल डायरेक्टर डॉ प्रशांत पांडे, रीजनल डायरेक्टर डॉक्टर हिलाल अहमद ने शुभकामनाएं दी एवं आभार व्यक्त किया साथ ही साथ ही यह भी कहा कि अस्पताल द्वारा भविष्य में भी इसी प्रकार नई-नई तकनीकों से मरीजों का इलाज किया जाता रहेगा।

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