अपने प्राणों की आहुति देकर राष्ट्र की स्वतंत्रता को सींचा है बेटियों ने : पवन जैन
लव इंडिया,मुरादाबाद। स्वतंत्रता संग्राम सेनानी भवन में वंदे भारत (संस्कार संस्कृति संवाहक) के तत्वावधान में “मेरी माटी मेरा देश” कार्यक्रम प्रताप सिंह गर्ल्स इंटर कॉलेज की छात्राओं एवं यशस्वी शिक्षिकाओं के साथ मना कर, प्रारंभ किया गया। सभा की अध्यक्षता हरिओम शर्मा के द्वारा की गई। मुख्यवक्ता विभाग प्रचार प्रमुख पवन जैन एवं विशिष्ट अतिथि प्रणित गुप्ता रहे। कार्यक्रम के संयोजक एवं संचालन धवल दीक्षित द्वारा किया गया।
विद्यालय की छात्राओं ने 1857 की प्रथम क्रांति के इतिहास को, 1930 में टाउन हॉल पर हुई नमक कानून के विरोध में हुई घटना एवं विशेष रूप से पान दरीबा पर हुई 1942 की घटना को जो अंग्रेजों के द्वारा की गई क्रूर एवं दमनकारी घटनाओं को जाना और उनको पढ़ा। मुरादाबाद के वीर क्रांतिकारी आंदोलनकारियों के धैर्य और राष्ट्र के प्रति समर्पण त्याग को जाना। किस अदम्य शौर्य साहस के साथ वह इस क्रूरता के आगे राष्ट्र की स्वतंत्रता हेतु खड़े रहे।
मुख्य वक्ता पवन जैन ने कहा भारत की बेटियों इस राष्ट्र में सदैव अग्रणी रही हैं, स्वतंत्रता आंदोलन में रानी लक्ष्मीबाई, रानी चेन्नम्मा एव बेगम हजरत महल आदि ने अपने प्राणों की आहुति से इस राष्ट्र की स्वतंत्रता को सींचा है। अब नव भारत के निर्माण के लिये आपको अपने राष्ट्र हित के कार्यों से विश्व का सबसे शक्तिशाली राष्ट्र बनाना है। मैकाले ने भारतीय उच्च एवं गौरवशाली सभ्यता को छिन्न-भिन्न करने का भरसक प्रयास किया।
विशिष्ट अतिथि प्रणित गुप्ता ने कहा आज किसी को बलिदान देने की आवश्यकता नहीं है, लेकिन बलिदानियों के साहस को सराहना की आवश्यकता है। बच्चों के प्रत्येक जिज्ञासा एवं प्रश्न का उत्तर धवल दीक्षित ने बड़े समझाकर दिया। उन्होंने 1857 से 1947 तक की प्रत्येक घटना से बच्चों को अवगत करवाया, मुरादाबाद के लगभग प्रत्येक बलिदानी का नाम बच्चों को स्मरण करवाया, उनसे जुडी घटनाओं को साझा किया।
धवल दीक्षित ने कहा आक्रांताओं की एक भी निशानी, जब तक हमारे मन मस्तिष्क में है तो वह हमारी प्रगति में निरंतर बाधक बनेगी। अपने मन मस्तिष्क को हमें पूर्ण भारतीय बना कर श्रेष्ठ प्रगति को प्राप्त करना है।
प्रताप सिंह कन्या इंटर कालेज की छात्राओं एवं शिक्षिकायें प्रतीमा शर्मा, रिचा त्यागी, शशि प्रभा, राजू विश्नोई, साक्षी जी के अतिरिक्त पर्यावरण समिति से विपिन गुप्ता, परिवर्तन द चेंज से प्रिंस चौहान, मनमोहन पोरवाल आदि का विशेष सहयोग रहा।