Vitamin: शरीर द्वारा स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता, भोजन के रूप में लेना आवश्यक है…

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डॉ अमरजीत सिंह जस्सी, आयुर्वेद और योगा आचार्य। विटामिन (vitamin) या जीवन सत्व भोजन के अवयव हैं जिनकी सभी जीवों को अल्प मात्रा में आवश्यकता होती है। रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। उस यौगिक को विटामिन कहा जाता है जो शरीर द्वारा पर्याप्त मात्रा में स्वयं उत्पन्न नहीं किया जा सकता बल्कि भोजन के रूप में लेना आवश्यक है।

विटामिन ए

• अच्छी सेहत के लिए विटामिन ए आवश्यक है ।विटामिन ए के स्त्रोत• गाजर ,हरी सब्जीया पालक• आम,अंडा , मीट, पपीता, धनिया, चीकू, मटर, कद्दू सरसों,• टमाटर ,टरबूत ,मकई के दाने ।

उपयोग• लिवर की बिमारी को भी विटामिन ए की आवश्यकता होती है।• आखो की रोशनी तेज बनाता है ।• शराब करने वालों को विटामिन ए अत्यधिक जरूरी ।

.विटामिन बी

• विटामिन बी के स्त्रोत• पोल्ट्री अंडे ,डेयरी प्रोडक्ट ,सी फूड• दूध ,दही ,पनीर ,चीज ,मक्खन ,सोया मिल्क

उपयोग• ह्रदय रोग का खतरा कम होता है ।• बूढापे को दूर रखता है।• रोग प्रतिकार शक्ती बढाता है ।

विटामिन सी

• विटामिन सी मानव शरीर के सामान्य कामकाज के लिए आवश्यक है।• नींबू ,संत्रा में विटामिन सी पाया जाता है ।विटामिन सी के स्त्रोत• खट्टे रसदार फल जैसे , नारंगी, नींबू, संतरा, आंवला,बेर• पुदीना टमाटर ,अंगुर , आदि एवं अमरूद,सेब , केला,मूली के पत्ते, मुनक्का, दूध, चुकंदर• पालक ये सब विटामिन सी के स्त्रोत है।

उपयोग• विटामिन सी कैंसेर होने से रोखता है ।• विटामिन सी एंटीबॉडी बनाता है और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत बनाता है।

विटामिन डी

विटामिन डी के स्त्रोत• सुबह सुरज की किरणो से विटामिन डी मिलता है ।• अंडे का पिला भाग ,दूध ,बटर ,मछली का तेल ।

उपयोग• ह्ड्डीयो की मजबूती बनी रहती है ।• विटामिन डी शरीर में कैल्शियम के स्तर को भी नियंत्रित करता है ।

विटामिन ई

• हमारे बॉडी को सेहतमंद बनाता है ।• इसके सेवन से शरीर में कई प्रकार की बीमारियां नहीं होती और स्किन में भी ग्लो बना रहता है। विटामिन ई के स्त्रोत• विटामिन ई गेहू ,चावल ,बटर ,चना वनस्पति तेल, खजूर, और फ्रूट में पाया जाता है।

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