अयोध्या के श्रीराम मंदिर परिसर में वैदिक यज्ञशाला व संध्या वाटिका बनाई जाए

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लव इंडिया, मुरादाबाद। आर्य प्रतिनिधि महासभा द्वारा २७ फरवरी २०२० को श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट, अयोध्या के परिसर में इक्ष्वाकु वंश के महान धार्मिक यशस्वी महाराज मांधाता के नाम यज्ञशाला बनाये जाने और वैदिक संध्या वाटिका बनाये जाने की मांग को लेकर कलेक्ट्रेट पर प्रदर्शन किया और जिलाधिकारी के माध्यम से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को ज्ञापन भेजा।

ज्ञापन में कहा गया है कि ट्रस्ट के सभी सदस्यों को रजिस्टर्ड मांग पत्र के माध्यम से मांग की गयी थी लेकिन आर्य समाज की इस मांग पर कोई ध्यान नहीं दिया गया। स्मृति दिलाने हेतु पुनः यह ज्ञापन आपको प्रेषित किया जा रहा है।

On February 27, 2020, the Arya Pratinidhi Mahasabha demonstrated at the collectorate in the premises of Shri Ram Janmabhoomi Tirtha Kshetra Trust, Ayodhya, in the name of Maharaj Mandhata, the great religious personality of Ikshvaku dynasty, and demanded the construction of Vedic Sandhya Vatika, and through the District Magistrate Memorandum sent to Chief Minister Yogi Adityanath.

इस मौके पर केंद्रीय आर्य समाज के मंत्री रमेश आवे ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को याद दिलाते हुए कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम सहित चारों भाईयों के जन्म की पृष्ठभूमि का प्रारम्भ यक्ष से ही हुआ है। वेद ऋषिश्रेष्ठ जी ने वेद मे कहे मंत्रों द्वारा पुत्रेष्टि यज्ञ सम्पन्न कराने के परिणामस्वरूप श्रीराम सहित चारों भाईयों का जन्म हुआ था।

कहा कि तत्पश्चात् ऋषि विश्वामित्र जी भी श्रीराम को यक्ष की रक्षा हेतु अपने साथ ले गये। श्रीराम ने अपने अदभूत कौशल से दानवों को नष्ट करके ऋषि परम्परा में यक्षी की रक्षा की। तदुपरान्त श्रीराम का समस्त जीवन यक्षमय रहा।

श्रीराम दैनिक दोनो समय वैदिक संध्या के माध्यम से परम पिता परमात्मा का स्मरण करते थे श्रीराम के अस्तित्व और वैभव का आदर्श चरित्र-चित्रण ऋषिश्रेष्ठ बाल्मीकि द्वारा रचित रामायण में दृष्टिगोचर होता है। बाल्मीकि रामायण ही श्रीराम के चरित्र का आदर्श ग्रंथ है। ऐसी स्थिति में श्रीराम के मन्दिर परिसर में केवल उनकी मूर्तिया ही हो और उनके द्वारा जीये गये आदर्श वाहिक जीवन से सम्बन्धित कोई यज्ञशाला और वैदिक संध्या वाटिका न हो यह उचित नहीं रहेगा इसलिए अयोध्या के श्री राम मंदिर में वैदिक यज्ञ शाला और संध्या वाटिका हर हाल में बनाई जाए। इस दौरान बड़ी तादाद में आर्य समाज से संबंधित महिला और पुरुष मौजूद रहे।

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