Chhatrapati Shivaji Maharaj की प्रतिमा इंपीरियल तिराहे पर स्थापित होगी

लव इंडिया, मुरादाबाद। महानगर के इंपीरियल किराए पर हिंदू सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित होगी यह प्रतिमा अलीगढ़ से तैयार होकर आ गई है। इस प्रतिमा का मुरादाबाद के महापौर विनोद अग्रवाल ने बुधवार को सर्वप्रथम अवलोकन किया

लंबे अरसे से विभिन्न संगठनों द्वारा मुरादाबाद में महाराज छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित किए जाने की मांग की जा रही है जिसे अब नगर निगम मुरादाबाद पूरा करने जा रहा है और इंपीरियल तिराहे पर हिंदू सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित की जाएगी यह प्रतिमा अलीगढ़ से तैयार होकर आ गई है।

बुधवार को अलीगढ़ से तैयार होकर आई है प्रतिमा फिलहाल पीलीकोठी स्थित स्मार्ट सिटी कार्यालय के बाहर है। इसमें छत्रपति शिवाजी महाराज घोड़े पर सवार हैं। इंपीरियल तिराहा पर स्थापित होने से पहले महापौर विनोद अग्रवाल ने प्रतिमा का अवलोकन किया और कहा कि हिंदू सम्राट छत्रपति शिवाजी महाराज की यह प्रतिमा युवाओं को देश के लिए मर मिटने का संदेश देगी।

आई जानिए छत्रपति शिवाजी महाराज का परिचय

छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किए तथा छापामार युद्ध (Guerilla Warfare) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। वे भारतीय स्वाधीनता संग्राम में नायक के रूप में स्मरण किए जाने लगे। बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रीयता की भावना के विकास के लिए शिवाजीराजे जन्मोत्सव की शुरुआत की।

मालोजीराजे भोसले (1552–1597) अहमदनगर सल्तनत के एक प्रभावशाली जनरल थे, पुणे चाकण और इंदापुर के देशमुख थे। मालोजीराजे के बेटे शहाजीराजे भी विजापुर सुल्तान के दरबार में बहुत प्रभावशाली राजनेता थे। शहाजी राजे अपने पत्नी जिजाबाई से शिवाजी का जन्म हुआ ।

आरम्भिक जीवन शासनावधि-1674 – 1680 राज्याभिषेक-6 जून 1674 पूर्ववर्ती-शहाजीराजे उत्तरवर्ती-सम्भाजीराजे जन्म-19 फरवरी 1630-शिवनेरी दुर्ग निधन-3 अप्रैल 1680 रायगढ़-समाधि-रायगढ़- संतान-सम्भाजी, राजाराम, राणुबाई आदि. घराना-भोंसले कुर्मी पिता-शहाजीराजे माता-जिजाबाई

छत्रपती शिवाजी महाराज ने अपनी अनुशासित सेना एवं सुसंगठित प्रशासनिक इकाइयों कि सहायता से एक योग्य एवं प्रगतिशील प्रशासन प्रदान किया। उन्होंने समर-विद्या में अनेक नवाचार किए तथा छापामार युद्ध (Guerilla Warfare) की नयी शैली (शिवसूत्र) विकसित की। उन्होंने प्राचीन हिन्दू राजनीतिक प्रथाओं तथा दरबारी शिष्टाचारों को पुनर्जीवित किया और मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। वे भारतीय स्वाधीनता संग्राम में नायक के रूप में स्मरण किए जाने लगे। बाल गंगाधर तिलक ने राष्ट्रीयता की भावना के विकास के लिए शिवाजीराजे जन्मोत्सव की शुरुआत की।

मालोजीराजे भोसले (1552–1597) अहमदनगर सल्तनत के एक प्रभावशाली जनरल थे, पुणे चाकण और इंदापुर के देशमुख थे। मालोजीराजे के बेटे शहाजीराजे भी विजापुर सुल्तान के दरबार में बहुत प्रभावशाली राजनेता थे। शहाजी राजे अपने पत्नी जिजाबाई से शिवाजी का जन्म हुआ था। Courtesy: Wikipedia

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