सावधान ! अफसरों ने मूंदी हैं जानबूझकर आंखें, इंतजार बड़े हादसे का
संजीव गुप्ता लव इंडिया संभल। हो सकता है इस खबर को पढ़ने के बाद जिले के आला अधिकारी हमसे नाराज हो जाएं लेकिन यह हमारी मजबूरी है कि हम उन जिम्मेदाराना अप्सरान की तरह आंखें मूंदे नहीं रह सकते जिन्हें दुर्घटना रहित वाहन संचालन की जिम्मेदारी दी गई है क्योंकि यहां एक दो नहीं बल्कि दर्जनों ऐसे बच्चों की जान जोखिम में है जो किसी न किसी घर का चिराग है और इन चिरागों की जान जोखिम में डालने में उनके अपने ही घर वालों का हाथ भी है यह हम नहीं कह रहे बल्कि यह तस्वीरें आप देख लीजिए खुद निर्णय कीजिए कि क्या आपके बच्चे सुरक्षित हैं।
किशनदास मंडी सराय स्थित एक नामचीन इंग्लिश मीडियम स्कूल अच्छी शिक्षा के लिए क्षेत्र में विख्यात है लेकिन इसके बावजूद ऑटो रिक्शा से स्कूल को आने जाने वाले बच्चों की तरफ ना तो स्कूल प्रशासन का ध्यान है और ना ही अपने बच्चे को स्कूल भेजने वाले गार्ड्स जनों का ध्यान है और ना ही संभागीय परिवहन आरटीओ विभाग का तथा यातायात नियमों का पालन कराने वाले ट्रैफिक पुलिस और चंदौसी चुंगी चौराहे पर हरदम तैनात रहने वाली पुलिस का क्योंकि जब यह ऑटो रिक्शा स्कूल से बच्चों को ऑटो में भूसे की तरह ठूंस ठूंस कर भरकर अपने गंतव्य तक छोड़ने जाते हैं तो बच्चों को इस तरह बैठ आते हैं कि उनको अपने पैर भी मोड़ कर बैठना पड़ता है जबकि बगैर नंबर और लाइसेंस के बिना चलने वाले ऑटो पर पाबंदी लगी हुई है इसके बावजूद भी इन ऑटो को प्रशासन बंद कराने में नाकाम साबित होता नजर आ रहा है अब सवाल यह उठता है इस नामचीन स्कूल में मोटी फीस लेने के उपरांत भी बच्चों को स्कूल लाने और घर भेजने की कोई भी ट्रांसपोर्ट व्यवस्था क्यों नहीं है।
अगर है तो इन बच्चों को स्कूल वाहन में क्यों नहीं भेजा और लाया जाता है जबकि इस नामचीन इस स्कूल में सभी पैसे वाले लोगों के बच्चे पढ़ते हैं तो क्या वह इतनी मोटी फीस देने के बाद अपने बच्चों की सुरक्षा के खातिर ट्रांसपोर्ट का खर्चा नहीं दे सकते यह एक सोचनीय विषय है इसको लेकर कहीं ना कहीं स्कूल तंत्र की लापरवाही साफ जाहिर दिख रही है आखिर इन बच्चों की सुरक्षा का जिम्मेदार कौन हैं।
अब देखना है इन नैनी हालो को भूसे की तरह भर भर कर ऑटो रिक्शा में ले जाने वाले ऑटो चालक सरपट सड़क पर दौड़ते हैं और जिस चौराहे से गुजरते हैं वहां पर पुलिस तथा यातायात ट्रैफिक पुलिस भी तैनात रहती है लेकिन जब इनके सामने से यह गुजरते हैं तो पुलिस मूर्ख दर्शक बनी रहती है अब देखना है इन ऑटो रिक्शा चालक के खिलाफ प्रशासन और स्कूल तंत्र की तरफ से क्या कार्रवाई होती है।