प्रवीन एरन की निगाह अब 2024 के लोकसभा चुनाव पर
निर्भय सक्सेना, बरेली । कांग्रेस से बरेली लोकसभा सीट से 2009 में सांसद रहे प्रवीण सिंह एरन आजकल समाजवादी पार्टी में हैं। कल लखनऊ में समाजवादी पार्टी के सम्मेलन में भी शामिल हुए। अखिलेश यादव जी के साथ फोटो भी खिचवाया । अब प्रवीन एरन की निगाह 2024 के लोक सभा चुनाव पर टिक रही हैं। उन्हे भी लग रहा है की उम्रदराज हो चुके आठ बार के बीजेपी सांसद एवम मंत्री रहे संतोष कुमार गंगवार शायद 2024 में बीजेपी का चेहरा नहीं बन पाएं। और अगर कोई नया चेहरा आया तो हो सकता है उनकी ही लाटरी लग जाए। पर समाजवादी पार्टी के स्थानीय लोग अगले चुनाव में उन्हें कितना महत्व देते हैं । अभी यह कहना मुश्किल ही है। उनके राजनीति के अंदाज से सभी भली भांति परिचित भी हैं।
वर्ष 2022 के विधान सभा चुनाव से पूर्व ही प्रवीन सिंह एरन समाजवादी पार्टी में उस समय आ गए थे जब सपा हाई कमान ने कैंट सीट पर कुछ नामो पर अपना मन भी बना लिया था। इसके बाद जमीन से जुड़े वर्षो से समाजवादी रहे नेताओ को पीछे धकेल कर प्रवीन एरन अपनी पत्नी श्रीमती सुप्रिया एरन को कैंट से टिकट दिलाने में सफल रहे। पर अच्छे मत लेकर भी कैंट सीट पर उनकी पत्नी सुप्रिया जी बीजेपी के संजीव अग्रवाल से चुनाव हार गई। श्री प्रवीण सिंह एरन ने फोन पर बताया की वह सपा के लखनऊ सम्मेलन में आए हुए हैं। 2024 में लोकसभा चुनाव पर उनके चुनाव लड़ने के बारे में मेने जब पूछा तो उनका कहना था की क्या सरकार चुनाव करवाएगी भी ?। अभी लोकसभा चुनाव में काफी समय है। बाद में बरेली में बैठ कर ही बात करेंगे। बरेली नगर निगम में मेयर रही श्रीमती सुप्रिया एरन ने अपने कार्यकाल में बरेली में विकास के जो भी कार्य कराए थे उन्हें अपने उन्ही कार्यों पर भरोसा था पर 2022 के बरेली कैंट विधान सभा चुनाव में मोदी योगी के विकास कार्यों और एकतरफा चुनाव होने के सारे समीकरण उस समय उनके पक्ष में नहीं बैठ पा रहे थे।
बरेली जिले की राजनीतिक पिच पर अभी भी यह एरन दम्पति जनता के दुख दर्द में शामिल होकर हर कदम पर उनके साथ दिखाई तो देते हैं। युवा जोश से भरपूर प्रवीण सिंह एरन दंपत्ति राजनीति में भी चुनाव से कुछ समय पूर्व ही सक्रिय हो जाते हैं । वह समाज सेवा में भी अपने पिता पी सी एरन फॉउंडेशन के माध्यम से बरेली में शिक्षा, मच्छर के लिए फॉगिंग, अलाव, कंबल वितरण तथा पार्कों के सौन्दर्यकरण में भी अपनी कुछ भूमिका निभाते रहते हैं।
शहर के सुप्रसिद्ध चिकित्सक रहे अब स्वर्गीय डॉ पी सी एरन एवम साहित्यकार स्वर्गीय श्रीमती स्वराज्य शुचि एरन के घर 8 मई 1958 को जन्मे प्रवीण सिंह ने बरेली के इस्लामियां इंटर कॉलेज में ही शिक्षा ली। इसके बाद कॉलेज में पढ़ाई कर कानून की भी शिक्षा ग्रहण की। इसके बाद हाइकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में भी प्रैक्टिस कर एटॉर्नी एसोसिएट्स नामक ला फर्म का संचालन किया। इसके साथ ही मोदी ग्रुप जैसी प्रतिष्ठित कंपनियों में महाप्रबंधक, कॉमर्शियल मैनेजर के रूप में भी कार्य किया।
दिल्ली में पी टी आई में पत्रकार रही सहारनपुर की सुप्रिया जी से उनका विवाह हुआ। उनकी दोनो इंजीनियर एम बी ए बेटियां भी बहुराष्ट्रीय कंपनियों में आजकल कार्यरत बताई जा रही हैं। अब तक एक दर्जन से अधिक देशों की यात्रा भी प्रवीण एरन कर चुके हैं। श्री प्रवीण सिंह एरन ने नेहरू युवा केन्द्र के बरेली में महासचिव के बाद प्रदेश और राष्ट्रीय महासचिव भी बने। कांग्रेस के छात्र संघटन के महामंत्री के बाद युवा कांग्रेस के महासचिव रहे।
कांग्रेस छोड़ कर 1988 में विश्व नाथ प्रताप सिंह के आव्हान पर भ्रष्टाचार हटाओ मुहिम से जुड़े। और युवा जनता दल के राष्ट्रीय महासचिव बने। आगरा की एक विशाल रैली को भी बड़े नेताओं के साथ संबोधित किया। इसमें बाद 1989 में जनता दल से बरेली कैंट से विधानसभा चुनाव जीत कर विधायक बने। 1991 के विधानसभा चुनाव में पराजित हुए। पर हिम्मत नहीं हारी और पुनः तीसरी बार बरेली कैंट से चुनाव जीत कर विधायक बने। बाद में असंबद्ध विधायक रहते बिना पार्टी में शामिल हुए बसपा सरकार में स्वास्थ्य राज्यमंत्री बने।
बरेली सीट से 2 बार सांसद चुनाव हारने के बाद पुनः विजयी होकर 2009 में कांग्रेस के सांसद बने और बीजेपी के कद्दावर नेता संतोष कुमार गंगवार को बहुत ही कम मतो के अंतर से हराया था। अपने सांसद कार्यकाल में बरेली के लिए कुछ योजनाओ की स्वीकृति कराने में सफलता मिली।पर उनके वह कार्य अधूरे ही रहे जिसमे मीरगंज का गोराघाट पुल भी था। उनकी पत्नी सुप्रिया जी बरेली नगर निगम में मेयर रही । उन्होंने भी विकास के कुछ आयाम छुए। बरेली में दैनिक विश्व मानव समाचार पत्र एवम सिटी न्यूज़ का भी संचालन भी कराया।
शहर में प्रवीन सिंह एरन दम्पति सामाजिक राजनीतिक कार्यो में भी दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राष्ट्रहित की सोच के साथ जनता के बीच रहकर काम करने में भी विश्वास रखते हैं। मानव सेवा क्लब के अलावा यह सुप्रिया एरन सामाजिक कार्यो में भी निरन्तर सक्रिय रहती है। पर समाजवादी पार्टी के स्थानीय नेता लोग अगले चुनाव में उन्हें कितना महत्व देते हैं । अभी यह कहना मुश्किल ही है। उनके राजनीति के अंदाज से सभी भांति परिचित भी हैं।