सीएमओ के तीखे तेवर देख अवैध रूप से चल रहे Raza Hospital पर नोडल अधिकारी ने लगाए ताले
उमेश लव, लव इंडिया, मुरादाबाद। हाल ही में बरेली से स्थानांतरित होकर आए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के तेवर देखकर नोडल अधिकारी डॉ संजीव बेलवाल के होश उड़े हुए हैं और इसी के साथ जिले में अवैध रूप से चल रहे अस्पताल नर्सिंग होम लैब और अल्ट्रासाउंड की अब शामत आ रही है। सोमवार को ऐसे ही एक अवैध हॉस्पिटल को नोडल अधिकारी ने सीज कर दिया। अब इसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की कार्यवाही की तैयारी है।
पुलिस विभाग में एक कहावत है कि अगर खाकी सतर्क है तो अपराध नहीं हो सकते जबकि कई अन्य सरकारी विभागों में इसके विपरीत दूसरी कहावत है और वह यह है कि जब साहब मेहरबान तो गधा भी पहलवान हो जाएगा और ऐसा ही कुछ हो रहा है स्वास्थ्य विभाग में। आप चौंकिए नहीं क्योंकि यही सत्य है, अर्थात कड़वा सत्य…?
मुरादाबाद स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों की कृपा करें या फिर मिलीभगत की झोलाछाप डॉक्टरों के साथ-साथ झोलाछाप अस्पताल नर्सिंग होम ही नहीं बल्कि अब तो लैब अल्ट्रासाउंड और एक्स-रे सेंटर तक झोलाछाप डॉक्टरों ने खोल दिए हैं और इसके लिए एक निर्धारित मोटी रकम चुपचाप आदान-प्रदान होती है।
पूर्व मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर एम सी गर्ग के कार्यकाल में सीज होने के बाद कब खुल जाए, यह सभी को मालूम था और यही कारण है कि स्वयंभू एमबीबीएस आम आदमी के जीवन से खिलवाड़ कर रहे हैं। लेकिन अगर नए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के तेवरों को भविष्य माने तो संभव है कि आने वाले कल में मुरादाबाद अवैध और झोलाछाप के मकड़जाल से निकल जाएगा।
फिलहाल नए मुख्य चिकित्सा अधिकारी के सख्त तेवरों ने नोडल अधिकारी और उनके स्टाफ की नींद हराम कर दी है इसी के तहत सोमवार को अपनी टीम के साथ नोडल अधिकारी भोजपुर क्षेत्र के लिए रवाना हुए और कई अस्पतालों मैं पहुंचे लेकिन उनके जाने से पहले ही स्वयंभू एमबीबीएस अपने अस्पताल और नर्सिंग होम पर ताला लगा कर हो गए।
इस बीच नोडल अधिकारी डॉ संजीव दल वालों को सिरसवा दौराहा में मुख्य मार्ग से कुछ हटकर रजा हॉस्पिटल चलता हुआ मिला इसमें मरीजों की भीड़ थी और कई मरीज भर्ती भी थे लेकिन टीम को देखकर रजा हॉस्पिटल के संचालक रुखसत पाशा फरार हो गए इतना ही नहीं कई मरीजों को भी बैड़ों से उठाकर उड़न छू कर दिया गया और नोडल अधिकारी के हत्थे सिर्फ दो ऐसे मरीज लगे जो चल नहीं सकते थे।
नोडल अधिकारी डॉ संजीव बेलवाल ने इन दोनों मरीजों को सरकारी एंबुलेंस बुलाकर सीएससी के लिए रवाना किया और इसके बाद रजा हॉस्पिटल को सीज कर दिया गया। इस संबंध में रजा हॉस्पिटल के संचालक डॉ रुखसत पाशा से बातचीत की गई तो उन्होंने रजिस्ट्रेशन और अन्य जानकारी देने के बजाय टालमटोल की कोशिश की जबकि स्वास्थ्य विभाग के नोडल अधिकारी की माने तो रजा हॉस्पिटल पूरी तरह से अवैध है इसका ना तो पंजीकरण है और ना ही यहां पर कोई एमबीबीएस डॉक्टर बैठता है बल्कि रुखसत पाशा नामक कोई डॉक्टर पंजीकृत है। फिलहाल, इससे स्पष्ट है कि रुखसत पाशा और उनका रजा हॉस्पिटल पूरी तरह से अवैध है।