MIT के छात्र ने इलेक्ट्रॉनिक शतरंज बोर्ड विकसित किया

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Dhruv told that there are magnets under the chess pieces. When a chess player moves a piece, the sensor indicates the possible moves from that place by light according to the position of the piece. This board game can be played under lights of any preferred color. The size of this board is 40cm × 40cm × 5cm. This electronic chess board is useful for beginner player as well as expert.

लव इंडिया, मुरादाबाद। एम.आई.टी. कॉलेज के कंप्यूटर साइंस ब्रांच के चतुर्थ वर्ष में पढ़ रहे एक प्रतिभाशाली छात्र ध्रुव रस्तोगी ने शतरंज की दुनिया में एक नया योगदान दिया है। ध्रुव रस्तोगी ने एक इलेक्ट्रॉनिक शतरंज हार्डवेयर बोर्ड विकसित किया है जो सॉफ्टवेयर की मदद से शतरंज के मोहरे की संभावित चाले बताता है। यह बोर्ड शतरंज के नियमों जैसे चेक, एन पासेंट, स्विचिंग, कासलिंग आदि भी फॉलो करता है। यह बोर्ड मैग्नेटिक सेंसर और रंग बिरंगी लाइट से काम करता है।

शिक्षकों के परामर्श व समर्थन के माध्यम से संपूर्ण हो सका

ध्रुव के माता पिता का कहना हैं कि ध्रुव बचपन से ही कुछ अलग करने की इच्छा रखता है, हर समय कुछ न कुछ विकसित करता रहता हैं। आज ध्रुव के द्वारा बनाया गया यह शतरंज बोर्ड दर्शाता हैं की ध्रुव एम.आई.टी. मुरादाबाद कॉलेज में अच्छी शिक्षा प्राप्त कर रहा हैं। ध्रुव का यह सपना शिक्षकों के परामर्श और समर्थन के माध्यम से संपूर्ण हो सका।

बोर्ड खिलाड़ी और साथ ही विशेषज्ञ के लिए उपयोगी

ध्रुव ने बताया कि शतरंज के मोहरों के नीचे मैग्नेट लगी है। जब शतरंज का खिलाड़ी कोई मोहरा उठाता है तो सेंसर मोहरे की पोजीशन के मुताबिक लाइट के द्वारा उस जगह से संभावित चालें बताता हैं। इस बोर्ड गेम को किसी भी पसंदीदा रंग की लाइट मे खेला जा सकता है। इस बोर्ड का साइज 40cm × 40cm × 5cm है। यह इलेक्ट्रॉनिक शतरंज बोर्ड शुरुआती खिलाड़ी और साथ ही विशेषज्ञ के लिए भी उपयोगी है।

ध्रुव के समर्पण और दृढ़ संकल्प ने यह संभव बना दिया

कंप्यूटर साइंस विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. मनीष गुप्ता ने बताया कि कंप्यूटर साइंस विभाग का छात्र होने के कारण ध्रुव को इलेक्ट्रॉनिक्स की कम जानकारी थी लेकिन लगातार प्रयास करने पर कठिनाई कम होती गई। इस प्रोजेक्ट को बनाना एक चुनौतीपूर्ण कार्य था लेकिन ध्रुव के समर्पण और दृढ़ संकल्प ने यह संभव बना दिया।

मेहनत व संकल्प के बिना कुछ प्राप्त नहीं किया जा सकता

डीन एकेडमिक डॉ. क्षितिज सिंघल ने ध्रुव द्वारा बनाए गए आईओटी आधारित शतरंज बोर्ड की जमकर तारीफ करी और शुभकामनाएं दी। एम.आई.टी संस्थान के निदेशक डॉ रोहित गर्ग का कहना है कि मेहनत और संकल्प के बिना कुछ प्राप्त नहीं किया जा सकता और यह प्रोजेक्ट इसका एक उत्कृष्ट उदाहरण है।

समस्या को सुलझाने के कौशल को बढ़ावा देगा

उन्होंने यह भी बताया कि ध्रुव का यह प्रोजेक्ट अन्य छात्रों के लिए एक प्रेरणा के रूप में कार्य करेगा तथा रचनात्मकता, इनोवेशन और समस्या को सुलझाने के कौशल को बढ़ावा देगा। इस आकर्षक इलेक्ट्रॉनिक शतरंज बोर्ड को बनाने की यात्रा, छात्र की दृढ़ता और समर्पण की शक्ति का प्रमाण है।

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