इलाहाबाद हाईकोर्ट की टिप्पणी: ठेकेदार, दुकानदार को सरकारी वकील न बनाएं

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लव इंडिया, प्रयागराज। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने कहा है कि सरकार ऐसे अधिवक्ताओं को नियुक्त करे जिन्होंने कुछ तो वकालत की हो। जान पहचान वालों, ठेकेदार ,दुकानदार जिसने कभी वकालत नहीं की, को सरकारी वकील नियुक्त करना संस्था व सरकार के हित में नहीं है।

कोर्ट ने महाधिवक्ता से कहा कि वह कोर्ट की ओर न देखें, क्राइटेरिया तय कर परीक्षण करें। जिन्होंने बहस की हो , अनुभवी वकीलों का पैनल कोर्ट में भेजें। कोर्ट ने कहा सरकार किसे नियुक्त करें , इससे कोर्ट का सरोकार नहीं है। वह कुछ लोगों को वजीफा देना चाहती है तो दे किंतु कोर्ट में सरकार का सही पक्ष रख सकने वाले वकील ही तैनात करे। यह टिप्पणी न्यायमूर्ति सुनीत कुमार तथा न्यायमूर्ति राजेन्द्र कुमार की खंडपीठ ने राजेश्वर सिंह की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है।

महाधिवक्ता अजय कुमार मिश्र ने कोर्ट को बताया कि सरकार राज्य विधि अधिकारियों के पैनल सूची का पुनर्विलोकन कर रही है, प्रक्रिया जारी है। उन्होंने इसके लिए छह हफ्ते का समय मांगा। यह भी बताया कि कोर्ट इसी मामले में जनहित याचिका की सुनवाई कर रही है। अधिवक्ता पैनल के लिए सुप्रीम कोर्ट व हाई कोर्ट के दिशानिर्देश है,जिस पर अमल किया गया है। उठे कुछ सवालों की समीक्षा की जा रही है।

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