शुक्र है पृथ्‍वी बच गई, बहुत पास से गुजरा था 600 फुट के क्षुद्रग्रह का खतरा

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नई दिल्‍ली. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के जरिए स्‍पेस वैज्ञानिकों ने 600 फीट चौड़े एस्‍टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) की खोज की है, इसे 2022 GN1 नाम दिया है.वैज्ञानिकों ने बताया कि इस खोज में हेलिओ लिंक 3डी नाम के एक AI एल्गोरिथम की मदद ली गई है. दरअसल यह आकार में भले ही छोटा लगे, लेकिन यह पृथ्‍वी के लिए घातक साबित हो सकता था.

Space scientists have discovered a 600 feet wide asteroid (asteroid) through artificial intelligence, named it 2022 GN1. Scientists told that the help of an AI algorithm named Helio Link 3D has been taken in this discovery. Actually it may seem small in size, but it could prove fatal for the earth.

खबरों में बताया गया है कि यह एस्‍टेरॉयड बीते साल सितंबर 2022 में पृथ्‍वी से करीब 72 लाख किमी दूर से गुजरा था. इसके बारे में अब तक किसी का ध्‍यान नहीं गया था. इस तथ्‍य के बाद पृथ्‍वी की सुरक्षा और बेहतर निगरानी की जरूरत को लेकर चर्चाएं हो रही हैं.

नेशनल वर्ल्ड रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी के लिए ऐसे एस्‍टेरॉयड खतरनाक होते हैं जिनका व्यास कम से कम 460 फीट होता है. यह खोज इस बात को लेकर चिंता पैदा करती है कि हमारे ग्रह के आसपास कई अन्य खतरनाक एस्‍टेरॉयड छिपे हो सकते हैं जिनके बारे में हमें कोई जानकारी नहीं है. अंतरिक्ष में कई ऐसे एस्‍टेरॉयड (क्षुद्रग्रह) हैं जो हर हफ्ते पृथ्वी के काफी करीब से गुजरते हैं. लेकिन उनमें से सभी पृथ्वी के लिए खतरा पैदा नहीं करते हैं.

संभावित जोखिम के बारे में मिलेगी सटीक जानकारी

चिली के पहाड़ों में स्थित एक उन्नत दूरबीन, वेरा सी. रुबिन वेधशाला से डेटा प्रोसेस करने के लिए हेलियोलिंक 3 डी एल्गोरिदम को आधिकारिक तौर पर तैनात किया जाएगा. इस साझेदारी से पीएचए की पहचान और निगरानी में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है. इससे संभावित जोखिमों के बारे में हमारी समझ में सुधार होगा. कक्षाओं की सटीक गणना करके और इन क्षुद्रग्रहों के भविष्य के पथों की भविष्यवाणी करके, वैज्ञानिक तुरंत प्रतिक्रिया दे सकते हैं.

पृथ्‍वी के लिए हो सकते हैं बड़ा खतरा

अगर किसी भी एस्टेरॉयड की दिशा और गति में थोड़ा भी बदलाव होता है तो वह पृथ्वी के लिए खतरनाक साबित हो सकता है. एस्टेरॉयड लोहे और निकल जैसे धातुओं से बने होते हैं. इनमें से ज्यादातर बृहस्पति और मंगल ग्रह की कक्षा के बीच स्थित एस्टेरॉयड बेल्ट में पाए जाते हैं. एस्टेरॉयड के बारे में अध्ययन करके वैज्ञानिक ग्रहों और सौरमंडल के बनने के समय मौजूद स्थितियों के बारे में जानकारी इकट्ठा करते हैं. नासा सौरमंडल में मौजूद एस्टेरॉयड पर अपने विभिन्न टेलीस्कोपों की मदद से नजर रखता है और संभावित खतरे को देखते हुए समय-समय पर अलर्ट जारी करता है.

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