एकेडमिक राइटिंग में डाटा विश्लेषण की भूमिका महत्वपूर्ण

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College of Computing Sciences and Information Technology, Teerthanker Mahaveer University – Workshop on Academic Writing Organized by Research Committee of CCSIT and IQAC Academic Writing Formal way of writing Research, Thesis etc.: Prof. Dr. Dwivedi, Dr. Nupa Ram gave information about Mendeley Reference Manager software tools, Dr. Namit Gupta elaborated on various dimensions of thesis writing, Dr. Shalini Ninoria gave her lecture on Result Analysis

लव इंडिया मुरादाबाद। तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के सीसीएसआईटी के प्राचार्य प्रो. आरके द्विवेदी ने एकेडमिक राइटिंग पर प्रकाश डालते हुए बताया, एकेडमिक राइटिंग शोध पत्र, थीसिस, डिसर्टेशन लिखने के लिए शिक्षाविदों और शोधार्थियों द्वारा प्रयोग किया जाना फॉर्मल तरीका है। उन्होंने एकेडमिक राइटिंग के महत्व पर भी प्रकाश डाला। प्रो. द्विवेदी ने डाटा एनालिसिस, थीसिस राइटिंग, रिसर्च पेपर राइटिंग के बारे में भी विस्तार से चर्चा की।

प्रो. द्विवेदी तीर्थंकर महावीर यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ़ कंप्यूटिंग साइंसेज एंड इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी- सीसीएसआईटी की रिसर्च कमेटी और आईक्यूएसी की ओर से आयोजित एकेडमिक राइटिंग पर आयोजित वर्कशॉप में बोल रहे थे। इससे पूर्व सीसीएसआईटी के प्राचार्य प्रो. द्विवेदी, प्रो. शशि मेहरोत्रा, डॉ. पराग अग्रवाल, श्रीमती अनु शर्मा, डॉ. शम्भू भारद्वाज, श्री अमित विश्नोई आदि ने माँ सरस्वती के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन करके वर्कशॉप का शुभारम्भ किया।

प्रो. शशि मेहरोत्रा बतौर रिसोर्स पर्सन डाटा एनालिसिस यूसिंग पाइथन पर प्रकाश डालते हुए बोलीं, डाटा विश्लेषण एकेडमिक राइटिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। डाटा विश्लेषण विभिन्न आकंड़ों और डाटा विसुअलिज़शन तकनीकों का उपयोग करके डाटा की गुणवत्ता का मूल्यांकन करता है।

आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर श्रीमती अनु शर्मा ने रिसर्च पेपर राइटिंग पर व्याख्यान दिया। उन्होंने शोध पत्र लिखने की प्रक्रिया और उसके विभिन्न भाग जैसे- एब्स्ट्रैक्ट, इंट्रोडक्शन, मेथोडोलॉजी, रिजल्ट और डिस्कशन, फ्यूचर स्कोप, रेफरेन्सेस आदि के बारे में विस्तार से समझाया। उन्होंने शोध पत्र में नोवेल्टी प्राप्त करने के महत्त्वपूर्ण तरीके भी बताए। डॉ. नूपा राम चौहन ने रिफरेन्स स्टाइल्स एंड फॉर्मेटिंग पर मेंडेले रिफरेन्स मैनेजर सॉफ्टवेयर टूल्स के बारे में जानकारी दी।

उन्होंने इंटरनेट से वर्ड डाक्यूमेंट्स में साइटेशन इंपोर्ट करना सिखाया और मेंडेले सॉफ्टवेयर को डाउनलोड, इनस्टॉल और उपयोग करने की भी जानकारी देते हुए विभिन्न रिफरेन्स फॉर्मेटिंग; एपीए, एमएलए, आईईईई इत्यादि पर प्रकाश डाला। डॉ. नमित गुप्ता ने थीसिस राइटिंग के विभिन्न आयामों पर चर्चा करते हुए थीसिस के विभिन्न भागों और थीसिस लेखन की कार्य योजना को विस्तार से वर्णित किया। उन्होंने शोधार्थियों को थीसिस फॉर्मेटिंग के लिए टीएमयू आर्डिनेंस में वर्णित विभिन्न नियमों के बारे में बताया।

रिसोर्स पर्सन डॉ. पराग अग्रवाल ने सही जर्नल का चुनाव कैसे करें पर बोलते हुए सही जर्नल के चुनाव के लिए विभिन्न मानकों के बारे में बताया। डॉ. पराग ने प्रेडिटरी जर्नल को पहचानने के तौर-तरीकों पर चर्चा की। उन्होंने विभिन्न साइटेशन डेटाबेस जैसे- वेब ऑफ़ साइंस, स्कोपस आदि के बारे में भी प्रतिभागियों को परिचित कराया। डॉ. शालिनी निनोरिया ने रिजल्ट एनालिसिस पर अपना व्याख्यान दिया। उन्होंने शोध पत्र में फेस बाई फेस रिजल्ट एनालिसिस को प्रिडिक्शन बेस्ड स्टडी के उदाहरण से समझाया।

वर्कशॉप में प्रो. आरसी त्रिपाठी, श्री मनीष तिवारी, डॉ. संदीप वर्मा, श्री हरजिंदर सिंह, श्री विनीत सक्सेना, श्री अजय चक्रवर्ती, श्री अमित सिंह, श्री आदित्य त्रिपाठी, मिस अवंतिका के अलावा श्री मनोज गुप्ता समेत अनेक शिक्षक एवं शोध छात्र मौजूद रहे। संचालन डॉ. पराग अग्रवाल, श्रीमती अनु शर्मा, श्री अमित कुमार विश्नोई और एमएससी-फिजिक्स के छात्र शिवम ने किया। वर्कशॉप में लगभग 80 स्टुडेंट्स ने प्रतिभाग किया।

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